Bindeshwar Vibha

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Dr. Rahul
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Dr. Rahul
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Hindi
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Hardback

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248

यह ग्रंथ अपने उपस्थित वर्तमान के सर्वाधिक भास्वर तथा लोक-संदर्भित नायकों में एक डॉ. विन्देश्वर पाठक पर केंद्रित है। डॉ. विन्देश्वर पाठक ने सुलभ-आंदोलन के माध्यम से खुले रूप में शौच जाने की प्रथा और परंपरा को विच्छिन्न कर प्रत्येक घर में शौचालय की अनिवार्य व्यवस्था पर बल दिया है। इस अभियान में उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धरातल पर अनेक विशिष्ट अलंकरण प्राप्त किए हैं तथा बुद्धजन द्वारा अभिनंदित हुए हैं। इस अतुलनीय उपलब्धि को डॉ. राहुल ने रेखांकित करते हुए एक अनुकरणीय दृष्टांत उपस्थित किया है। डॉ. राहुल ने अपने प्रबंध-काव्य में समकालीन ज्वलंत सामाजिक समस्याओं को रेखांकित करते हुए, समाधान-साधक पद्मभूषण डॉ. विन्देश्वर पाठक की महनीय विशेषताओं को छंदोबद्ध किया है, जो अपनी प्रांजल शैली और अनाविल उद्देश्य में सदैव अनुपेक्षणीय सिद्ध होगा। समस्याओं के उल्लेख-क्रम में कवि ने महात्मा गांधी का स्मरण किया है। स्कैवेंजर की समस्याओं के समाधान का गांधी का सपना अधूरा था। उसे पूर्णता प्रदान करने का संकल्प डॉ. पाठक ने लिया और उनका यह प्रकल्प सफल हुआ।

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यह ग्रंथ अपने उपस्थित वर्तमान के सर्वाधिक भास्वर तथा लोक-संदर्भित नायकों में एक डॉ. विन्देश्वर पाठक पर केंद्रित है। डॉ. विन्देश्वर पाठक ने सुलभ-आंदोलन के माध्यम से खुले रूप में शौच जाने की प्रथा और परंपरा को विच्छिन्न कर प्रत्येक घर में शौचालय की अनिवार्य व्यवस्था पर बल दिया है। इस अभियान में उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धरातल पर अनेक विशिष्ट अलंकरण प्राप्त किए हैं तथा बुद्धजन द्वारा अभिनंदित हुए हैं। इस अतुलनीय उपलब्धि को डॉ. राहुल ने रेखांकित करते हुए एक अनुकरणीय दृष्टांत उपस्थित किया है। डॉ. राहुल ने अपने प्रबंध-काव्य में समकालीन ज्वलंत सामाजिक समस्याओं को रेखांकित करते हुए, समाधान-साधक पद्मभूषण डॉ. विन्देश्वर पाठक की महनीय विशेषताओं को छंदोबद्ध किया है, जो अपनी प्रांजल शैली और अनाविल उद्देश्य में सदैव अनुपेक्षणीय सिद्ध होगा। समस्याओं के उल्लेख-क्रम में कवि ने महात्मा गांधी का स्मरण किया है। स्कैवेंजर की समस्याओं के समाधान का गांधी का सपना अधूरा था। उसे पूर्णता प्रदान करने का संकल्प डॉ. पाठक ने लिया और उनका यह प्रकल्प सफल हुआ।

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