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Patanjali Yog Sutra 263

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Main Ambedkar Bol Raha Hoon

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Dinkar Kumar
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Dinkar Kumar
Language:
Hindi
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Hardback

263

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1-4 Days

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Book Type

ISBN:
Page Extent:
16

“जो कुछ मैं कर सका, वह जीवन भर मुसीबतें सहन करके विरोधियों से टक्कर लेने के बाद कर पाया हूँ। जिस कारवाँ को आप यहाँ देख रहे हैं, उसे मैं अनेक कठिनाइयों से यहाँ ला पाया हूँ। अनेक अवरोधों, जो इसके मार्ग में आ सकते हैं, के बावजूद इस कारवाँ को बढ़ते रहना है। अगर मेरे अनुयायी इसे आगे ले जाने में असमर्थ रहे तो उन्हें इसे यहीं पर छोड़ देना चाहिए, जहाँ पर यह अब है; पर किन्हीं भी परिस्थितियों में इसे पीछे नहीं हटने देना है। मेरी जनता के लिए मेरा यही संदेश है।”.

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Description

“जो कुछ मैं कर सका, वह जीवन भर मुसीबतें सहन करके विरोधियों से टक्कर लेने के बाद कर पाया हूँ। जिस कारवाँ को आप यहाँ देख रहे हैं, उसे मैं अनेक कठिनाइयों से यहाँ ला पाया हूँ। अनेक अवरोधों, जो इसके मार्ग में आ सकते हैं, के बावजूद इस कारवाँ को बढ़ते रहना है। अगर मेरे अनुयायी इसे आगे ले जाने में असमर्थ रहे तो उन्हें इसे यहीं पर छोड़ देना चाहिए, जहाँ पर यह अब है; पर किन्हीं भी परिस्थितियों में इसे पीछे नहीं हटने देना है। मेरी जनता के लिए मेरा यही संदेश है।”.

About Author

जन्म: 5 अक्‍तूबर, 1967, ब्रह्मपुरा, दरभंगा (बिहार)। कृतित्व: असमिया भाषा से 40 पुस्तकों का अनुवाद, दो कविता संग्रह एवं एक उपन्यास प्रकाशित। पुरस्कार: ‘सोमदत्त सम्मान’, ‘जयप्रकाश भारती पत्रकारिता सम्मान’, ‘जस्टिस शारदा चरण मित्र भाषा सेतु सम्मान’। विगत 23 वर्षों से पत्रकारिता में। संप्रति: हिंदी दैनिक ‘सेंटीनल’ के संपादक।.

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