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Chandrakanta
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Devaki Nandan Khatri
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
₹600 ₹450
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In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
Book Type |
---|
ISBN:
SKU 9789387968080 Categories General Fiction, Hindi Tag Graphic novel / Comic book / Manga: styles / traditions
Categories: General Fiction, Hindi
Page Extent:
288
क्रूरसिंह ने कहा, “महाराज, हमारे बाप तो आप हैं। उन्होंने तो पैदा किया, परवरिश आपकी बदौलत होती है। जब आपकी इज्जत में बट्टा लगा तो मेरी जिंदगी किस काम की है और मैं किस लायक गिना जाऊँगा?” जयसिंह (गुस्से में आकर)— “क्रूरसिंह! ऐसा कौन है, जो हमारी इज्जत बिगाड़े?” क्रूरसिंह—“एक अदना आदमी।” जयसिंह (दाँत पीसकर)—“जल्दी बताओ, वह कौन है, जिसके सिर पर मौत सवार हुई है?” क्रूरसिंह—“वीरेंद्रसिंह।” जयसिंह—“उसकी क्या मजाल, जो मेरा मुकाबला करे, इज्जत बिगाड़ना तो दूर की बात है। तुम्हारी बात कुछ समझ में नहीं आती। साफ-साफ जल्द बताओ, क्या बात है? वीरेंद्रसिंह कहाँ है?” क्रूरसिंह—“आपके चोर महल के बाग में।” यह सुनते ही महाराज का बदन मारे गुस्से के काँपने लगा। तड़पकर हुक्म दिया, “अभी जाकर बाग को घेर लो! मैं कोट की राह वहाँ जाता हूँ।” —इसी पुस्तक से तिलिस्म और ऐयारी के महान् लेखक देवकीनंदन खत्री की रोमांच, कौतूहल एवं चमत्कारों से निःसृत कथा, जो हर आयु वर्ग के पाठकों में लोकप्रिय है। वह कृति जिसे पढ़ने के लिए लाखों लोगों ने हिंदी भाषा सीखी।.
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Description
क्रूरसिंह ने कहा, “महाराज, हमारे बाप तो आप हैं। उन्होंने तो पैदा किया, परवरिश आपकी बदौलत होती है। जब आपकी इज्जत में बट्टा लगा तो मेरी जिंदगी किस काम की है और मैं किस लायक गिना जाऊँगा?” जयसिंह (गुस्से में आकर)— “क्रूरसिंह! ऐसा कौन है, जो हमारी इज्जत बिगाड़े?” क्रूरसिंह—“एक अदना आदमी।” जयसिंह (दाँत पीसकर)—“जल्दी बताओ, वह कौन है, जिसके सिर पर मौत सवार हुई है?” क्रूरसिंह—“वीरेंद्रसिंह।” जयसिंह—“उसकी क्या मजाल, जो मेरा मुकाबला करे, इज्जत बिगाड़ना तो दूर की बात है। तुम्हारी बात कुछ समझ में नहीं आती। साफ-साफ जल्द बताओ, क्या बात है? वीरेंद्रसिंह कहाँ है?” क्रूरसिंह—“आपके चोर महल के बाग में।” यह सुनते ही महाराज का बदन मारे गुस्से के काँपने लगा। तड़पकर हुक्म दिया, “अभी जाकर बाग को घेर लो! मैं कोट की राह वहाँ जाता हूँ।” —इसी पुस्तक से तिलिस्म और ऐयारी के महान् लेखक देवकीनंदन खत्री की रोमांच, कौतूहल एवं चमत्कारों से निःसृत कथा, जो हर आयु वर्ग के पाठकों में लोकप्रिय है। वह कृति जिसे पढ़ने के लिए लाखों लोगों ने हिंदी भाषा सीखी।.
About Author
तिलिस्म और ऐयारी के महान् लेखक देवकीनंदन खत्री का जन्म सन् 1861 को मुजफ्फरपुर में हुआ। बड़े होने पर काशी में उन्होंने संस्कृत और हिंदी का अभ्यास किया। गया जिले के टिकारी राज्य में उनकी पैतृक व्यापारिक कोठी थी। काशीनरेश की कृपा से उनको चकिया तथा नौगढ़ के जंगलों का ठीका मिल गया। इस संयोग-सुलभ वातावरण ने उनके भावुक मन को रहस्यमयी रंगीन कल्पनाओं में रँग दिया और ठीकेदारी छोड़ उन्होंने लिखना आरंभ किया।.
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