Secularism: rastra droha ka dusra nam

Publisher:
Voice of India
| Author:
Sita Ram Goel (1921-2003)
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback

89

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Weight 110 g
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“सेक्युलरिज्म: राष्ट्रद्रोह का दूसरा नाम” एक पुस्तक है जिसके लेखक सीता राम गोयल हैं। यह पुस्तक एक महत्वपूर्ण विचारधारा को समझने और समीक्षा करने का प्रयास करती है। इस पुस्तक में लेखक ने सेक्युलरिज्म की परिभाषा, इसके महत्वपूर्ण सिद्धांतों की व्याख्या और इसके सम्बंध में अपनी विचारधारा को साझा किया है।

यह पुस्तक भारतीय समाज में सेक्युलरिज्म के विभिन्न पहलुओं पर विचार करती है, जैसे राष्ट्रीय एकता, धार्मिक स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता, धर्मांतरण और धर्मसंस्कृति। लेखक इस पुस्तक के माध्यम से इन मुद्दों पर विचार करने के लिए एक समर्थ वाद प्रस्तुत करते हैं।

सीता राम गोयल द्वारा लिखी गई “सेक्युलरिज्म: राष्ट्रद्रोह का दूसरा नाम” एक विचारशील और विचारात्मक पुस्तक है जो विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, और राजनीतिक मुद्दों पर संवेदनशील विचार करती है। इस पुस्तक का अध्ययन भारतीय समाज में सेक्युलरिज्म की व्याख्या और उसके प्रभाव को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

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Description

“सेक्युलरिज्म: राष्ट्रद्रोह का दूसरा नाम” एक पुस्तक है जिसके लेखक सीता राम गोयल हैं। यह पुस्तक एक महत्वपूर्ण विचारधारा को समझने और समीक्षा करने का प्रयास करती है। इस पुस्तक में लेखक ने सेक्युलरिज्म की परिभाषा, इसके महत्वपूर्ण सिद्धांतों की व्याख्या और इसके सम्बंध में अपनी विचारधारा को साझा किया है।

यह पुस्तक भारतीय समाज में सेक्युलरिज्म के विभिन्न पहलुओं पर विचार करती है, जैसे राष्ट्रीय एकता, धार्मिक स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता, धर्मांतरण और धर्मसंस्कृति। लेखक इस पुस्तक के माध्यम से इन मुद्दों पर विचार करने के लिए एक समर्थ वाद प्रस्तुत करते हैं।

सीता राम गोयल द्वारा लिखी गई “सेक्युलरिज्म: राष्ट्रद्रोह का दूसरा नाम” एक विचारशील और विचारात्मक पुस्तक है जो विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, और राजनीतिक मुद्दों पर संवेदनशील विचार करती है। इस पुस्तक का अध्ययन भारतीय समाज में सेक्युलरिज्म की व्याख्या और उसके प्रभाव को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

About Author

सीता राम गोयल एक प्रमुख भारतीय विचारक, इतिहासकार, और साहित्यकार थे जिन्होंने अपने जीवनकाल में धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर गहरे विचार किए। उन्होंने अपनी पुस्तकों और लेखन कार्य में भारतीय संस्कृति, इतिहास, और समाज की मूलभूत तत्वों पर विशेष ध्यान दिया। सीता राम गोयल को उनकी बड़ी बुद्धिमत्ता, साहसिकता, और उनके समाज में दिए गए विचारों के लिए जाना जाता है। उनकी विचारधारा अनेकों विवादों का केंद्र रही है, और उन्होंने समाज में धार्मिक संवाद और सामाजिक सुधार की दिशा में अपने योगदानों से प्रमुखता प्राप्त की। सीता राम गोयल की लेखनी से निकले उनके विचार और समाजशास्त्रीय अध्ययन भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से भारतीय समाज को विचारों और ज्ञान की ऊर्जा से प्रेरित किया।

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