Jansarokar Ke Patrakar Harivansh

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Dr. R. K. Nirad
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Dr. R. K. Nirad
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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राज्यसभा के उपसभापति हरिवंशजी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। पत्रकारिता, राजनीति और सामाजिक सरोकार के क्षेत्रों में उनके योगदान के कई आयाम हैं। पत्रकारिता, प्रबंधन और ज्ञान के क्षेत्र में वे जिज्ञासा का विषय हैं। हरिवंशजी पत्रकारिता की एक परंपरा हैं। प्रबंधन के क्षेत्र में उनके सफल प्रयोग आज बड़े संस्थानों को भी दृष्टि दे रहे हैं। ज्ञानानुशासन के सभी क्षेत्रों में उन्होंने व्यापक अनुभव प्राप्त कर समकालीन पत्रकारिता और अखबारी प्रबंधन को नई दृष्टि तथा अगली पीढ़ी को ज्ञान का विपुल भंडार दिया है। वे पत्रकारिता के मॉडल हैं। विचार और आचरण के क्षेत्र में भी हरिवंशजी आदर्श पुरुष हैं। समाजवादी-गांधीवादी विचारों के प्रतीक हैं। वे स्पष्टतः एक राजनीतिक व्यक्ति हैं, किंतु उनमें दलगत राजनीति के प्रति तटस्थता है। वे राजनीतिक आचरण और विचार का अनुसरण करने के प्रबल पक्षधर हैं। हरिवंशजी उच्च कोटि के लेखक भी हैं। समाजवादी विचारधारा का अनुसरण और उस विचारधारा के प्रभाव में मूल्य- आधारित पत्रकारीय, सामाजिक और राजनीतिक जीवन जीनेवाले हरिवंशजी में बौद्धिक स्तर पर अन्य राजनीतिक-धाराओं के प्रति सम्मान का भाव है। हरिवंशजी की पत्रकारिता निश्चय ही जनसरोकारी-जनपक्षीय है। उनके लेखन-संसार में विषयों का असाधारण वैविध्य है। साहित्य, भाषा, संस्कृति, अध्यात्म और शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अपने विशिष्ट दृष्टिकोण से प्रचुर लेखन किया है। संपादक और प्रबंधक के रूप में उनका वैचारिक संतुलन और समन्वय-कौशल अद्भुत है।.

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Description

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंशजी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। पत्रकारिता, राजनीति और सामाजिक सरोकार के क्षेत्रों में उनके योगदान के कई आयाम हैं। पत्रकारिता, प्रबंधन और ज्ञान के क्षेत्र में वे जिज्ञासा का विषय हैं। हरिवंशजी पत्रकारिता की एक परंपरा हैं। प्रबंधन के क्षेत्र में उनके सफल प्रयोग आज बड़े संस्थानों को भी दृष्टि दे रहे हैं। ज्ञानानुशासन के सभी क्षेत्रों में उन्होंने व्यापक अनुभव प्राप्त कर समकालीन पत्रकारिता और अखबारी प्रबंधन को नई दृष्टि तथा अगली पीढ़ी को ज्ञान का विपुल भंडार दिया है। वे पत्रकारिता के मॉडल हैं। विचार और आचरण के क्षेत्र में भी हरिवंशजी आदर्श पुरुष हैं। समाजवादी-गांधीवादी विचारों के प्रतीक हैं। वे स्पष्टतः एक राजनीतिक व्यक्ति हैं, किंतु उनमें दलगत राजनीति के प्रति तटस्थता है। वे राजनीतिक आचरण और विचार का अनुसरण करने के प्रबल पक्षधर हैं। हरिवंशजी उच्च कोटि के लेखक भी हैं। समाजवादी विचारधारा का अनुसरण और उस विचारधारा के प्रभाव में मूल्य- आधारित पत्रकारीय, सामाजिक और राजनीतिक जीवन जीनेवाले हरिवंशजी में बौद्धिक स्तर पर अन्य राजनीतिक-धाराओं के प्रति सम्मान का भाव है। हरिवंशजी की पत्रकारिता निश्चय ही जनसरोकारी-जनपक्षीय है। उनके लेखन-संसार में विषयों का असाधारण वैविध्य है। साहित्य, भाषा, संस्कृति, अध्यात्म और शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अपने विशिष्ट दृष्टिकोण से प्रचुर लेखन किया है। संपादक और प्रबंधक के रूप में उनका वैचारिक संतुलन और समन्वय-कौशल अद्भुत है।.

About Author

डॉ. आर. के. नीरद वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, जनजातीय कला एवं संस्कृति के गहरे जानकार और आर.टी.आई. एक्टिविस्ट हैं। 1994 से ‘प्रभात खबर’ से संबद्ध हैं और हरिवंशजी के सान्निध्य-निर्देशन में दो दशक से ज्यादा समय तक पत्रकारिता की। इसी अवधि में आकाशवाणी, दूरदर्शन, साधना न्यूज, सहारा और न्यूज-11 जैसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए भी काम किया। साहित्यिक पत्रिका ‘नई प्रतिभा’, ‘नए स्वर’ एवं ‘ऋचा’ तथा पाक्षिक समाचार-पत्र ‘झारखंड संदेश’ का संपादन किया। आदिवासी चित्रकला अकादमी, दुमका एवं दुमका प्रेस क्लब के अध्यक्ष और भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, दुमका के मानद सचिव रहे। संताल जनजाति की लुप्तप्राय रैखिक थाती ‘जादोपटिया पेंटिंग’ और फिर ‘बैद्यनाथ पेंटिंग’ इनकी दो बड़ी खोज हैं। आर.टी.आई. पर लघु-शोध के लिए झारखंड सरकार से मीडिया फेलोशिप, ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल इंडिया से फेलोशिप तथा कई संगठनों से अवार्ड। संताल जनजातीय संस्कृति पर अध्ययन के लिए सांस्कृतिक कार्य निदेशालय, झारखंड सरकार से फेलोशिप। हरिवंशजी की पत्रकारिता पर शोध-कार्य के लिए इन्हें 2017 में झारखंड के एस.के.एम. विश्वविद्यालय, दुमका ने डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। हरिवंशजी पर यह प्रथम पुस्तक है। संपर्क: 15, कल्याण-राज निवास, कमलाबाग कॉलोनी, दुधानी, दुमका-814101 (झारखंड) इ-मेल: niradrk@gmail.com मो.: 8789097471 9431177865.

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