Sim Card

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Usha Verma
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Usha Verma
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Hindi
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Hardback

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152

★ एक हफ्ते बाद रात आठ बजे होंगे कि टेलीफोन की घंटी बजी, ‘‘क्या मैं मिसेज नारायन से बात कर सकती हूँ।’’ ‘‘जी हाँ, मैं मिसेज नारायन बोल रही हूँ। आप कौन हैं?’’ ‘‘मैं पुलिस स्टेशन से बोल रही हूँ। आप वसुधा खन्ना को जानती हैं।★ वह कह रही है कि वह आपके पास रह सकती है।’’ ‘‘जी हाँ, क्या बात है?’’ ‘‘वह अपने घर में नहीं रह सकती, उसे या तो पुलिस के किए इंतजाम में रहना होगा या वह आप के पास रह सकती है।’’ मैंने कहा, ‘‘मेरे पास रह सकती है, आप ले आइए।★ ’’ वसुधा के आने के बाद पुलिस वुमन ने बताया कि वसुधा ने आज करीब तीन बजे सौरभ के एक-एक कपड़े, कमीज, पैंट, टाई, कैमरा, लैपटॉप, फोटो अलबम, तमाम सीडी, वीडियो, घड़ी, मोबाइल फोन सब कुछ गार्डन में फेंक दिए और सब में आग लगा दी। —★ इसी संग्रह से मानवीय संवेदना और सरोकारों के ताने-बाने में बुनी ये मर्मस्पर्शी कहानियाँ पाठकों को झकझोरेंगी और उन्हें ये अपने आसपास घटित हो रही घटनाओं-पात्रों का सहसा स्मरण करा देंगी।.

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Description

★ एक हफ्ते बाद रात आठ बजे होंगे कि टेलीफोन की घंटी बजी, ‘‘क्या मैं मिसेज नारायन से बात कर सकती हूँ।’’ ‘‘जी हाँ, मैं मिसेज नारायन बोल रही हूँ। आप कौन हैं?’’ ‘‘मैं पुलिस स्टेशन से बोल रही हूँ। आप वसुधा खन्ना को जानती हैं।★ वह कह रही है कि वह आपके पास रह सकती है।’’ ‘‘जी हाँ, क्या बात है?’’ ‘‘वह अपने घर में नहीं रह सकती, उसे या तो पुलिस के किए इंतजाम में रहना होगा या वह आप के पास रह सकती है।’’ मैंने कहा, ‘‘मेरे पास रह सकती है, आप ले आइए।★ ’’ वसुधा के आने के बाद पुलिस वुमन ने बताया कि वसुधा ने आज करीब तीन बजे सौरभ के एक-एक कपड़े, कमीज, पैंट, टाई, कैमरा, लैपटॉप, फोटो अलबम, तमाम सीडी, वीडियो, घड़ी, मोबाइल फोन सब कुछ गार्डन में फेंक दिए और सब में आग लगा दी। —★ इसी संग्रह से मानवीय संवेदना और सरोकारों के ताने-बाने में बुनी ये मर्मस्पर्शी कहानियाँ पाठकों को झकझोरेंगी और उन्हें ये अपने आसपास घटित हो रही घटनाओं-पात्रों का सहसा स्मरण करा देंगी।.

About Author

जन्म : बाराबंकी, उत्तर प्रदेश ( भारत) । शिक्षा : एम.ए. (दर्शनशास्त्र), लखनऊ विश्‍वविद्यालय; पी.जी. सी.ई : ब्रैडफर्ड, यू. के. । शिक्षण : भागलपुर, यॉर्क व लीड्स विश्वविद्यालय । सीनियर लेक्चरर : मेट्रोपॉलिटन विश्‍वविद्यालय (शिक्षा विभाग) । परीक्षक : हिंदू धर्म तथा हिंदी साहित्य, कैंब्रिज विश्‍वविद्यालय । पुस्तकें : कविता संग्रह : ' क्षतिज अधूरे ', अनुवाद : ' हाऊ डू यू पुट इट ऑन ' ( बोडलीहेड, यू. के.) । प्रकाशित कविताएँ : ' समकालीन भारतीय साहित्य ', ' आजकल ', ' कादंबिनी ', ' साहित्य अमृत ' जैसी पत्रिकाओं में । कविताओं के अंग्रेजी अनुवाद ट्रांसलेशन तथा ड्रीम कैचर पत्रिकाओं में छपे हैं । आमंत्रित- ' आर्ट काउंसिल प्रोजेक्ट ', ' वेटिंग रूम ' । भाषा-ज्ञान : अंग्रेजी, बँगला तथा उर्दू । संपर्क : 33, ईस्ट फील्ड क्रेजेंट, बैजर हिल, यॉर्क Y0105HZ यू. के.।

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