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Ashtavakra Ke Divya Upadesh
Publisher:
Motilal Banarsidass Publishers
| Author:
Hari Om Shrivastva
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Motilal Banarsidass Publishers
Author:
Hari Om Shrivastva
Language:
Hindi
Format:
Paperback
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9788120843103
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परब्रह्म परमात्मा की अहैतुक कृपा एवं प्रेरणा और उनके परम ज्ञान की दैवी शक्ति माँ शारदा की दैवी अनुग्रह से सङ्कलनकर्ता ने आस्थावान, निष्ठावान, विश्वासी और श्रद्धालु भगवत्भक्तों की अभिलाषा की पूर्ति के लिए आध्यात्मिक गुरु अष्टावक्र द्वारा महाराज जनक को दिये गए दिव्य उपदेशों को जन कल्याणार्थ हिन्दीभाषी सुधी पाठकों की बोधगम्यता के पुनीत उद्देश्य से हिन्दी में सङ्कलित किया है। सङ्कलनकर्ता को पूर्ण आशा एवं विश्वास है कि विजिगीषु पाठकगण लाभान्वित होंगे। पूर्ण आस्था, श्रद्धा, विश्वास, निष्ठा और लगन से अष्टावक्र के उपदेशों का मनसा अथवा वाचा स्वाध्याय स्वाध्यायी के आध्यात्मिक स्तरोन्त्रयन में अनिवार्यतः सफलप्रद सिद्ध होगा।
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Description
परब्रह्म परमात्मा की अहैतुक कृपा एवं प्रेरणा और उनके परम ज्ञान की दैवी शक्ति माँ शारदा की दैवी अनुग्रह से सङ्कलनकर्ता ने आस्थावान, निष्ठावान, विश्वासी और श्रद्धालु भगवत्भक्तों की अभिलाषा की पूर्ति के लिए आध्यात्मिक गुरु अष्टावक्र द्वारा महाराज जनक को दिये गए दिव्य उपदेशों को जन कल्याणार्थ हिन्दीभाषी सुधी पाठकों की बोधगम्यता के पुनीत उद्देश्य से हिन्दी में सङ्कलित किया है। सङ्कलनकर्ता को पूर्ण आशा एवं विश्वास है कि विजिगीषु पाठकगण लाभान्वित होंगे। पूर्ण आस्था, श्रद्धा, विश्वास, निष्ठा और लगन से अष्टावक्र के उपदेशों का मनसा अथवा वाचा स्वाध्याय स्वाध्यायी के आध्यात्मिक स्तरोन्त्रयन में अनिवार्यतः सफलप्रद सिद्ध होगा।
About Author
डॉ० हरिओम् श्रीवास्तव (फाल्गुन, कृष्ण, प्रतिप्रदा, विक्रम संवत् 2007) उत्तर प्रदेश के ग्राम रेहरा कैथवलिया, जनपद सिद्धार्थनगर में जन्मे हैं। डॉ० श्रीवास्तव ने विद्या वाचस्पति (पी.एच.डी.) शिक्षा प्राप्त की है। डॉ श्रीवास्तव उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षक रह चुके हैं। वे अपने को परब्रह्म परमात्मा का नित्य सेवक मानते हैं। विश्वविद्यालयों के भूगोल विभागों, भौगोलिक परिषदों द्वारा आयोजित सेमिनारों, भारतीय विज्ञान कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशनों में सक्रिय सहभागिता कर चुके हैं। डॉ० श्रीवास्तव अध्ययन, लेखन, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों द्वारा आयोजित सांस्कृतिक धार्मिक आयोजनों में सक्रिय रूचि रखते हैं।
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