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Ian Cardozo (Set Of 2 Books): Mahaparakram | Bharatiya Sena Ka Gauravshali Itihas
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कम सैनिकों वाली भारतीय सेना की एक गोरखा बटालियन ने दुश्मन की सीमा के काफी अंदर पहली बार हेलिकॉप्टर से किए गए ऑपरेशन में एक ऐसी पाकिस्तानी फौज को हराया, जो संख्या में उससे बीस गुना अधिक थी। भारतीय वायु सेना के लड़ाकों ने एक साहसी हवाई हमले में ढाका के गवर्नर हाउस को निशाना बनाया, जिससे ढाका में पाकिस्तानी सरकार को घुटने टेकने और आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा। युद्ध के बाद पुणे स्थित कृत्रिम अंग केंद्र में युद्ध में घायल हुए चार योद्धा घनिष्ठ मित्र बन गए। सच्ची कहानियों के इस संग्रह में दिग्गज योद्धा मेजर जनरल इयान कारडोजो बताते हैं कि 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान वास्तव में क्या हुआ था। जीवित बचे योद्धाओं और उनके परिवार के साक्षात्कारों के माध्यम से उन्होंने हर कहानी का जीवंत वर्णन किया है। आई.एन.एस. खुखरी की त्रासदी और उसके साथ जल में समा जानेवाले साहसी कप्तान से लेकर गोरखा बटालियन के एक कमांडिंग ऑफिसर के नैतिक साहस तक, जिन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों का विरोध किया और दुश्मन के ठिकाने पर कब्जा करने की उनकी योजना को अस्वीकृत कर दिया ऐसी कहानियों से पता चलता है कि उन लोगों के मन में क्या चल रहा था, जो जल, थल और नभ में अपने सैनिकों का नेतृत्व इस लड़ाई में कर रहे थे।
भारतीय सेना का इतिहास विशिष्ट, उच्च कोटि का और गौरवशाली रहा है। भारतीय सैनिकों के शौर्य, साहस, पराक्रम एवं बलिदान की गाथाएँ सदियों से गाई जाती रही हैं। वे गाथाएँ इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हैं। शौर्य व साहस के अतिरिक्त भारतीय सेना सैन्य धर्म एवं चरित्रगत आचरण के लिए भी जानी जाती है। बारहवीं शताब्दी से लेकर अब तक—फिर चाहे वह पृथ्वीराज चौहान, राजा पोरस, राणा साँगा, महाराणा प्रताप या शिवाजी के नेतृत्व में लड़ी हो अथवा प्रथम व द्वितीय विश्वयुद्ध में ब्रिटिश सेना के झंडे तले या स्वतंत्रता के पश्चात् उसने चीन व पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ा हो—उसका इतिहास सैन्य दृष्टिकोण से उज्ज्वल और गौरवपूर्ण रहा है। भारतीय सेना के परंपरागत, चारित्रिक और सैद्धांतिक मूल्यों का समावेश करते हुए इसके सैनिकों द्वारा समय-समय पर प्रस्तुत सैन्य आदर्शों का विवरण इस पुस्तक में प्रस्तुत है। सेना के विशिष्ट व उच्च अधिकारियों द्वारा वर्णित यह गौरवशाली गाथा पुस्तक में दिए गए सैकड़ों जीवंत चित्रों के द्वारा और भी रोचक, रोमांचक व प्रामाणिक बन पड़ी है। यह पुस्तक भारतीय सेना, उसके विकास एवं विस्तार तथा राष्ट्रीय विकास में उसके योगदानों के संबंध में पाठकों के लिए संक्षिप्त, विश्लेषणपरक और प्रामाणिक जानकारी प्रस्तुत करती है। भारतीय सेना के आरंभिक काल से लेकर आज तक के इतिहास को सँजोए यह पुस्तक स्वयं में अद्भुत एवं अनुपम प्रस्तुति है।.
कम सैनिकों वाली भारतीय सेना की एक गोरखा बटालियन ने दुश्मन की सीमा के काफी अंदर पहली बार हेलिकॉप्टर से किए गए ऑपरेशन में एक ऐसी पाकिस्तानी फौज को हराया, जो संख्या में उससे बीस गुना अधिक थी। भारतीय वायु सेना के लड़ाकों ने एक साहसी हवाई हमले में ढाका के गवर्नर हाउस को निशाना बनाया, जिससे ढाका में पाकिस्तानी सरकार को घुटने टेकने और आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा। युद्ध के बाद पुणे स्थित कृत्रिम अंग केंद्र में युद्ध में घायल हुए चार योद्धा घनिष्ठ मित्र बन गए। सच्ची कहानियों के इस संग्रह में दिग्गज योद्धा मेजर जनरल इयान कारडोजो बताते हैं कि 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान वास्तव में क्या हुआ था। जीवित बचे योद्धाओं और उनके परिवार के साक्षात्कारों के माध्यम से उन्होंने हर कहानी का जीवंत वर्णन किया है। आई.एन.एस. खुखरी की त्रासदी और उसके साथ जल में समा जानेवाले साहसी कप्तान से लेकर गोरखा बटालियन के एक कमांडिंग ऑफिसर के नैतिक साहस तक, जिन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों का विरोध किया और दुश्मन के ठिकाने पर कब्जा करने की उनकी योजना को अस्वीकृत कर दिया ऐसी कहानियों से पता चलता है कि उन लोगों के मन में क्या चल रहा था, जो जल, थल और नभ में अपने सैनिकों का नेतृत्व इस लड़ाई में कर रहे थे।
भारतीय सेना का इतिहास विशिष्ट, उच्च कोटि का और गौरवशाली रहा है। भारतीय सैनिकों के शौर्य, साहस, पराक्रम एवं बलिदान की गाथाएँ सदियों से गाई जाती रही हैं। वे गाथाएँ इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हैं। शौर्य व साहस के अतिरिक्त भारतीय सेना सैन्य धर्म एवं चरित्रगत आचरण के लिए भी जानी जाती है। बारहवीं शताब्दी से लेकर अब तक—फिर चाहे वह पृथ्वीराज चौहान, राजा पोरस, राणा साँगा, महाराणा प्रताप या शिवाजी के नेतृत्व में लड़ी हो अथवा प्रथम व द्वितीय विश्वयुद्ध में ब्रिटिश सेना के झंडे तले या स्वतंत्रता के पश्चात् उसने चीन व पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ा हो—उसका इतिहास सैन्य दृष्टिकोण से उज्ज्वल और गौरवपूर्ण रहा है। भारतीय सेना के परंपरागत, चारित्रिक और सैद्धांतिक मूल्यों का समावेश करते हुए इसके सैनिकों द्वारा समय-समय पर प्रस्तुत सैन्य आदर्शों का विवरण इस पुस्तक में प्रस्तुत है। सेना के विशिष्ट व उच्च अधिकारियों द्वारा वर्णित यह गौरवशाली गाथा पुस्तक में दिए गए सैकड़ों जीवंत चित्रों के द्वारा और भी रोचक, रोमांचक व प्रामाणिक बन पड़ी है। यह पुस्तक भारतीय सेना, उसके विकास एवं विस्तार तथा राष्ट्रीय विकास में उसके योगदानों के संबंध में पाठकों के लिए संक्षिप्त, विश्लेषणपरक और प्रामाणिक जानकारी प्रस्तुत करती है। भारतीय सेना के आरंभिक काल से लेकर आज तक के इतिहास को सँजोए यह पुस्तक स्वयं में अद्भुत एवं अनुपम प्रस्तुति है।.
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