Olympic Khel Aur Bharat (HB)

Publisher:
Radhakrishna Prakashan
| Author:
Kanishk Pandey
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Radhakrishna Prakashan
Author:
Kanishk Pandey
Language:
Hindi
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Hardback

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ओलम्पिक खेल प्राचीन यूनानी सभ्यता की देन है जहाँ ईसा पूर्व 776 से लेकर 393 ई. तक उनका आयोजन होता रहा। ये खेल ओलम्पिया पर्वत पर होते थे जिसके कारण इन्हें ओलम्पिक कहा जाने लगा। एक दन्तकथा के अनुसार हरक्यूलिस और उनके पिता को ओलम्पिक का जनक माना जाता है।प्राचीन ओलम्पिक के ईसवी सन् 393 के बन्द होने के कोई पन्द्रह सौ साल बाद आधुनिक ओलम्पिक आयोजनों का आरम्भ उन्नीसवीं सदी के आखिरी दशक में आकर हुआ जो अब तक जारी है। आज यह विश्व का सबसे बड़ा खेल-महाकुम्भ है जिसमें अनेक खिलाड़ी, अनेक टीमें, अनेक देश विशुद्ध खेल भावना के साथ अपनी विजय के लिए संघर्ष करते हैं।किसी भी खिलाड़ी के लिए ओलम्पिक तक पहुँचना उसका सबसे बड़ा सपना होता है, एक महान उपलब्धि। कड़े परिश्रम और साधना के बाद ओलम्पिक तक पहुँचे इन खिलाड़ियों को इसलिए हम श्रेष्ठतम प्रतिभा कह सकते हैं, और ओलम्पिक को श्रेष्ठतम खेल-प्रतियोगिता।ओलम्पिक में ऐसे अनेक खिलाड़ी सामने आते हैं जो देश-दुनिया और समाज के लिए आदर्श बन गए।  विकट, विषम परिस्थतियों से पार पाकर वे कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने।इस पुस्तक में हम ओलम्पिक में शामिल सभी खेलों के साथ ही खिलाड़ियों के बारे में भी विस्तार से पढ़ेंगे। हर खेल के विवरण के साथ इसमें भारत के प्रदर्शन को विशेष रूप में रेखांकित किया गया है। और हो सकता है कि इन पृष्ठों पर दी गई जानकारी किसी भावी खिलाड़ी के लिए प्रेरणा ही बन जाए।

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Description

ओलम्पिक खेल प्राचीन यूनानी सभ्यता की देन है जहाँ ईसा पूर्व 776 से लेकर 393 ई. तक उनका आयोजन होता रहा। ये खेल ओलम्पिया पर्वत पर होते थे जिसके कारण इन्हें ओलम्पिक कहा जाने लगा। एक दन्तकथा के अनुसार हरक्यूलिस और उनके पिता को ओलम्पिक का जनक माना जाता है।प्राचीन ओलम्पिक के ईसवी सन् 393 के बन्द होने के कोई पन्द्रह सौ साल बाद आधुनिक ओलम्पिक आयोजनों का आरम्भ उन्नीसवीं सदी के आखिरी दशक में आकर हुआ जो अब तक जारी है। आज यह विश्व का सबसे बड़ा खेल-महाकुम्भ है जिसमें अनेक खिलाड़ी, अनेक टीमें, अनेक देश विशुद्ध खेल भावना के साथ अपनी विजय के लिए संघर्ष करते हैं।किसी भी खिलाड़ी के लिए ओलम्पिक तक पहुँचना उसका सबसे बड़ा सपना होता है, एक महान उपलब्धि। कड़े परिश्रम और साधना के बाद ओलम्पिक तक पहुँचे इन खिलाड़ियों को इसलिए हम श्रेष्ठतम प्रतिभा कह सकते हैं, और ओलम्पिक को श्रेष्ठतम खेल-प्रतियोगिता।ओलम्पिक में ऐसे अनेक खिलाड़ी सामने आते हैं जो देश-दुनिया और समाज के लिए आदर्श बन गए।  विकट, विषम परिस्थतियों से पार पाकर वे कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने।इस पुस्तक में हम ओलम्पिक में शामिल सभी खेलों के साथ ही खिलाड़ियों के बारे में भी विस्तार से पढ़ेंगे। हर खेल के विवरण के साथ इसमें भारत के प्रदर्शन को विशेष रूप में रेखांकित किया गया है। और हो सकता है कि इन पृष्ठों पर दी गई जानकारी किसी भावी खिलाड़ी के लिए प्रेरणा ही बन जाए।

About Author

कनिष्क पाण्डेय

कनिष्क पाण्डेय सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली से स्नातक और दिल्ली विश्वविद्यालय से एल.एल.बी. हैं। उन्होंने ‘स्पोर्ट्स : ए वे ऑफ़ लाइफ़’ विषय पर तीन साल तक शोध किया है। उन्होंने एक स्वयंसेवी संस्था की स्थापना की और जन-जन तक खेलों को पहुँचाने के लिए प्रयासरत हैं। डॉ. कनिष्क की प्रकाशित पुस्तकें हैं—‘स्पोर्ट्स : ए वे ऑफ़ लाइफ़’ (अंग्रेजी), ‘स्पोर्ट्स : ए वे ऑफ़ लाइफ़’ (हिन्दी), ‘खेल प्रवेशिका’, ‘Know Sports’, ‘चलो खेलों की ओर’ (NBT), ‘खेलों में भारत के स्वर्णिम पल’, ‘ओलम्पिक खेल और भारत’, ‘ओलम्पिक खेलों को जानें’ आदि। इसके अतिरिक्त इन्होंने ‘आदर्श खेल गाँव’, ‘इनडायरेक्ट स्पोर्ट्स थेरेपी’, ‘स्पोर्ट् सथेरेपी फॉर ऑल’  जैसी संकल्पनाएँ दी हैं।

डॉ. कनिष्क पाण्डेय वर्तमान में इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड टेक्नोलॉजी (IMT), गाजियाबाद में स्पोर्ट् सरिसर्च सेंटर के प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं।

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