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GOOD ECONOMICS FOR HARD TIMES
Publisher:
MANJUL
| Author:
ABHIJEET BANERJEE & ESTHER DUFLO
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Page Extent:
362
यह पता लगाना हमारे समय की एक बड़ी चुनौती है कि आज की गंभीर आर्थिक समस्याओं से कैसे निपटा जाए। यह अंतरिक्ष यात्रा से कहीं ज़्यादाऔर शायद कैंसर का इलाज करने से भीज़्यादा चुनौती पूर्ण है – इसमें एक बेहतर जीवन की परिकल्पना का विचारऔर शायद पूरा उदार लोकतंत्र ही दाँव पर लगा है।इन समस्याओं को हल करने के लिए हमारे पास संसाधन तो हैं, लेकिन हमारे पास ऐसे विचारों की कमी है, जो असहमति और अविश्वास की उस दीवार को पार करने में हमारी मदद कर सकें, जो हमें बाँट देती है। यदि हम इस खोज में गंभीरता से जुड़ते हैं, और यदि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ज्ञानवान लोग प्रभावशीलता और राजनीतिक व्यावहारिकता के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हमारे सामाजिक कार्यक्रमों को नया स्वरूप देने के लिए सरकारों और नागरिक समाज के साथ काम करते हैं, तभी इतिहास हमारे युग को कृतज्ञता के साथ याद रखेगा। अपनी इस क्रांतिकारी पुस्तक में मशहूरअर्थशास्त्री अभिजीत वी. बैनर्जी और एस्थर डुफ़्लो इस चुनौती को स्वीकार करते हुए अर्थशास्त्र में अत्याधुनिक शोध के आधार पर स्पष्टता और गरिमा के साथ इसकी व्याख्या करते हैं। यह किताब मौलिक, विचारोत्तजक और अत्यावश्यक है, जो करुणा और सम्मान के आधार पर निर्मित समाज के प्रति बुद्धिमत्ता भरे हस्तक्षेप के लिए प्रेरित करती है। यह असाधारण किताब जोखिम भरे ढंग से संतुलित दुनिया का आँकलन करने और उसे समझने में हमारी मदद करेगी।
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Description
यह पता लगाना हमारे समय की एक बड़ी चुनौती है कि आज की गंभीर आर्थिक समस्याओं से कैसे निपटा जाए। यह अंतरिक्ष यात्रा से कहीं ज़्यादाऔर शायद कैंसर का इलाज करने से भीज़्यादा चुनौती पूर्ण है – इसमें एक बेहतर जीवन की परिकल्पना का विचारऔर शायद पूरा उदार लोकतंत्र ही दाँव पर लगा है।इन समस्याओं को हल करने के लिए हमारे पास संसाधन तो हैं, लेकिन हमारे पास ऐसे विचारों की कमी है, जो असहमति और अविश्वास की उस दीवार को पार करने में हमारी मदद कर सकें, जो हमें बाँट देती है। यदि हम इस खोज में गंभीरता से जुड़ते हैं, और यदि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ज्ञानवान लोग प्रभावशीलता और राजनीतिक व्यावहारिकता के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हमारे सामाजिक कार्यक्रमों को नया स्वरूप देने के लिए सरकारों और नागरिक समाज के साथ काम करते हैं, तभी इतिहास हमारे युग को कृतज्ञता के साथ याद रखेगा। अपनी इस क्रांतिकारी पुस्तक में मशहूरअर्थशास्त्री अभिजीत वी. बैनर्जी और एस्थर डुफ़्लो इस चुनौती को स्वीकार करते हुए अर्थशास्त्र में अत्याधुनिक शोध के आधार पर स्पष्टता और गरिमा के साथ इसकी व्याख्या करते हैं। यह किताब मौलिक, विचारोत्तजक और अत्यावश्यक है, जो करुणा और सम्मान के आधार पर निर्मित समाज के प्रति बुद्धिमत्ता भरे हस्तक्षेप के लिए प्रेरित करती है। यह असाधारण किताब जोखिम भरे ढंग से संतुलित दुनिया का आँकलन करने और उसे समझने में हमारी मदद करेगी।
About Author
अभिजीत वी. बनर्जी मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं। साथ ही वह अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब (जे-पीएएल) के सह संस्थापक और सह निदेशक हैं। फॉरेन पॉलिसी पत्रिका ने 2011 में उन्हें दुनिया के शीर्ष 100 विचारकों में शामिल किया था। उन्होंने 2015 के बाद विकास के एजेंडे पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रतिष्ठित लोगों के पैनल में भी काम किया था। इनोगरल इंफोसिस प्राइज के साथ ही उन्हें अनेकों सम्मान और पुरस्कार मिले हैं। एस्थर डुफ़्लो के साथ मिलकर लिखी उनकी पिछली किताब पुअर इकोनॉमिक्स को फाइनेंशियल टाइम्स और गोल्डमैन साक्स बिजनेस बुक ऑफ द र्इयर का सम्मान मिला था। इसका 17 भाषाओं में अनुवाद हुआ था। वे कैम्ब्रिज मैसाच्युसेट्स में रहते हैं। एस्थर डुफ़्लो मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के अर्थशास्त्र विभाग में गरीबी उन्मूलन और विकास की प्रोफेसर हैं। साथ ही वह अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब (जे-पीएएल) की सह संस्थापक और सह निदेशक हैं। डुफ़्लो को अनेकों सम्मान और पुरस्कार मिले हैं। उन्हें 40 साल से कम उम्र के अमेरिकी अर्थशास्त्रियों के लिए जॉन बेट्स क्लार्क मेडल और मैकआर्थर जीनियस फेलोशिप भी मिली थी। 2011 में वह टाइम पत्रिका की 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल थीं। वे कैम्ब्रिज मैसाच्युसेट्स में रहती हैं।
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