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BHIYA KE TEJASVI PANKHE
Publisher:
Sarv Bhasha Trust
| Author:
Bhupendra Bhartiya
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
₹200 ₹160
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140
समसामयिक विषयों पर आलेख, कविता, व्यंग्य लिखने वाले अधिवक्ता व अतिथि प्राध्यापक भूपेंद्र भारतीय जी एक संवेदनशील व्यक्ति हैं। उनके नवीनतम व्यंग्य-संग्रह ‘भिया जी के तेजस्वी पंखे’ के बारे में वरिष्ठ साहित्यकार ब्रजेश कानूनगो जी लिखते हैं कि ‘भिया के तेजस्वी पंखे’ शीर्षक देखकर कोई यह भी समझ सकता है कि भैया यह कौनसा पंखा है जो इतना तेजस्वी है? दरअसल मालवा के छोटे कस्बों में गली मोहल्ले की भाषा में छूट भैय्या नेताओं के पिछलग्गुओं को कहीं छर्रे और कहीं पंखे संबोधन से भी पुकारा जाता है। ऐसे ही कुछ देशज और बोलचाल में प्रयुक्त होने वाले रोचक शब्दों और ठेठ स्थानीय तेवरों में व्यंग्य और हास्य का तड़का लगाना भूपेंद्र भारतीय के लेखन की एक विशिष्ठ पहचान कही जा सकती है। ‘भिया के तेजस्वी पंखे’ का आवरण डॉ देवेंद्र शर्मा जी ने तैयार किया है।
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Description
समसामयिक विषयों पर आलेख, कविता, व्यंग्य लिखने वाले अधिवक्ता व अतिथि प्राध्यापक भूपेंद्र भारतीय जी एक संवेदनशील व्यक्ति हैं। उनके नवीनतम व्यंग्य-संग्रह ‘भिया जी के तेजस्वी पंखे’ के बारे में वरिष्ठ साहित्यकार ब्रजेश कानूनगो जी लिखते हैं कि ‘भिया के तेजस्वी पंखे’ शीर्षक देखकर कोई यह भी समझ सकता है कि भैया यह कौनसा पंखा है जो इतना तेजस्वी है? दरअसल मालवा के छोटे कस्बों में गली मोहल्ले की भाषा में छूट भैय्या नेताओं के पिछलग्गुओं को कहीं छर्रे और कहीं पंखे संबोधन से भी पुकारा जाता है। ऐसे ही कुछ देशज और बोलचाल में प्रयुक्त होने वाले रोचक शब्दों और ठेठ स्थानीय तेवरों में व्यंग्य और हास्य का तड़का लगाना भूपेंद्र भारतीय के लेखन की एक विशिष्ठ पहचान कही जा सकती है। ‘भिया के तेजस्वी पंखे’ का आवरण डॉ देवेंद्र शर्मा जी ने तैयार किया है।
About Author
भूपेन्द्र भारतीय पूरा नाम--- भूपेन्द्रसिंह परिहार,माता ---- स्व. श्रीमती चिंता परिहार, पिता ----- श्रीमान अजाबसिंह परिहार, जन्म---01/10/1988,ग्राम-मुंडलाना, तहसील सोनकच्छ, जिला देवास, मध्यप्रदेश,शिक्षा -- B.A.LL.B(Hons.), LL.M, M.Phil(विधि) दे.अ.वि.वि, इंदौर,व्यवसाय--- अधिवक्ता, अतिथि प्राध्यापक,लेखन -- समसामयिक विषयों पर लेख-आलेख, कविता में विशेष रुचि( दो दर्जन से ज्यादा कविताएँ प्रकाशित हो चुकी), वर्तमान में व्यंग्य की ओर विशेष रूझान, करीब 80 से ज्यादा व्यंग्य नईदुनिया, दैनिक जागरण, दैनिक ट्रिब्यून, हरिभूमि, अमर उजाला, व्यंग्य यात्र आदि राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। एक दर्जन से ज्यादा पुस्तकों की समीक्षाएँ भी प्रकाशित हुई है।यात्रा साहित्य में विशेष रुचि, कई यात्रा वृत्तांत प्रकाशित हो चुके हैं।संपर्क- 205, प्रगति नगर,सोनकच्छ,जिला देवास, मध्यप्रदेश(455118)मोब. 9926476410मेल- bhupendrabhartiya1988@gmail.com
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