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BACHCHON KI SAMAJH
Publisher:
Setu Prakashan
| Author:
UDAYAN VAJPEYI
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Setu Prakashan
Author:
UDAYAN VAJPEYI
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹225 ₹203
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In stock
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3-5 Days
In stock
ISBN:
SKU
9788119127177
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
128
जिनन साहब से मिलकर यह महसूस हुआ कि उन्हें बच्चों या मनुष्य मात्र के सीखने की प्रक्रिया की गहरी समझ है और इस समझ ने उनके व्यक्तित्व में एक अनूठा हलकापन उत्पन्न कर दिया है। इस मूलभूत समझ ने उन्हें गुरु गम्भीर बनाने की जगह एक ऐसा व्यक्ति बना दिया है जिससे मिलने पर आप ख़ुद कब समझदार हो गये हैं, पता नहीं चलता। उनके बच्चों के व्यवहार को लेकर किये गये शोध मौलिक तो हैं ही, तात्विक भी हैं। यानी उनके शोधों से यह पता चलता है कि बच्चे अपने चारों ओर के संसार को तत्त्वत: कैसे समझते हैं। जिनन साहब यह मानते हैं कि सीखने की प्रक्रिया मनुष्य समेत हर प्राणी में होती है। यानी सीखना सांस्कृतिक कर्म नहीं है, वह नैसर्गिक प्रक्रिया है।सीखना जैविक प्रक्रिया है। सभी जीवित प्राणी निरन्तर सीखते हैं।
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Description
जिनन साहब से मिलकर यह महसूस हुआ कि उन्हें बच्चों या मनुष्य मात्र के सीखने की प्रक्रिया की गहरी समझ है और इस समझ ने उनके व्यक्तित्व में एक अनूठा हलकापन उत्पन्न कर दिया है। इस मूलभूत समझ ने उन्हें गुरु गम्भीर बनाने की जगह एक ऐसा व्यक्ति बना दिया है जिससे मिलने पर आप ख़ुद कब समझदार हो गये हैं, पता नहीं चलता। उनके बच्चों के व्यवहार को लेकर किये गये शोध मौलिक तो हैं ही, तात्विक भी हैं। यानी उनके शोधों से यह पता चलता है कि बच्चे अपने चारों ओर के संसार को तत्त्वत: कैसे समझते हैं। जिनन साहब यह मानते हैं कि सीखने की प्रक्रिया मनुष्य समेत हर प्राणी में होती है। यानी सीखना सांस्कृतिक कर्म नहीं है, वह नैसर्गिक प्रक्रिया है।सीखना जैविक प्रक्रिया है। सभी जीवित प्राणी निरन्तर सीखते हैं।
About Author
उदयन वाजपेयी कवि, कथाकार, उपन्यासकार, सम्पादक । कहानी-संग्रह – सुदेशना, दूर देश की गन्ध, सातवाँ बटन, रेत किनारे का घर (संकलित कहानियाँ); कविता-संग्रह- कुछ वाक्य, पागल गणितज्ञ की कविताएँ, ‘केवल कुछ वाक्य और वह । परधान चित्रकला पर जनगढ़ क़लम सहित तीन निबन्ध संग्रह, फ़िल्मकार मणि कौल के साथ उनके संवाद की पुस्तक अभेद आकाश सहित अनेक लेखकों, दार्शनिकों, नाट्यनिर्देशकों आदि के साथ संवाद पुस्तकाकार प्रकाशित। कुमार शहानी की रबीन्द्रनाथ टैगोर के उपन्यास पर आधारित फ़िल्म चार अध्याय और विरह भरयो घर आंगन कोने का संवाद लेखन । कृतियों के तमिल, बंगाली, मराठी, फ्रांसीसी, पोलिश, बुल्गारियाई, स्वीडिश, अँग्रेज़ी आदि पन्द्रह भाषाओं में अनुवाद । कृष्ण बलदेव वैद फैलोशिप, रज़ा फ़ाउण्डेशन पुरस्कार और स्पन्दन पुरस्कार से सम्मानित, नोन्त (फ्रांस) के उच्च अध्ययन केन्द्र में २०११ में फ़ैलो । सभ्यता, साहित्य और कला की प्रमुख पत्रिका समास के सम्पादक। भोपाल में आवास । हाल में पहला उपन्यास क़यास और रचना- संचयन दस्तकें प्रकाशित।
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