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Germany Ki Shreshtha Kahaniyan

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Bhadra Sen Puri
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Bhadra Sen Puri
Language:
Hindi
Format:
Hardback

225

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1-4 Days

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Book Type

Page Extent:
163

भूमंडलीकरण के इस युग में, जबकि दो देशों के बीच की हजारों किलोमीटर की दूरी सिमट गई है, हिंदी भाषा के करोड़ों पाठक विभिन्न प्रमुख देशों की भाषाओं में लिखी गई रोचक कहानियों को पढ़ने से वंचित रह जाएँ-यह समय के तकाजे के विरुद्ध लगता है । वैसे भी, हिंदी पाठकों की रुचि हिंदी के कहानीकारों की कहानियों के साथ-साथ अब विदेशी भाषाओं की कहानियों, विशेषकर प्रसिद्ध और चर्चित कहानियों, में भी हो रही है । ऐसे ही सुधी पाठकों, प्राध्यापकों, शोधकर्ताओं और हिंदी सीख रहे विदेशी छात्रों के अनुरोध पर हम अनूदित विदेशी कहानियों की पुस्तकों की श्रृंखला में जर्मन भाषा की चुनिंदा कहानियों का भी अनुवाद इस पुस्तक-पुष्प के रूप में अर्पित कर रहे हैं । इनमें उन कहानीकारों की कलम की जादूगरी के साथ-साथ तत्कालीन जर्मन समाज और संस्कृति को भी देखा- समझा जा सकता है । सावधानी से चयनित और मुद्रित ये कहानियाँ अपनी रोचकता तथा श्रेष्‍ठता के कारण पाठकों को निश्‍चय ही प्रिय लगेंगी, ऐसा विश्‍वास है ।.

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Description

भूमंडलीकरण के इस युग में, जबकि दो देशों के बीच की हजारों किलोमीटर की दूरी सिमट गई है, हिंदी भाषा के करोड़ों पाठक विभिन्न प्रमुख देशों की भाषाओं में लिखी गई रोचक कहानियों को पढ़ने से वंचित रह जाएँ-यह समय के तकाजे के विरुद्ध लगता है । वैसे भी, हिंदी पाठकों की रुचि हिंदी के कहानीकारों की कहानियों के साथ-साथ अब विदेशी भाषाओं की कहानियों, विशेषकर प्रसिद्ध और चर्चित कहानियों, में भी हो रही है । ऐसे ही सुधी पाठकों, प्राध्यापकों, शोधकर्ताओं और हिंदी सीख रहे विदेशी छात्रों के अनुरोध पर हम अनूदित विदेशी कहानियों की पुस्तकों की श्रृंखला में जर्मन भाषा की चुनिंदा कहानियों का भी अनुवाद इस पुस्तक-पुष्प के रूप में अर्पित कर रहे हैं । इनमें उन कहानीकारों की कलम की जादूगरी के साथ-साथ तत्कालीन जर्मन समाज और संस्कृति को भी देखा- समझा जा सकता है । सावधानी से चयनित और मुद्रित ये कहानियाँ अपनी रोचकता तथा श्रेष्‍ठता के कारण पाठकों को निश्‍चय ही प्रिय लगेंगी, ऐसा विश्‍वास है ।.

About Author

भद्रसैन पुरी का जन्म पंजाब के एक प्रतिष्‍ठ‌ित परिवार में 2 सितंबर, 1916 को सुलतानपुर लोधी (कपूरथला) में हुआ । डी. ए. वी. मिडिल स्कूल, रावलपिंडी (1923 - 30), रामजस हाई स्कृल नं 3, दिल्ली ( 1930 - 33) तथा हिंदू कॉलेज, दिल्ली ( 1933 - 37) में शिक्षा पाप्‍त की । 1981 से 1987 तक सुपर बाजार पत्रिका, दिल्ली का अवैतनिक संपादन किया । तांत्रिक योग के रहस्यों को जानने के लिए 1987 - 88 में संपूर्ण भारत का भ्रमण किया। श्री पुरी एक मँजे हुए आइ भनेता, निर्देशक एवं नाटककार हैं। वर्तमान में मसिक पत्रिका ' वैदिक प्रेरणा ' का अवैतनिक संपादन कर रहे हैं। आपके द्वारा अनुवादित ' मोपासाँ की श्रेष्‍ठ कहानियाँ '. ' सोमरसेट मर्मि की चुनिंदा कहानियाँ ', ' ओ. हेनरी की रोचक कहानियाँ ', ' प्रतिनिधि जर्मन कहानियाँ ', ' प्रतिनिधि रूसी कहानियाँ'. ' प्रतिनिधि यूरोपीय देशों की कहानियाँ ' तथा ' स्पेन एवं इंग्लैंड की प्रतिनिधि कहानियाँ ' प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी अपनी कहानियाँ, एकांकी, संस्मरण, दर्शन परिचय तथा रत्‍न चिकित्सा भी शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रहो हैं।

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