Jaane Maane Itihaskar : Karyavidhi Disha Aur Unke Chhal

Publisher:
VANI PRAKASHAN
| Author:
Arun Shourie
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
VANI PRAKASHAN
Author:
Arun Shourie
Language:
Hindi
Format:
Hardback

371

Save: 25%

Out of stock

Ships within:
1-4 Days

Out of stock

Book Type

ISBN:
SKU 9789352296668 Category Tag
Category:
Page Extent:
266

जून-जुलाई 1988 में प्रगतिवादियों ने अच्छा-खासा बवंडर खड़ा किया। उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया कि सरकार ने भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद् में राममन्दिर समर्थक इतिहासकार भर दिये हैं। और जैसी कि उनकी आदत है, उन्होंने एक कपटजाल फैलाकर हलचल पैदा कर दी। इस हलचल ने मुझे उनकी कारगुज़ारियों की जाँच-पड़ताल करने और यह देखने के लिए मजबूर कर दिया कि उन्होंने भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद् जैसी संस्था का क्या हाल कर डाला था। इसके लिए मैंने उनके द्वारा लिखी गयी पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन किया। इन बुद्धिजीवियों और इनके हिमायतियों ने एक शैतानी ढंग से हमारे धर्म की उल्टी तस्वीर पेश की है। हमारे समन्वयवादी धर्म, हमारे लोगों, हमारे देश की बहुलवादी और आध्यात्मिक तलाश को इन्होंने असहिष्णु, संकीर्णमना और दकियानूसी बताया है। दूसरी तरफ़ इस्लाम, ईसाई धर्म और मार्क्सवाद-लेनिनवाद जैसे अपवर्जक, सर्वसत्तावादी धर्मों और विचारधाराओं के प्रतीक बताया है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Jaane Maane Itihaskar : Karyavidhi Disha Aur Unke Chhal”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

जून-जुलाई 1988 में प्रगतिवादियों ने अच्छा-खासा बवंडर खड़ा किया। उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया कि सरकार ने भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद् में राममन्दिर समर्थक इतिहासकार भर दिये हैं। और जैसी कि उनकी आदत है, उन्होंने एक कपटजाल फैलाकर हलचल पैदा कर दी। इस हलचल ने मुझे उनकी कारगुज़ारियों की जाँच-पड़ताल करने और यह देखने के लिए मजबूर कर दिया कि उन्होंने भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद् जैसी संस्था का क्या हाल कर डाला था। इसके लिए मैंने उनके द्वारा लिखी गयी पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन किया। इन बुद्धिजीवियों और इनके हिमायतियों ने एक शैतानी ढंग से हमारे धर्म की उल्टी तस्वीर पेश की है। हमारे समन्वयवादी धर्म, हमारे लोगों, हमारे देश की बहुलवादी और आध्यात्मिक तलाश को इन्होंने असहिष्णु, संकीर्णमना और दकियानूसी बताया है। दूसरी तरफ़ इस्लाम, ईसाई धर्म और मार्क्सवाद-लेनिनवाद जैसे अपवर्जक, सर्वसत्तावादी धर्मों और विचारधाराओं के प्रतीक बताया है।

About Author

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Jaane Maane Itihaskar : Karyavidhi Disha Aur Unke Chhal”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

[wt-related-products product_id="test001"]