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Chuni Hui Bal Kahaniyan-I

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Ed. Rohitashva Asthana
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Ed. Rohitashva Asthana
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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In stock

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1-4 Days

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Book Type

ISBN:
SKU 9789351865391 Categories , Tag
Page Extent:
168

हम पुराने लोग बड़े सौभाग्यशाली रहे, जिन्हें दादा-दादी, नाना-नानी, माँ आदि से बचपन में कहानियाँ सुनने को मिलती थीं। परंतु आज के टूटते-बिखरते पारिवारिक परिवेश में तथा बड़े-बुजुर्गों की व्यस्तता के कारण बच्चों को समय देकर उन्हें कहानियाँ सुनाना अब उनके लिए संभव नहीं रहा। फिर भी बच्चों के मनोरंजन एवं चरित्र निर्माण के लिए बाल कहानियों का बहुत महत्त्व है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इतिहास इस बात का साक्षी है कि शिवाजी अपनी माता से कहानियाँ सुनते थे। परिणामस्वरूप कालांतर में वह महातेजस्वी, दृढ़ निश्चयी, पराक्रमी और इतिहास-पुरुष बने। बच्चों के मनोरंजन एवं मार्गदर्शन के उद्देश्य से ही प्रस्तुत पुस्तक का संपादन किया गया है। सभी संकलित बाल कहानियाँ लेखकों के कथा संसार से चुनी गई हैं। आशा है, ये चुनी हुई बाल कहानियाँ बालक-बालिकाओं का मनोरंजन तो करेंगी ही, साथ-ही-साथ उनका ज्ञानवर्द्धन एवं सही मार्गदर्शन कर उन्हें राष्ट्रोत्थान के कार्यों के प्रति प्रेरित भी करेंगी।.

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Description

हम पुराने लोग बड़े सौभाग्यशाली रहे, जिन्हें दादा-दादी, नाना-नानी, माँ आदि से बचपन में कहानियाँ सुनने को मिलती थीं। परंतु आज के टूटते-बिखरते पारिवारिक परिवेश में तथा बड़े-बुजुर्गों की व्यस्तता के कारण बच्चों को समय देकर उन्हें कहानियाँ सुनाना अब उनके लिए संभव नहीं रहा। फिर भी बच्चों के मनोरंजन एवं चरित्र निर्माण के लिए बाल कहानियों का बहुत महत्त्व है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इतिहास इस बात का साक्षी है कि शिवाजी अपनी माता से कहानियाँ सुनते थे। परिणामस्वरूप कालांतर में वह महातेजस्वी, दृढ़ निश्चयी, पराक्रमी और इतिहास-पुरुष बने। बच्चों के मनोरंजन एवं मार्गदर्शन के उद्देश्य से ही प्रस्तुत पुस्तक का संपादन किया गया है। सभी संकलित बाल कहानियाँ लेखकों के कथा संसार से चुनी गई हैं। आशा है, ये चुनी हुई बाल कहानियाँ बालक-बालिकाओं का मनोरंजन तो करेंगी ही, साथ-ही-साथ उनका ज्ञानवर्द्धन एवं सही मार्गदर्शन कर उन्हें राष्ट्रोत्थान के कार्यों के प्रति प्रेरित भी करेंगी।.

About Author

रोहिताश्‍व अस्थाना जन्म: 1 दिसंबर, 1949 को अटवा अली मर्दनपुर, हरदोई (उ.प्र.) में। शिक्षा: एम.ए. (हिंदी), बी.एड., पी-एच.डी.। वृत्त‌ि अध्यापन एवं लेखन। कृतियाँ: बाल काव्य: ‘आओ गाएँ, धूम मचाएँ’, ‘आओ बच्चो, गाओ बच्चो’, ‘नन्ही गजलें’, ‘आओ गाएँ गीत रसीले’, ‘मोनू के गीत’, ‘भारत माँ के राज दुलारे’, ‘धूप गुनगुनी हमें बुलाए’, ‘हँसते-मुसकाते सपने’, ‘गीत माला’ आदि। बालकथा: ‘काफिले का सूरज’, ‘स्वप्नलोक’, ‘बच्चों की वापसी’, ‘सोनू की उड़ान’, ‘भूत से टक्कर’, ‘सुनो कहानी गुनो कहानी’, ‘बड़ों की बातें’, ‘कोयल की सीख’ आदि। संपादित: ‘नन्ही कविताएँ’, ‘चुने हुए बाल गीत’, ‘चुने हुए बाल एकांकी’, ‘सौ श्रेष्‍ठ बाल कहानियाँ’। विशेष पाठ्य पुस्तकों में रचनाएँ संकलित। आपके बाल साहित्य पर आगरा विश्‍वविद्यालय से पी-एच.डी. तथा कुरुक्षेत्र विश्‍वविद्यालय से एम.फिल. स्तर के शोधकार्य संपन्न; संयोजन—पं. भूप नारायण दीक्षित बाल साहित्य सम्मान। पुरस्कार: बाल साहित्य के लिए ‘श्रीमती शकुंतला सिरोठिया पुरस्कार’ से लेकर उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ के ‘सूर पुरस्कार’ तक अनेक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत व सम्मानित।.

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