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Rajpal and Sons Muhawara Kosh
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मुहावरों के बिना न बोलने की भाषा में जान पड़ती है, न लिखने की। “मुहावरा” शब्द का अर्थ ही अरबी भाषा में बातचीत करना या उत्तर देना है। मुहावरे भाषा को रोचक और गतिशील बनाते है और उनके बिना भाषा निस्तेज, नीरस और निष्प्राण हो जाती है। अनेक वर्षों के परिश्रम से तैयार किया गया यह संकलन हिन्दी भाषा में प्रचलित हजारों मुहावरे, उनके अर्थ तवा श्रेष्ठ लेखकों द्वारा प्रयुक्त उनके उदाहरणों सहित प्रस्तुत करता है। यह लेखकों तथा अनुवादकों के लिए तो उपयोगी है ही, सामान्य जन भी इसकी सहायता से दैनिक जीवन में बोली जाने वाली अपनी भाषा को चित्रमय और प्रभावी बना सकते हैं। आज़ की दुनिया में अच्छा बोलने वालों के लिए ही प्रगति के मार्ग खुलते हैं, अन्यों के लिए नहीं, इसलिए ज़िन्दगी की दौड़ में आगे बढ़ने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए भी इस संग्रह का विशेष महत्व है।
मुहावरों के बिना न बोलने की भाषा में जान पड़ती है, न लिखने की। “मुहावरा” शब्द का अर्थ ही अरबी भाषा में बातचीत करना या उत्तर देना है। मुहावरे भाषा को रोचक और गतिशील बनाते है और उनके बिना भाषा निस्तेज, नीरस और निष्प्राण हो जाती है। अनेक वर्षों के परिश्रम से तैयार किया गया यह संकलन हिन्दी भाषा में प्रचलित हजारों मुहावरे, उनके अर्थ तवा श्रेष्ठ लेखकों द्वारा प्रयुक्त उनके उदाहरणों सहित प्रस्तुत करता है। यह लेखकों तथा अनुवादकों के लिए तो उपयोगी है ही, सामान्य जन भी इसकी सहायता से दैनिक जीवन में बोली जाने वाली अपनी भाषा को चित्रमय और प्रभावी बना सकते हैं। आज़ की दुनिया में अच्छा बोलने वालों के लिए ही प्रगति के मार्ग खुलते हैं, अन्यों के लिए नहीं, इसलिए ज़िन्दगी की दौड़ में आगे बढ़ने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए भी इस संग्रह का विशेष महत्व है।
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