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Shabdon ke Sath Sath: Janiye Kahan Se Kaise Aate Hain Shabd Aur Kya Hai Unka Sahi Prayog
Publisher:
Hind Pocket Books
| Author:
Dr. Suresh Pant
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
₹250 ₹200
Save: 20%
In stock
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1-4 Days
In stock
Weight | 220 g |
---|---|
Book Type |
ISBN:
Categories: Hindi, PIRecommends, Uncategorized
Page Extent:
304
भाषा की कुंजी अब आपके हाथों में!
प्रमुख भाषाविद एवं भाषा विज्ञानी सुरेश पंत कई दशकों से भाषा से सम्बन्धित समस्याओं का समाधान करते आए हैं। सोशल मीडिया और ब्लॉग्स के माध्यम से भी वे समय-समय पर अपने भाषाई ज्ञान को सबके साथ साझा करते रहे हैं। यह पुस्तक उनके आजीवन हिंदी शिक्षण, प्रशिक्षण और उसके अनुप्रयोग से जुड़े अनुभवों का सार है।
हिंदी को बरतते हुए कई बार शब्दों की उत्पत्ति, उनकी वर्तनी, प्रयोग, दो समान शब्दों में अर्थ की भिन्नता, शब्द की विविध अर्थ छटाओं की समझ तथा इसी प्रकार की अनेक समस्याएँ सामने आती हैं। इन्हीं उलझनों को समझने और सुलझाने में आपकी मदद करेगी यह पुस्तक। साथ ही, आप पाएँगे पारम्परिक अर्थ और विविध सन्दर्भों में उनके प्रयोग, प्रचलित अर्थों में सूक्ष्म अन्तर, शब्द के पर्याय और आंचलिक स्वरूपों में उनकी विविधता।
यह पुस्तक हर वर्ग के हिंदी प्रेमी के लिए काम की है; विशेषकर हिंदी शिक्षण, अध्ययन, अनुवाद, मीडिया आदि से जुड़े कर्मियों और प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए व्यवहारिक कोश के समान उपयोगी।
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Description
भाषा की कुंजी अब आपके हाथों में!
प्रमुख भाषाविद एवं भाषा विज्ञानी सुरेश पंत कई दशकों से भाषा से सम्बन्धित समस्याओं का समाधान करते आए हैं। सोशल मीडिया और ब्लॉग्स के माध्यम से भी वे समय-समय पर अपने भाषाई ज्ञान को सबके साथ साझा करते रहे हैं। यह पुस्तक उनके आजीवन हिंदी शिक्षण, प्रशिक्षण और उसके अनुप्रयोग से जुड़े अनुभवों का सार है।
हिंदी को बरतते हुए कई बार शब्दों की उत्पत्ति, उनकी वर्तनी, प्रयोग, दो समान शब्दों में अर्थ की भिन्नता, शब्द की विविध अर्थ छटाओं की समझ तथा इसी प्रकार की अनेक समस्याएँ सामने आती हैं। इन्हीं उलझनों को समझने और सुलझाने में आपकी मदद करेगी यह पुस्तक। साथ ही, आप पाएँगे पारम्परिक अर्थ और विविध सन्दर्भों में उनके प्रयोग, प्रचलित अर्थों में सूक्ष्म अन्तर, शब्द के पर्याय और आंचलिक स्वरूपों में उनकी विविधता।
यह पुस्तक हर वर्ग के हिंदी प्रेमी के लिए काम की है; विशेषकर हिंदी शिक्षण, अध्ययन, अनुवाद, मीडिया आदि से जुड़े कर्मियों और प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए व्यवहारिक कोश के समान उपयोगी।
About Author
डॉक्टर सुरेश पंत का जन्म उत्तराखंड के एक गांव में हुआ और वहीं से उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पूरी की। उसके बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से स्नातक, दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी में परास्नातक, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संस्कृत में परास्नातक, मेरठ विश्वविद्यालय से पीएचडी के साथ ही, तमिल तथा रूसी भाषा में डिप्लोमा कोर्स भी किया। तत्पश्चात साठ के दशक के पूर्वाद्ध से आप उत्तर प्रदेश और दिल्ली के विभिन्न संस्थानों में हिन्दी शिक्षण के क्षेत्र में विषय विशेषज्ञ, पठन सामग्री निर्माता, शिक्षक प्रशिक्षक, लेखक, समीक्षक इत्यादि विविध प्रकार के महती रूपों में सक्रिय हैं।
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