Khidkiyan

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
दामोदर खडसे
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Vani Prakashan
Author:
दामोदर खडसे
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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दामोदर खड़से का उपन्यास ‘खिड़कियाँ’ पढ़ते समय ऐसा लगता है कि पाठक स्वयं अपने सामने खड़े हैं। दुनिया में कई लोग ऐसे हैं, जो अकेले हैं और अपने-आप से लड़ रहे हैं। यह उपन्यास पढ़ने पर पाठक अपने-आपको अकेला महसूस नहीं करेंगे। अपने जैसे कई लोग हमारे आसपास हैं, यह पाठक अनुभव करेंगे। जब व्यक्ति अपनी इच्छा से अकेलापन चुनता है, तब वह ‘एकान्त’ पा जाता है। फिर इस ‘एकान्त’ में अकेले होकर भी ख़ुश रहता है। ऐसी स्थिति में वह स्वयं को तरोताज़ा, सकारात्मक और ऊर्जावान रखता है। इस उपन्यास का ‘नायक’ अरुण प्रकाश ऐसा ‘एकान्त’ हासिल करने में यशस्वी हो जाते हैं। वे ‘खिड़कियों’ से कई लोगों के जीवन को अनुभव करते हैं। उन्हीं अनुभवों से वे अपने जीवन को देखते हैं- इसी से उन्हें ‘एकान्त’ की प्राप्ति होती है। ऐसा ही ‘एकान्त’ पाठक महसूस कर सकें, यही दामोदर खड़से बताना चाहते हैं और लगता है, यह बताने में वह पूर्णतः सफल हुए हैं।

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दामोदर खड़से का उपन्यास ‘खिड़कियाँ’ पढ़ते समय ऐसा लगता है कि पाठक स्वयं अपने सामने खड़े हैं। दुनिया में कई लोग ऐसे हैं, जो अकेले हैं और अपने-आप से लड़ रहे हैं। यह उपन्यास पढ़ने पर पाठक अपने-आपको अकेला महसूस नहीं करेंगे। अपने जैसे कई लोग हमारे आसपास हैं, यह पाठक अनुभव करेंगे। जब व्यक्ति अपनी इच्छा से अकेलापन चुनता है, तब वह ‘एकान्त’ पा जाता है। फिर इस ‘एकान्त’ में अकेले होकर भी ख़ुश रहता है। ऐसी स्थिति में वह स्वयं को तरोताज़ा, सकारात्मक और ऊर्जावान रखता है। इस उपन्यास का ‘नायक’ अरुण प्रकाश ऐसा ‘एकान्त’ हासिल करने में यशस्वी हो जाते हैं। वे ‘खिड़कियों’ से कई लोगों के जीवन को अनुभव करते हैं। उन्हीं अनुभवों से वे अपने जीवन को देखते हैं- इसी से उन्हें ‘एकान्त’ की प्राप्ति होती है। ऐसा ही ‘एकान्त’ पाठक महसूस कर सकें, यही दामोदर खड़से बताना चाहते हैं और लगता है, यह बताने में वह पूर्णतः सफल हुए हैं।

About Author

सम्मान : केन्द्रीय साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली द्वारा ‘बारोमास' के लिए अकादेमी पुरस्कार (अनुवाद)-2015, महाराष्ट्र भारती अखिल भारतीय हिन्दी सेवा सम्मान-2016 (महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी) साथ ही, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा; उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ मध्य प्रदेश साहित्य परिषद, भोपाल; महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी, प्रियदर्शनी, मुम्बई; नयी धारा, पटना; अपनी भाषा, कोलकाता; गुरुकुल, पुणे; केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, नयी दिल्ली आदि संस्थानों द्वारा सम्मानित। राइटर-इन-रेजीडेंस : महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा में ‘राइटर-इन-रेजीडेंस' के रूप में नियुक्त। विदेश-यात्रा : संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, नेपाल, थाईलैंड। कार्यकारी अध्यक्ष : महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी (2011-2015)। सदस्य : केन्द्रीय हिन्दी समिति (अध्यक्ष : प्रधान मन्त्री, भारत सरकार) सहित कई मन्त्रालयों की हिन्दी सलाहकार समिति व विश्वविद्यालयों के बोर्ड ऑफ़ स्टडीज़ पर सदस्य के रूप में कार्य। रचनाओं का मराठी, अंग्रेज़ी, कन्नड़, गुजराती, पंजाबी, सिन्धी, राजस्थानी आदि भाषा में अनुवाद। सम्प्रति : स्वतन्त्र लेखन।

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