Bharat Mein Rashtrapati Pranali (HB)

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Bhanu Dhamija
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Bhanu Dhamija
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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28

एक महान् समाज दुर्बल हो रहा है। भारत के नागरिक जीवन की दयनीय स्थिति और अप्रतिष्ठित सरकारी संस्थाओं से जूझ रहे हैं। इसका परिणाम है, वे नैतिक रूप से लगातार कमजोर हो रहे हैं। इस स्थिति पर शोक मनाने या केवल टिप्पणी करने के बजाय मैंने कुछ ठोस करने का निर्णय लिया। अमरीका में लगभग दो दशक रहने के बाद मैं भारत लौटा और उस प्रदेश के लिए एक दैनिक समाचार-पत्र आरंभ किया, जहाँ मैं रहने जा रहा था। सोच रहा था कि मेरे अखबार में, जो विचार और विवरण सामने आएँगे, वे जनता की राय बदलेंगे। संभवतया ऐसा हुआ भी, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि दोष महज जागरूकता की कमी से कहीं अधिक गहरा था। इसने मेरा संकल्प और मजबूत कर दिया और उसी मंथन का परिणाम है यह पुस्तक। भारत मेरा एकमात्र ध्येय है। मेरी कोई राजनीतिक, वैचारिक या दलगत संबद्धता नहीं है। यह पुस्तक भारत को बचाने का एक प्रयास है। हर गुजरते दिन, भारत में सरकार की मौजूदा प्रणाली लोगों के आत्मबल और नैतिक चरित्र को नष्ट कर अपूरणीय क्षति पहुँचा रही है। यह पुस्तक मात्र रोग ही नहीं बताती, इलाज सुझाती है। यह भारत को इसके कष्टों से छुटकारा दिलाने का हृदयस्पर्शी प्रयास है|

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Description

एक महान् समाज दुर्बल हो रहा है। भारत के नागरिक जीवन की दयनीय स्थिति और अप्रतिष्ठित सरकारी संस्थाओं से जूझ रहे हैं। इसका परिणाम है, वे नैतिक रूप से लगातार कमजोर हो रहे हैं। इस स्थिति पर शोक मनाने या केवल टिप्पणी करने के बजाय मैंने कुछ ठोस करने का निर्णय लिया। अमरीका में लगभग दो दशक रहने के बाद मैं भारत लौटा और उस प्रदेश के लिए एक दैनिक समाचार-पत्र आरंभ किया, जहाँ मैं रहने जा रहा था। सोच रहा था कि मेरे अखबार में, जो विचार और विवरण सामने आएँगे, वे जनता की राय बदलेंगे। संभवतया ऐसा हुआ भी, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि दोष महज जागरूकता की कमी से कहीं अधिक गहरा था। इसने मेरा संकल्प और मजबूत कर दिया और उसी मंथन का परिणाम है यह पुस्तक। भारत मेरा एकमात्र ध्येय है। मेरी कोई राजनीतिक, वैचारिक या दलगत संबद्धता नहीं है। यह पुस्तक भारत को बचाने का एक प्रयास है। हर गुजरते दिन, भारत में सरकार की मौजूदा प्रणाली लोगों के आत्मबल और नैतिक चरित्र को नष्ट कर अपूरणीय क्षति पहुँचा रही है। यह पुस्तक मात्र रोग ही नहीं बताती, इलाज सुझाती है। यह भारत को इसके कष्टों से छुटकारा दिलाने का हृदयस्पर्शी प्रयास है|

About Author

भानु धमीजा हिमाचल प्रदेश की प्रमुख समाचार-पत्र प्रकाशन कंपनी ‘दिव्य हिमाचल’ ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। इससे पूर्व अमरीका में श्री धमीजा ने एक मीडिया कंपनी की स्थापना की, जिसने प्रकाशन उद्योग के लिए पत्रिकाओं और सम्मेलनों का आयोजन किया। परिणामस्वरूप वह ‘प्रकाशकों के प्रकाशक’ बने। अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित उनकी बहुचर्चित पुस्तक ‘व्हाई इंडिया नीड्स दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ अपनी श्रेणी में बेस्ट सेलर्स में सम्मिलित है। उनका जन्म वर्ष 1959 में बुलंदशहर (उ.प्र.) में हुआ, लेकिन उन्होंने अपना लगभग आधा जीवन संयुक्त राज्य अमरीका में बिताया है। पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से शिक्षा पाने के बाद उन्होंने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस से पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री हासिल की। उन्होंने अमरीका व भारत में फाइनेंस, कंप्यूटर और मीडिया जगत् में कार्य किया है।

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