SalePaperback
Ayodhya (Parampara,Sanskriti,Virasat)
₹7,999 ₹5,599
Save: 30%
Braj Va Kauravi Lokgeeton Mein Lokchetna
₹475 ₹333
Save: 30%
Bichhde Sabhi Baari Baari
Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
बिमल मित्र
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
बिमल मित्र
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹225 ₹158
Save: 30%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789352291175
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
192
बिछड़े सभी बारी-बारी –
बांग्ला के विख्यात कथाकार बिमल मित्र की फ़िल्म अभिनेता और निर्देशक-निर्माता गुरुदत्त से मुलाक़ात उनके लोकप्रिय उपन्यास साहब बीवी- गुलाम पर फ़िल्म बनाने के सिलसिले में हुई थी। कुछ ही दिनों में यह सम्बन्ध ऐसी प्रगाढ़ मैत्री में बदल गया कि गुरुदत्त की ट्रेजिक ज़िन्दगी के रेशे-रेशे लेखक के सामने खुलने लगे। यह संस्मरणात्मक पुस्तक इन्हीं हसीन और उदास रेशों से बुनी गयी है। गुरुदत्त द्वारा आत्महत्या कर लेने की ख़बर सुन कर बिमल मित्र के दिमाग़ को तरह-तरह के सवाल मथने लगे : गुरुदत्त की ज़िन्दगी में आख़िर किस चीज़ का अभाव था? वह इतना परेशान क्यों था? वह इतनी पीड़ा क्यों झेल रहा था? वह रात-दर- रात, बिना सोये, यूँ जाग – जाग कर क्यों गुज़ारता था? दुनिया में सुखी होने के लिए इन्सान जिन-जिन चीज़ों की कामना करता है, गुरुदत्त के पास वह सब कुछ था। मान-सम्मान, यश, दौलत, प्रतिष्ठा, सुनाम, सेहत, खूबसूरत बीवी, प्यारे-प्यारे बच्चे उसके जीवन में क्या नहीं था? इसके बावजूद वह किसके लिए बेचैन, छटपटाता रहता था? मानव चरित्र के पारखी और अध्येता बिमल मित्र ने इस अत्यन्त पठनीय पुस्तक में विभिन्न घटनाओं और वृत्तान्तों के बीच से इस पहेली को ही सुलझाने की चेष्टा की है। इस प्रक्रिया में गुरुदत्त की गायिका पत्नी गीतादत्त, गुरुदत्त की ख़ीबसूरत खोज वहीदा रहमान तथा इनके पेचीदा सम्बन्ध ही नहीं, और भी ऐसा बहुत कुछ सामने आता चलता है जिससे बॉलीवुड की अन्दरूनी ज़िन्दगी की विश्वसनीय झाँकियाँ उपलब्ध होती हैं।
Be the first to review “Bichhde Sabhi Baari Baari” Cancel reply
Description
बिछड़े सभी बारी-बारी –
बांग्ला के विख्यात कथाकार बिमल मित्र की फ़िल्म अभिनेता और निर्देशक-निर्माता गुरुदत्त से मुलाक़ात उनके लोकप्रिय उपन्यास साहब बीवी- गुलाम पर फ़िल्म बनाने के सिलसिले में हुई थी। कुछ ही दिनों में यह सम्बन्ध ऐसी प्रगाढ़ मैत्री में बदल गया कि गुरुदत्त की ट्रेजिक ज़िन्दगी के रेशे-रेशे लेखक के सामने खुलने लगे। यह संस्मरणात्मक पुस्तक इन्हीं हसीन और उदास रेशों से बुनी गयी है। गुरुदत्त द्वारा आत्महत्या कर लेने की ख़बर सुन कर बिमल मित्र के दिमाग़ को तरह-तरह के सवाल मथने लगे : गुरुदत्त की ज़िन्दगी में आख़िर किस चीज़ का अभाव था? वह इतना परेशान क्यों था? वह इतनी पीड़ा क्यों झेल रहा था? वह रात-दर- रात, बिना सोये, यूँ जाग – जाग कर क्यों गुज़ारता था? दुनिया में सुखी होने के लिए इन्सान जिन-जिन चीज़ों की कामना करता है, गुरुदत्त के पास वह सब कुछ था। मान-सम्मान, यश, दौलत, प्रतिष्ठा, सुनाम, सेहत, खूबसूरत बीवी, प्यारे-प्यारे बच्चे उसके जीवन में क्या नहीं था? इसके बावजूद वह किसके लिए बेचैन, छटपटाता रहता था? मानव चरित्र के पारखी और अध्येता बिमल मित्र ने इस अत्यन्त पठनीय पुस्तक में विभिन्न घटनाओं और वृत्तान्तों के बीच से इस पहेली को ही सुलझाने की चेष्टा की है। इस प्रक्रिया में गुरुदत्त की गायिका पत्नी गीतादत्त, गुरुदत्त की ख़ीबसूरत खोज वहीदा रहमान तथा इनके पेचीदा सम्बन्ध ही नहीं, और भी ऐसा बहुत कुछ सामने आता चलता है जिससे बॉलीवुड की अन्दरूनी ज़िन्दगी की विश्वसनीय झाँकियाँ उपलब्ध होती हैं।
About Author
बिमल मित्र -
बांग्ला के प्रमुख कथाकार बिमल मित्र (1912-1991) ने सौ से अधिक उपन्यास लिखे हैं। वे अत्यन्त लोकप्रिय कथाकार थे। उनकी कई कृतियों पर सफल फ़िल्मों का निर्माण हुआ है। भारतीय रेल सेवा से 1950 में 38 वर्ष की आयु में ही इस्तीफ़ा दे कर वे पूर्णकालिक लेखक बन गये। वे एक सरल, ग़ैरसमझौतावादी, आधुनिक और लड़ाकू व्यक्ति थे। बिमल मित्र को रवीन्द्र पुरस्कार, शरत स्मृति पुरस्कार, साहित्य अकादेमी पुरस्कार आदि अनेक पुरस्कार तथा सम्मान मिले थे। उनकी कुछ बहुचर्चित कृतियाँ हैं- साहब-बीवी-गुलाम, ख़रीदी कौड़ियों के मोल, मरियम बेगम विश्वास, एकक दशक शतक, आसामी हाज़िर।
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Bichhde Sabhi Baari Baari” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Related products
RELATED PRODUCTS
Ganeshshankar Vidyarthi – Volume 1 & 2
Save: 30%
Horaratnam of Srimanmishra Balabhadra (Vol. 2): Hindi Vyakhya
Save: 20%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Purn Safalta ka Lupt Gyan Bhag-1 | Dr.Virindavan Chandra Das
Save: 20%
Sacred Books of the East (50 Vols.)
Save: 10%
Reviews
There are no reviews yet.