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Kala Naag

Publisher:
HIND POCKET BOOKS PRINTS
| Author:
PATHAK, SURENDRA MOHAN
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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HIND POCKET BOOKS PRINTS
Author:
PATHAK, SURENDRA MOHAN
Language:
Hindi
Format:
Paperback

174

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1-4 Days

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Weight 290 g
Book Type

ISBN:
SKU 9789353496111 Categories , Tag
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Page Extent:
384

वह एक पुलिस अफ़सर था। एक थाने का थाना प्रभारी जो ज़ाती रंजिश के तहत अपने मातहत ऑफिसर के पीछे पड़ा हुआ था। उसके पंगेजी मिजाज़ का ये आलम था कि वो खुद को ‘काला नाग’ कहता था जिसका काटा पानी नहीं मांगता था। मुम्बई अंडरवर्ल्ड, पुलिस डिपार्टमेंट के अंदर की राजनीति और ड्रग्स कारोबार का ऐसा शानदार लेकिन रोंगटे खड़े करने वाला चित्रण आपको कहीं नहीं मिलेगा जैसा ‘काला नाग’ में है। साथ ही, मुम्बईया ज़ुबान की खुशबू भी इस उपन्यास में है, जिसे पढ़ते वक्त आप सचमुच असली मुम्बई|

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Description

वह एक पुलिस अफ़सर था। एक थाने का थाना प्रभारी जो ज़ाती रंजिश के तहत अपने मातहत ऑफिसर के पीछे पड़ा हुआ था। उसके पंगेजी मिजाज़ का ये आलम था कि वो खुद को ‘काला नाग’ कहता था जिसका काटा पानी नहीं मांगता था। मुम्बई अंडरवर्ल्ड, पुलिस डिपार्टमेंट के अंदर की राजनीति और ड्रग्स कारोबार का ऐसा शानदार लेकिन रोंगटे खड़े करने वाला चित्रण आपको कहीं नहीं मिलेगा जैसा ‘काला नाग’ में है। साथ ही, मुम्बईया ज़ुबान की खुशबू भी इस उपन्यास में है, जिसे पढ़ते वक्त आप सचमुच असली मुम्बई|

About Author

सुरेन्द्र मोहन पाठक का जन्म 19 फरवरी, 1940 को पंजाब के खेमकरण में हुआ था। विज्ञान में स्नातक की उपाधि हासिल करने के बाद उन्होंने भारतीय दूरभाष उद्योग में नौकरी कर ली। युवावस्था तक कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लेखकों को पढ़ने के साथ ही उन्होंने इयन फ़्लेमिंग, मारियो पूज़ो और जेम्स हेडली चेज़ के उपन्यासों का अनुवाद शुरू कर दिया और इसके बाद आप मौलिक लेखन करने लगे। सुरेन्द्र मोहन पाठक के सबसे प्रसिद्ध उपन्यास असफल अभियान और खाली वार थे, जिसने पाठक जी को प्रसिद्धि के सबसे ऊँचे शिखर पर पहुँचा दिया। इसके पश्चात उन्होंने अभी तक पीछे मुड़ कर नहीं देखा है। उनका पैंसठ लाख की डकैती नामक उपन्यास अंग्रेजी में भी छपा और उसकी करोड़ों प्रतियाँ बिकने की खबर चर्चा में रही।

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