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The Revolutionary : Ram Prasad Bismil’s Autobiography From the Death Row
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Nirbhik Prashashan
Publisher:
Dimonds Books
| Author:
Kiran Bedi
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Dimonds Books
Author:
Kiran Bedi
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹395 ₹276
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In stock
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1-4 Days
In stock
Weight | 460 g |
---|---|
Book Type |
Category: Hindi
Page Extent:
410
भय रहित शासन अच्छे और प्रभावशाली प्रशासन का खाका है। अग्रणीय विशेषताओं द्वारा निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों का प्रबंधन किया जा सकता है। — इंदिरा नूई, पूर्व सीईओ, पेस्पिको
“साहस भरा प्रशासन! ईको-केंद्रक नेतृत्व। अद्वितीय किरण बेदी द्वारा वर्णित कथा, लंबे समय तक जीवित रहेगी!” — प्रो. देबाशीष चटर्जी, निदेशक, आईआईएम कोझिकोड
“पुडुचेरी के लेफ्टिनेंट गवर्नर की मेरी नियुक्ति ने मुझे प्रादेशिक स्तर पर बेहद सुदृढ़ किया। भय रहित शासन स्वाभाविक और असैद्धांतिक कार्य है, जिसे सचित्र, मौलिक संशोधनों द्वारा अच्छे प्रशासन के लिए सुनिश्चित किया गया।”
इस भय रहित यात्रा को
‘क्यों, कब, कैसे’ के स्थायी भावों द्वारा ही पढ़ा जा सकता है।
मैं अवरोधों को तोड़ते हुए आगे बढ़ी।
मैं कभी भीड़ का हिस्सा नहीं बनी।
भारतीय पुलिस में मेरी सेवा ने मुझे हमेशा नए रास्ते तलाश करने के अवसर प्रदान किए।
मैं अपने स्थान पर बिना किसी भय के खड़ी रही
जब मुझे भरोसा है कि मैंने जो भी किया, सही किया,
सही कारणों और सही मनोरथ के लिए किया।
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Description
भय रहित शासन अच्छे और प्रभावशाली प्रशासन का खाका है। अग्रणीय विशेषताओं द्वारा निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों का प्रबंधन किया जा सकता है। — इंदिरा नूई, पूर्व सीईओ, पेस्पिको
“साहस भरा प्रशासन! ईको-केंद्रक नेतृत्व। अद्वितीय किरण बेदी द्वारा वर्णित कथा, लंबे समय तक जीवित रहेगी!” — प्रो. देबाशीष चटर्जी, निदेशक, आईआईएम कोझिकोड
“पुडुचेरी के लेफ्टिनेंट गवर्नर की मेरी नियुक्ति ने मुझे प्रादेशिक स्तर पर बेहद सुदृढ़ किया। भय रहित शासन स्वाभाविक और असैद्धांतिक कार्य है, जिसे सचित्र, मौलिक संशोधनों द्वारा अच्छे प्रशासन के लिए सुनिश्चित किया गया।”
इस भय रहित यात्रा को
‘क्यों, कब, कैसे’ के स्थायी भावों द्वारा ही पढ़ा जा सकता है।
मैं अवरोधों को तोड़ते हुए आगे बढ़ी।
मैं कभी भीड़ का हिस्सा नहीं बनी।
भारतीय पुलिस में मेरी सेवा ने मुझे हमेशा नए रास्ते तलाश करने के अवसर प्रदान किए।
मैं अपने स्थान पर बिना किसी भय के खड़ी रही
जब मुझे भरोसा है कि मैंने जो भी किया, सही किया,
सही कारणों और सही मनोरथ के लिए किया।
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