Itani Paas Tumhare

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Anuradha Sharma
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Anuradha Sharma
Language:
Hindi
Format:
Hardback

149

Save: 1%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

ISBN:
SKU 9789384344429 Categories , Tag
Categories: ,
Page Extent:
88

★ सात साल की अबोध बच्ची कहती है मुझसे— दादी माँ, आप कभी बूढ़े मत होना। सुना है बूढ़े लोग मर जाते हैं और मैं किसी भी अपने को खोना नहीं चाहती। ____ तुम्हारे बेइंतहा प्यार ने दी जुबान मेरे खयाल को तुम्हारी चाहतों के फूल महकाते हैं डाल-डाल को। ये खयाल है छलावा ये महक है महज सपना यह जानती हूँ मैं फिर भी तुम्हारे अहसास का अहसान बहुत मानती हूँ मैं।★

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Itani Paas Tumhare”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

★ सात साल की अबोध बच्ची कहती है मुझसे— दादी माँ, आप कभी बूढ़े मत होना। सुना है बूढ़े लोग मर जाते हैं और मैं किसी भी अपने को खोना नहीं चाहती। ____ तुम्हारे बेइंतहा प्यार ने दी जुबान मेरे खयाल को तुम्हारी चाहतों के फूल महकाते हैं डाल-डाल को। ये खयाल है छलावा ये महक है महज सपना यह जानती हूँ मैं फिर भी तुम्हारे अहसास का अहसान बहुत मानती हूँ मैं।★

About Author

अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के मुल्तान जिले के ग्राम सुजाबाद में 12 दिसंबर, 1941 को जन्मी अनुराधा शर्मा ने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। देश के विभाजन के पश्चात् उनका परिवार भारत के पंजाब प्रांत के जिला भटिंडा के मराज गाँव में आ गया। अपने गाँव में, नानी के यहाँ अमृतसर में और दिल्ली में उनकी शिक्षा-दीक्षा हुई। विवाह के पश्चात् उनका निवास स्थान हो गया, राजस्थान में श्री गंगानगर जिले का कस्बा श्रीकरणपुर। यहीं पर खेतीबाड़ी और शिक्षा के क्षेत्र में बाल-गोपालों को सँवारने का काम उन्होंने दिल से किया। इसके बाद डिजाइनदार खादी वस्त्र, दरियाँ बनाने और राजधानी जयपुर में ज्वैलरी डिजाइन के क्षेत्र में भी अपनी कार्यकुशलता की धाक जमाई। बी.ए., बी.एड. श्रीमती अनुराधा शर्मा संवेदनशील व कर्मशील व्यक्तित्व की धनी है। अपने कार्य के अतिरिक्त वर्षों से गद्य व पद्य लेखन में उनकी रुचि रही है। जीवन के खट्टे-मीठे, विरह और मिलन तथा मानव मन की गहराइयों ने लेखिका के अंतर्मन को स्पंदित किया है। यही भावनाएँ कविता के रूप में प्रस्फुटित हुई हैं, जो पाठक की चेतना को आल्हादित करती हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Itani Paas Tumhare”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED