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दो गज की दूरी | DO GAZ KI DURI
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जिनकी मुट्ठियों में सुराख था | JINKI MUTTHIYON MEIN SURAKH THA
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परिंदे के इंतज़ार सा कुछ | PARINDE KE INTAZAR SA KUCH
Publisher:
Setu Prakashan
| Author:
NEELAKSHI SINGH
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Setu Prakashan
Author:
NEELAKSHI SINGH
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹325 ₹293
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3-5 Days
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ISBN:
SKU
9789395160063
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
256
नीलाक्षी सिंह की कहानियाँ मनुष्यता के पक्ष में एक अपील हैं। निरन्तर तिरोहित हो रही मानवीय संवेदना उनकी कहानियों का केन्द्रीय सरोकार है। परिन्दे का इन्तज़ार सा कुछ की कहानियाँ इसी तिरोहित हो रही मानवीयता को परिवार, समाज, सम्प्रदाय आदि के विभिन्न स्तरों पर प्रस्तुत करती हैं।
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Description
नीलाक्षी सिंह की कहानियाँ मनुष्यता के पक्ष में एक अपील हैं। निरन्तर तिरोहित हो रही मानवीय संवेदना उनकी कहानियों का केन्द्रीय सरोकार है। परिन्दे का इन्तज़ार सा कुछ की कहानियाँ इसी तिरोहित हो रही मानवीयता को परिवार, समाज, सम्प्रदाय आदि के विभिन्न स्तरों पर प्रस्तुत करती हैं।
About Author
जन्म : 17 मार्च 1978, हाजीपुर, बिहार प्रकाशन : परिंदे का इंतज़ार सा कुछ, जिनकी मुट्ठियों में सुराख़ था, जिसे जहाँ नहीं होना था, इब्तिदा के आगे ख़ाली ही (कहानी संग्रह); शुद्धिपत्र, खेला (उपन्यास) सम्मान : रमाकांत स्मृति सम्मान, कथा सम्मान, साहित्य अकादेमी स्वर्ण जयंती युवा पुरस्कार, प्रो. ओमप्रकाश मालवीय एवं भारती देवी स्मृति सम्मान और कलिंग बुक ऑफ़ बुक ऑफ़ द इयर 2020-21
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