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AAWAZ DO HUM EK HAIN (HINDI)
Publisher:
MANJUL
| Author:
JAN NISAR AKHTAR
| Language:
English
| Format:
Paperback
₹295 ₹266
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ISBN:
Category: Literature & Translations
Page Extent:
240
आवाज़ दो हम एक हैं’ हिंदी में जां निसार अख़्तर की आज भी जवान शायरी की पहली मुकम्मल किताब है, जो उनके शायराना मिज़ाज और कलंदराना अंदाज़ से हिंदी के पाठकों को रूबरू कराएगी I उर्दू में प्रकाशित उनकी सभी 6 किताबों से ली गई चुनिंदा रचनाओं को संपादित कर यह संकलन तैयार किया गया है I लगभग आधी सदी पहले लिखी गई उनकी शायरी अपनी पूरी चमक के साथ मौजूद है, और हिंदी जगत को इस गौरव, ख़ुशी और उम्मीद के साथ समर्पित है कि यह अदब के एक बड़े फ़नकार का सही मायने में परिचय करा पाएगी I
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Description
आवाज़ दो हम एक हैं’ हिंदी में जां निसार अख़्तर की आज भी जवान शायरी की पहली मुकम्मल किताब है, जो उनके शायराना मिज़ाज और कलंदराना अंदाज़ से हिंदी के पाठकों को रूबरू कराएगी I उर्दू में प्रकाशित उनकी सभी 6 किताबों से ली गई चुनिंदा रचनाओं को संपादित कर यह संकलन तैयार किया गया है I लगभग आधी सदी पहले लिखी गई उनकी शायरी अपनी पूरी चमक के साथ मौजूद है, और हिंदी जगत को इस गौरव, ख़ुशी और उम्मीद के साथ समर्पित है कि यह अदब के एक बड़े फ़नकार का सही मायने में परिचय करा पाएगी I
About Author
जां निसार अख़्तर का जन्म 14 फ़रवरी 1914 को ख़ैराबाद (उत्तर प्रदेश) में उर्दू के प्रसिद्द शायर मुज़्तर ख़ैराबादी के यहाँ हुआ I घर पर साहित्यिक माहौल मिलने के कारण वे दस वर्ष की उम्र से ही शायरी करने लगे I अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के बाद ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज और भोपाल के हमीदिया कॉलेज में उर्दू प्राध्यापक रहे I शायरी की किताबें लिखने के अलावा मुंबई में फ़िल्मों के गीत भी लिखे I उन्होंने हिन्दोस्तां हमारा के अंतर्गत 300 वर्षों की श्रेष्ठ उर्दू शायरी के वृहद और महत्वपूर्ण संकलन का संपादन किया I
वे प्रगतिशील लेखक आंदोलन का हिस्सा रहे और उन्हें सोवियत पुरस्कार तथा महाराष्ट्र अकादमी पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया I
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