Ekada Bharatvarshe

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Hemant Sharma
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback

525

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354

हेमंत भाई की प्रतिभा अद्भुत है। दैनिक अनौपचारिक दिल्लगी-ठिठोलीवाली वाचिक किस्सागोई से लेकर सारगर्भित नाविक के तीर जैसी पैनी धारदार संपादकीय टिप्पणियों तक वे श्रोता और पाठक को मंत्रमुग्ध रखते हैं। उनका गद्य, सहज-सरस ही नहीं, असाधारण रूप से मर्मस्पर्शी होने के कारण पाठक से बड़ी आसानी से आत्मीय रिश्ता बुनता है। हमारा विश्वास है कि 21वीं सदी की ये बोधकथाएँ पाठक को कठिन समय में दुःख सहने की शक्ति और अच्छे समय में सुख के साझे की सन्मति प्रदान करेंगी। —पुष्पेश पंत ये कथाएँ संस्कृति के कैप्सूल हैं। समय के साथ-साथ कहानियों का स्वरूप बदलता रहता है, किंतु उनमें अंतर्निहित भावना सदा जीवित रहती है। हेमंतजी धरती से उगे हैं, उनके लिए मिट्टी से जुड़ा सत्य बहुत अर्थ रखता है, जिसकी गंध आप इस संकलन में लगातार अनुभव करते हैं। उन्होंने इन कथाओं को प्रस्तुत करके बड़ा उपकार किया है। उनके लिए जो प्रेरणादायक रहा है, उसे प्रदीप्त रखने का यह कार्य प्रशंसा योग्य है। —प्रसून जोशी इन कहानियों का भावार्थ हमारे वर्तमान समय के साथ जुड़ रहा है। महान् साहित्य की यही विशेषता है कि वह अपने समकालीन संदर्भों से जुड़कर एक नए रूप में सामने आता है, नया अर्थ-वैभव देता है, जो हमें समझने और जीने की शक्ति प्रदान करता है। इस कारण ये कहानियाँ आज अधिक महत्त्वपूर्ण हैं। इनको आज अधिक पढ़ा जाना चाहिए। —असगर वजाहत.

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Description

हेमंत भाई की प्रतिभा अद्भुत है। दैनिक अनौपचारिक दिल्लगी-ठिठोलीवाली वाचिक किस्सागोई से लेकर सारगर्भित नाविक के तीर जैसी पैनी धारदार संपादकीय टिप्पणियों तक वे श्रोता और पाठक को मंत्रमुग्ध रखते हैं। उनका गद्य, सहज-सरस ही नहीं, असाधारण रूप से मर्मस्पर्शी होने के कारण पाठक से बड़ी आसानी से आत्मीय रिश्ता बुनता है। हमारा विश्वास है कि 21वीं सदी की ये बोधकथाएँ पाठक को कठिन समय में दुःख सहने की शक्ति और अच्छे समय में सुख के साझे की सन्मति प्रदान करेंगी। —पुष्पेश पंत ये कथाएँ संस्कृति के कैप्सूल हैं। समय के साथ-साथ कहानियों का स्वरूप बदलता रहता है, किंतु उनमें अंतर्निहित भावना सदा जीवित रहती है। हेमंतजी धरती से उगे हैं, उनके लिए मिट्टी से जुड़ा सत्य बहुत अर्थ रखता है, जिसकी गंध आप इस संकलन में लगातार अनुभव करते हैं। उन्होंने इन कथाओं को प्रस्तुत करके बड़ा उपकार किया है। उनके लिए जो प्रेरणादायक रहा है, उसे प्रदीप्त रखने का यह कार्य प्रशंसा योग्य है। —प्रसून जोशी इन कहानियों का भावार्थ हमारे वर्तमान समय के साथ जुड़ रहा है। महान् साहित्य की यही विशेषता है कि वह अपने समकालीन संदर्भों से जुड़कर एक नए रूप में सामने आता है, नया अर्थ-वैभव देता है, जो हमें समझने और जीने की शक्ति प्रदान करता है। इस कारण ये कहानियाँ आज अधिक महत्त्वपूर्ण हैं। इनको आज अधिक पढ़ा जाना चाहिए। —असगर वजाहत.

About Author

हेमंत शर्मा जन्म और संस्कार से खाँटी बनारसी। व्यक्ति, समाज, प्रकृति, उत्सव, संस्कृति का ज्ञान इसी शहर में हुआ। शब्द, तात्पर्य और धारणाओं की समझ वहीं गाढ़ी हुई। पंद्रह साल तक जनसत्ता के राज्य संवाददाता रहने के बाद दो साल ‘हिंदुस्तान’ लखनऊ में संपादकी की। फिर लंबे अर्से तक टी.वी. पत्रकारिता। अब दिल्लीवास, लेकिन बनारस कभी नहीं छूटा। अयोध्या मुद्दे पर सबसे प्रामाणिक पुस्तकों ‘युद्ध में अयोध्या’ और ‘अयोध्या का चश्मदीद’ के लेखक। व्यवस्थित पढ़ाई के नाम पर बी.एच.यू. से हिंदी में डॉक्टरेट। लिखाई में समकालीन अखबारी दुनिया में कलम घिसी। कितना लिखा? गिनना मुश्किल है। ‘भारतेंदु समग्र’ का संपादन किया। कैलास-मानसरोवर की अंतर्यात्रा कराती पुस्तक ‘द्वितीयोनास्ति’ बहुचर्चित। एक अन्य पुस्तक ‘तमाशा मेरे आगे’ बकौल डॉ. नामवर सिंह की भाषा में इनके हँसमुख और शरारती गद्य की अभिव्यक्ति है। उत्तर प्रदेश सरकार के सर्वोच्च पुरस्कार ‘यशभारती’ से सम्मानित। राजनीति, समाज, परंपरा को समझने और पढ़ने का क्रम अब भी अनवरत जारी। इनके लेखन में आपको व्यक्ति, समाज, इतिहास, साहित्य और संस्कृति के सूत्र मिलेंगे। पहले लेखन को गुजर-बसर का सहारा माना, अब जीवन जीने का। ऐसे ही सफर जारी है।
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