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Dharamvir Bharati Se Sakshatkar

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
पुष्पा भारती
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
पुष्पा भारती
Language:
Hindi
Format:
Hardback

124

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Book Type

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ISBN:
SKU 812631043X Category
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Page Extent:
180

धर्मवीर भारती से साक्षात्कार –
साहित्य में सम्मान और लोकप्रियता के शिखर पर प्रतिष्ठित और नयी हिन्दी पत्रकारिता के महत्त्वपूर्ण स्तम्भ डॉ. धर्मवीर भारती से किये गये साक्षात्कारों की यह विशिष्ट कृति है ‘धर्मवीर भारती से साक्षात्कार’।
इसमें अपने समय के एक शीर्षस्थ कवि, चिन्तक, साहित्यकार और पत्रकार धर्मवीर भारती के बहुरंगी और बहुआयामी साक्षात्कार हैं, जिनके माध्यम से उनके अन्तरंग यथार्थ, उनका प्रखर चिन्तन और उनकी सर्जनात्मक वैचारिकता मुखर हैं। कह सकते हैं, यह पुस्तक भारती जी के जीवन और कर्म का जीवन्त दस्तावेज़ है। इसमें अपनी खट्टी-मीठी बहुत सी यादों, बहुत सी अनुभूतियों और राग-विराग, जीवन संघर्ष तथा समस्याओं से जुड़े अनेक बेलौस प्रश्नों के बेबाक उत्तर भारती जी ने दिये हैं।
‘धर्मवीर भारती से साक्षात्कार में एक ओर जहाँ से भारती जी की सांस्कृतिक मूल्यों, जीवन और समाज की जटिलताओं, मौजूदा विकास और वैचारिक रुग्णता को देखने समझने की दृष्टि उजागर है; वहीं इसमें उनके इतिहास बोध और संस्कार, आध्यात्मिक संघर्ष और द्वन्द्व की विकलता तथा साहित्य परिदृश्य के सम्बन्ध में उनके विचारों से भी साक्षात्कार होता है।
हिन्दी साहित्य के सुधी पाठकों के लिए एक अनिवार्य पुस्तक।

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Description

धर्मवीर भारती से साक्षात्कार –
साहित्य में सम्मान और लोकप्रियता के शिखर पर प्रतिष्ठित और नयी हिन्दी पत्रकारिता के महत्त्वपूर्ण स्तम्भ डॉ. धर्मवीर भारती से किये गये साक्षात्कारों की यह विशिष्ट कृति है ‘धर्मवीर भारती से साक्षात्कार’।
इसमें अपने समय के एक शीर्षस्थ कवि, चिन्तक, साहित्यकार और पत्रकार धर्मवीर भारती के बहुरंगी और बहुआयामी साक्षात्कार हैं, जिनके माध्यम से उनके अन्तरंग यथार्थ, उनका प्रखर चिन्तन और उनकी सर्जनात्मक वैचारिकता मुखर हैं। कह सकते हैं, यह पुस्तक भारती जी के जीवन और कर्म का जीवन्त दस्तावेज़ है। इसमें अपनी खट्टी-मीठी बहुत सी यादों, बहुत सी अनुभूतियों और राग-विराग, जीवन संघर्ष तथा समस्याओं से जुड़े अनेक बेलौस प्रश्नों के बेबाक उत्तर भारती जी ने दिये हैं।
‘धर्मवीर भारती से साक्षात्कार में एक ओर जहाँ से भारती जी की सांस्कृतिक मूल्यों, जीवन और समाज की जटिलताओं, मौजूदा विकास और वैचारिक रुग्णता को देखने समझने की दृष्टि उजागर है; वहीं इसमें उनके इतिहास बोध और संस्कार, आध्यात्मिक संघर्ष और द्वन्द्व की विकलता तथा साहित्य परिदृश्य के सम्बन्ध में उनके विचारों से भी साक्षात्कार होता है।
हिन्दी साहित्य के सुधी पाठकों के लिए एक अनिवार्य पुस्तक।

About Author

पुष्पा भारती - 11 जून, 1935 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में जन्म। 1955 में प्रयाग विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम.ए.। शोधकार्य बीच में ही छोड़कर 1956 से कलकत्ता विश्वविद्यालय से सम्बद्ध श्रीशिक्षायतन कॉलेज में कुछ वर्षों तक अध्यापन कार्य। प्रकाशित पुस्तकें: 'रोमांचक सत्यकथाएँ' (दो भागों में), 'शुभागता', 'प्रेम पियाला जिन पिया', 'रोचक राजनीति', 'ढाई आखर प्रेम के', 'सरस संवाद', 'सफ़र सुहाने', 'अमिताभ आख्यान' आदि पुस्तकों के अलावा लगभग बीस पुस्तकों का सम्पादन, जिनमें प्रमुख हैं—'आधुनिक साहित्य बोध', 'हिन्दी के तीन उपन्यास', 'कुछ लम्बी कविताएँ', 'आद्यन्त', 'अक्षर अक्षर यज्ञ', 'धर्मवीर भारती से साक्षात्कार', 'मेरी वाणी ग़ैरिक वसना', 'साँस की क़लम से' और ‘धर्मवीर भारती की साहित्य साधना'। पुरस्कार/सम्मान: रा. पा. पुरस्कार (मीडिया का सर्वाधिक सम्मानित पुरस्कार), भारती गौरव (भारती पुरस्कार परिषद्), स्वजन साहित्य सम्मान, सारस्वत सम्मान (आशीर्वाद संस्थान), उत्तर साहित्य श्री सम्मान, महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी सम्मान, हिन्दी सेवा सम्मान (मालवा मंच, उज्जैन), चराग़ै-दैर (ग़ालिब अकादमी, बनारस)।

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