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Gandhi : Ek Satya
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यह पुस्तक ही नहींगांधी के जीवन की परिक्रमा है,गांधी जहाँ से चले थेजो लेकर चले थेउसके प्रतिदान में जो दे गएउसकी समझ-खिड़कीबंद कर दी है,उसे खोलकरनई-ताजा हवा सेश्वास-विश्वास मेंपुन: जीवन पाने केअनुभव से गुजरने कीतीर्थयात्रा है।एक बार उठाओगेआँखों से लगाओगेपढ़ते चले जाओगे,जीने का व्रत लेताउम्र उसके हो जाओगे।इसमें बच्चों की भाषा हैसरल पारदर्शी चित्रशाला है,प्रेम-अहिंसा-करुणा नेसत्य के साक्षात्कारसे अमृत-सा मिलाया है।-राजेंद्र मोहन भटनागरमहात्मा गांधी की ऐसी झाँकी है यह पुस्तक, जो पाठक के मन-मस्तिष्क में उनके प्रेरक जीवन की अमित छाप छोड़ देगी।
यह पुस्तक ही नहींगांधी के जीवन की परिक्रमा है,गांधी जहाँ से चले थेजो लेकर चले थेउसके प्रतिदान में जो दे गएउसकी समझ-खिड़कीबंद कर दी है,उसे खोलकरनई-ताजा हवा सेश्वास-विश्वास मेंपुन: जीवन पाने केअनुभव से गुजरने कीतीर्थयात्रा है।एक बार उठाओगेआँखों से लगाओगेपढ़ते चले जाओगे,जीने का व्रत लेताउम्र उसके हो जाओगे।इसमें बच्चों की भाषा हैसरल पारदर्शी चित्रशाला है,प्रेम-अहिंसा-करुणा नेसत्य के साक्षात्कारसे अमृत-सा मिलाया है।-राजेंद्र मोहन भटनागरमहात्मा गांधी की ऐसी झाँकी है यह पुस्तक, जो पाठक के मन-मस्तिष्क में उनके प्रेरक जीवन की अमित छाप छोड़ देगी।
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