शौर्यगाथाएँ I Shaurya Gathayen

Publisher:
Penguin Random House
| Author:
Vikram Sampath
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback

339

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Weight 280 g
Book Type

ISBN:
SKU 9780143461388 Categories , ,
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Page Extent:
352

यह किताब भारतीय इतिहास के उन पंद्रह भूले-बिसरे और गुमनाम बहादुर स्त्री-पुरुषों के कृत्यों, कालखंड और उनके योगदानों पर प्रकाश डालती है जिन्होंने न केवल रणभूमि में हथियार उठाए बल्कि विपरीत परिस्थितियों में भी आशा की किरण जलाए रखी।

उन्होंने धर्म और अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए आक्रांताओं से बहादुरी पूर्वक लोहा लिया।
मणिपुर के राजर्षि भाग्यचंद्र जय सिंह, अहमदनगर की चांद बीबी, असम के लचित बरफुकन, अवध की बेगम हजरत महल, उल्लाल की रानी अब्बक्का चौटा, त्रावणकोर के मार्तंड वर्मा, वारंगल की रानी रुद्रम्मा देवी, गुजरात की रानी नायकी देवी और बंदा सिंह बदादुर कुछ ऐसे ही योद्धा हैं जो अपने देश की संस्कृति और परंपरा के लिए लड़े थे।

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Description

यह किताब भारतीय इतिहास के उन पंद्रह भूले-बिसरे और गुमनाम बहादुर स्त्री-पुरुषों के कृत्यों, कालखंड और उनके योगदानों पर प्रकाश डालती है जिन्होंने न केवल रणभूमि में हथियार उठाए बल्कि विपरीत परिस्थितियों में भी आशा की किरण जलाए रखी।

उन्होंने धर्म और अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए आक्रांताओं से बहादुरी पूर्वक लोहा लिया।
मणिपुर के राजर्षि भाग्यचंद्र जय सिंह, अहमदनगर की चांद बीबी, असम के लचित बरफुकन, अवध की बेगम हजरत महल, उल्लाल की रानी अब्बक्का चौटा, त्रावणकोर के मार्तंड वर्मा, वारंगल की रानी रुद्रम्मा देवी, गुजरात की रानी नायकी देवी और बंदा सिंह बदादुर कुछ ऐसे ही योद्धा हैं जो अपने देश की संस्कृति और परंपरा के लिए लड़े थे।

About Author

विक्रम सम्पत बेंगलुरु में रहने वाले मशहूर इतिहासकार हैं जिनकी सावरकर की लिखी दो खंडों की जीवनी काफी चर्चित हुई है। उसका पहला खंड सावरकर;एक भूले-बिसरे अतीत की गूँज और दूसरा खंड सावरकर; एक विवादित विरासत के नाम से है।2021 में विक्रम को रॉयल हिस्टोरिकल सोसाइटी ऑफ यूके का फेलो चुना गया और उन्हें अंग्रेजी साहित्य में साहित्य अकादमी का पहला युवा पुरस्कार भी मिल चुका है। उन्होंने हिस्ट्री और म्यूजिक में यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड. ऑस्ट्रेलिया से पीएचडी की है।
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