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Koorha Samay

Publisher:
Rajpal and Sons
| Author:
Wajahat, Asghar
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Rajpal and Sons
Author:
Wajahat, Asghar
Language:
Hindi
Format:
Paperback

257

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In stock

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1-4 Days

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SKU 9789389373660 Category
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Page Extent:
160

ये छोटी कहानियाँ अपने अर्थ और संदर्भ में छोटी नहीं हैं।
1976 में देश में एमरजेंसी के समय असग़र वजाहत ने छोटी प्रतीकात्मक कहानियाँ लिखनी शुरू कीं और ‘‘कोशिश यह रही कि शैली एक-सी न हो। कहीं वे पंचतंत्र की कहानियाँ जैसी लगें, कहीं वे आधुनिक मुहावरों में हों, कहीं केवल संवाद में हों, कहीं अमूर्तन हों तो कहीं सूफ़ी परम्परा की कहानियाँ जैसी लगें। ये छोटी कहानियाँ अपने अर्थ और संदर्भ में छोटी नहीं थीं।’’ लेखक का मानना है कि आज लोगों के दिमाग में धर्म, जाति, देश एकाधिकारवाद, घृणा और नफ़रत का ऐसा कूड़ा भरा जा रहा है जिसके कारण चारों तरफ़ बढ़ती हिंसा देखने को मिलती है। ‘‘कूड़े को हटाने की कोशिश कूड़ा पहचानने से शुरू होती है। कूड़ा समय इस दिशा में एक बहुत छोटी-सी कोशिश है।’’
असग़र वजाहत कहानी के अतिरिक्त उपन्यास, आख्यान, नाटक, फ़िल्म-पटकथा के लिए भी जाने जाते हैं। 2022 में उनके नाटक महाबली को ‘व्यास सम्मान’ से सम्मानित किया गया है। उनकी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं – बाक़र गंज के सैयद, सबसे सस्ता गोश्त, सफ़ाई गन्दा काम है, जिस लाहौर नईं देख्या ओ जम्या ई नईं, गोडसे /गांधी.कॉम, भीड़तंत्र, अतीत का दरवाज़ा, स्वर्ग में पाँच दिन और महाबली।

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Description

ये छोटी कहानियाँ अपने अर्थ और संदर्भ में छोटी नहीं हैं।
1976 में देश में एमरजेंसी के समय असग़र वजाहत ने छोटी प्रतीकात्मक कहानियाँ लिखनी शुरू कीं और ‘‘कोशिश यह रही कि शैली एक-सी न हो। कहीं वे पंचतंत्र की कहानियाँ जैसी लगें, कहीं वे आधुनिक मुहावरों में हों, कहीं केवल संवाद में हों, कहीं अमूर्तन हों तो कहीं सूफ़ी परम्परा की कहानियाँ जैसी लगें। ये छोटी कहानियाँ अपने अर्थ और संदर्भ में छोटी नहीं थीं।’’ लेखक का मानना है कि आज लोगों के दिमाग में धर्म, जाति, देश एकाधिकारवाद, घृणा और नफ़रत का ऐसा कूड़ा भरा जा रहा है जिसके कारण चारों तरफ़ बढ़ती हिंसा देखने को मिलती है। ‘‘कूड़े को हटाने की कोशिश कूड़ा पहचानने से शुरू होती है। कूड़ा समय इस दिशा में एक बहुत छोटी-सी कोशिश है।’’
असग़र वजाहत कहानी के अतिरिक्त उपन्यास, आख्यान, नाटक, फ़िल्म-पटकथा के लिए भी जाने जाते हैं। 2022 में उनके नाटक महाबली को ‘व्यास सम्मान’ से सम्मानित किया गया है। उनकी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं – बाक़र गंज के सैयद, सबसे सस्ता गोश्त, सफ़ाई गन्दा काम है, जिस लाहौर नईं देख्या ओ जम्या ई नईं, गोडसे /गांधी.कॉम, भीड़तंत्र, अतीत का दरवाज़ा, स्वर्ग में पाँच दिन और महाबली।

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