Sanskrti Ek : Naam Roop Ane 300

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Desh, Samaj Aur Rajneeti Ka Aaiena

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
M.J. Akbar
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
M.J. Akbar
Language:
Hindi
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Hardback

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28

प्रखर पत्रकार एवं संपादक श्री एम.जे. अकबर ने इस चिंतनपरक पुस्तक में पिछले दशक पर एक व्यापक और गहरी निगाह डाली गई है, जो कि ऐसा काल था, जिसके टेढ़े-मेढ़े रास्तों पर प्रतिष्ठाएँ ध्वस्त हुईं और घटनाएँ भी प्रवाह के बजाय जमावड़े के रूप में सामने आईं। भ्रष्टाचार, आतंकवाद, विलंबित न्याय, अधिकारों का उल्लंघन और सरकारी वादाखिलाफी का इतिहास राजनीतिक क्षेत्र से इतर हँसी के पात्र बन गए। इनके किरदार भी असाधारण रहे। हमारे विभाजित उपमहाद्वीप के संस्थापकों से लेकर भविष्य को आकार देनेवाले आज के लोग इसमें शामिल रहे। यह पुस्तक खासतौर पर इसलिए विशिष्ट है, क्योंकि इसमें अकबर की अचूक निगाह ने वर्तमान घटनाओं के कारणों और उनके संभावित परिणामों का विश्लेषण, स्पष्ट वाक्यों और अपनी ही विशिष्ट शैली में किया है। पुस्तक में राजनीति, क्रिकेट, फिल्म तथा समाज के लगभग सभी पहलुओं पर उनकी बेबाक राय पाठक को सोचने पर विवश करेगी। भविष्य में सामाजिक अंतर्विरोधों के समाधान का मार्ग खोजने के प्रयासों को भी बल देगी|

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Description

प्रखर पत्रकार एवं संपादक श्री एम.जे. अकबर ने इस चिंतनपरक पुस्तक में पिछले दशक पर एक व्यापक और गहरी निगाह डाली गई है, जो कि ऐसा काल था, जिसके टेढ़े-मेढ़े रास्तों पर प्रतिष्ठाएँ ध्वस्त हुईं और घटनाएँ भी प्रवाह के बजाय जमावड़े के रूप में सामने आईं। भ्रष्टाचार, आतंकवाद, विलंबित न्याय, अधिकारों का उल्लंघन और सरकारी वादाखिलाफी का इतिहास राजनीतिक क्षेत्र से इतर हँसी के पात्र बन गए। इनके किरदार भी असाधारण रहे। हमारे विभाजित उपमहाद्वीप के संस्थापकों से लेकर भविष्य को आकार देनेवाले आज के लोग इसमें शामिल रहे। यह पुस्तक खासतौर पर इसलिए विशिष्ट है, क्योंकि इसमें अकबर की अचूक निगाह ने वर्तमान घटनाओं के कारणों और उनके संभावित परिणामों का विश्लेषण, स्पष्ट वाक्यों और अपनी ही विशिष्ट शैली में किया है। पुस्तक में राजनीति, क्रिकेट, फिल्म तथा समाज के लगभग सभी पहलुओं पर उनकी बेबाक राय पाठक को सोचने पर विवश करेगी। भविष्य में सामाजिक अंतर्विरोधों के समाधान का मार्ग खोजने के प्रयासों को भी बल देगी|

About Author

एम.जे. अकबर भारत के सर्वाधिक विशिष्ट लेखकों और चर्चित व्यक्तियों में शामिल हैं। पत्रकारिता के अपने लंबे कॅरियर में वे साप्ताहिक पत्रिका ‘संडे’ तथा दो दैनिक समाचार-पत्रों—‘द टेलीग्राफ’ और ‘द एशियन एज’ के संपादक रह चुके हैं। वे ‘इंडिया टुडे’ और ‘संडे गार्जियन’ के संपादकीय निदेशक भी रहे हैं। 1989 से 1991 के बीच वे लोकसभा सांसद रहे। मार्च 2014 में वे फिर से सार्वजनिक जीवन में लौटे और भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गए। दस साल बाद फिर से सत्ता में वापस लानेवाले ऐतिहासिक लोकसभा चुनावों के दौरान उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। उन्होंने अनेक विश्वविख्यात पुस्तकें भी लिखी हैं, जिनमें ‘इंडिया: द सीज विद इन’; ‘नेहरू: द मेकिंग ऑफ इंडिया’; ‘कश्मीर: बिहाइंड द वेल’; ‘द शेड ऑफ सोर्ड्स: जिहाद एंड द कनफ्लिक्ट बिटवीन इसलाम एंड क्रिश्चियनिटी’; ‘टिंडरबॉक्स: द पास्ट एंड फ्यूचर ऑफ पाकिस्तान’ और एक उपन्यास ‘ब्लड ब्रदर्स’ शामिल हैं। वे कलकत्ता मुसलिम ऑरफनेज के ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं।

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