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Neeti Aur Ramcharit
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Himanshu Pathak
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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ISBN:
Categories: Dharma/Religion, Hindi
Page Extent:
248
नीति और रामचरित—हिमांशु पाठक मूलत: यह पुस्तक ‘स्वान्त: सुखाय’ ही लिखी गई है। एक और लक्ष्य भी रहा है। वह है भारत तथा विदेशों में रहती भारत-मूल की युवा पीढ़ी को प्राचीन भारतीय पारंपरिक ज्ञान से परिचित कराना। रामचरितमानस ज्ञान का भंडार है। इस ‘दोहा शतक’ में रामचरितमानस से मूलत: ऐसे दोहों या चौपाइयों का चयन किया गया है, जो साधारण मनोविज्ञान पर आधारित हैं। इन दोहों-चौपाइयों को हिंदी में दिया गया है, साथ-साथ उनका अंग्रेजी में अनुवाद भी दिया गया है। इस कारण जो पाठक हिंदी से भली-भाँति परिचित नहीं हैं, उन्हें भी इन दोहो-चौपाइयों में छिपे ज्ञान का लाभ मिल सके। विद्वान् लेखक ने अपने सुदीर्घ अनुभव और अध्ययन के बल पर अपनी टिप्पणी भी लिखी है, जिन्हें पाठकगण अपने जीवन-अनुभवों व विचारों के अनुसार उन्हें आत्मसात् कर सकते हैं। मानस के विशद ज्ञान को सरल-सुबोध भाषा में आसमान तक पहुँचाने का एक विनम्र प्रयास।.
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Description
नीति और रामचरित—हिमांशु पाठक मूलत: यह पुस्तक ‘स्वान्त: सुखाय’ ही लिखी गई है। एक और लक्ष्य भी रहा है। वह है भारत तथा विदेशों में रहती भारत-मूल की युवा पीढ़ी को प्राचीन भारतीय पारंपरिक ज्ञान से परिचित कराना। रामचरितमानस ज्ञान का भंडार है। इस ‘दोहा शतक’ में रामचरितमानस से मूलत: ऐसे दोहों या चौपाइयों का चयन किया गया है, जो साधारण मनोविज्ञान पर आधारित हैं। इन दोहों-चौपाइयों को हिंदी में दिया गया है, साथ-साथ उनका अंग्रेजी में अनुवाद भी दिया गया है। इस कारण जो पाठक हिंदी से भली-भाँति परिचित नहीं हैं, उन्हें भी इन दोहो-चौपाइयों में छिपे ज्ञान का लाभ मिल सके। विद्वान् लेखक ने अपने सुदीर्घ अनुभव और अध्ययन के बल पर अपनी टिप्पणी भी लिखी है, जिन्हें पाठकगण अपने जीवन-अनुभवों व विचारों के अनुसार उन्हें आत्मसात् कर सकते हैं। मानस के विशद ज्ञान को सरल-सुबोध भाषा में आसमान तक पहुँचाने का एक विनम्र प्रयास।.
About Author
हिमांशु पाठक भारत में जनमे व पले-बढे़ हिमांशु पाठक विगत चालीस वर्षों से अमेरिका में रह रहे हैं। फिजिक्स, एस्ट्रोनॉमी तथा इलेक्ट्रिकल व कंप्यूटर इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्रियाँ प्राप्त करने के बावजूद उनकी भारतीय साहित्य-संस्कृति में विशेष अभिरुचि है। उन्होंने हिंदू धर्म दर्शन-वाङ्मय का गहन अध्ययन किया है तथा वेदांत, आयुर्वेद, ज्योतिष आदि में उनकी विशेष रुचि है। उन्होंने अमेरिका की अनेक बड़ी कंपनियों यथा बैल लैबोरेट्रीज आदि में सेवाएँ दी हैं तथा अपने सहकर्मियों व AT&T के ग्राहकों को इंटरनेट एवं दूरसंचार तकनीकों का प्रशिक्षण दिया है। सेवानिवृत्ति के उपरांत आप स्वान्त: सुखाय लेखन-अध्ययन में संलग्न हैं।
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