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Wah Zindagi
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Ramesh Pokhariyal ‘Nishank’
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Ramesh Pokhariyal ‘Nishank’
Language:
Hindi
Format:
Hardback
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In stock
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1-4 Days
In stock
Book Type |
---|
ISBN:
Page Extent:
176
‘तुम यहाँ हो! मैं तो तुम्हें अंदर ढूँढ़ रही थी।’ इतने में कृतिका मुझे ढूँढ़ती बाहर चली आई। ‘यह क्या हाल बना रखा है तुमने अपना?’ और वह खिलखिलाकर हँस दी। तभी दोनों बच्चे भी स्कूल जाने के लिए बाहर आए और कृतिका को हँसते देख वे भी मुझे देख हँसने लगे। ‘मजा आ गया आज तो?’ ‘अरे पिताजी! रोज ऐसा किया करिए, छुट्टी के दिन हम भी आपके साथ भीगेंगे ।’ कहकर वे हाथ हिलाते हुए स्कूल निकल पड़े। कुहासा छँट रहा था। मैं अपने आपको बेहद हल्का महसूस कर रहा था। ऐसा लग रहा था, जैसे मैं आकाश में उड़ रहा हूँ। जिंदगी बहुत खूबसूरत है, बस जरूरत है तो उसे इस नजरिए से देखने की। ‘वाह जिंदगी!।’ मैंने मन ही मन उस जिंदगी को धन्यवाद दिया, जो कल ही मेरे पास कुछ समय के लिए आकर मुझे जीना सिखा गई थी। —इसी पुस्तक से साहित्य-सृजन के प्रति सचेत राजनीतिज्ञ एवं लेखक रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की कलम से निकला कहानी-संग्रह ‘वाह जिंदगी!’ जीवटता एवं जीवंतता का अद्भुत उदाहरण है। जीवन के विविध रंग उकेरता मनोरंजक और प्रेरणाप्रद कहानी-संग्रह|
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Description
‘तुम यहाँ हो! मैं तो तुम्हें अंदर ढूँढ़ रही थी।’ इतने में कृतिका मुझे ढूँढ़ती बाहर चली आई। ‘यह क्या हाल बना रखा है तुमने अपना?’ और वह खिलखिलाकर हँस दी। तभी दोनों बच्चे भी स्कूल जाने के लिए बाहर आए और कृतिका को हँसते देख वे भी मुझे देख हँसने लगे। ‘मजा आ गया आज तो?’ ‘अरे पिताजी! रोज ऐसा किया करिए, छुट्टी के दिन हम भी आपके साथ भीगेंगे ।’ कहकर वे हाथ हिलाते हुए स्कूल निकल पड़े। कुहासा छँट रहा था। मैं अपने आपको बेहद हल्का महसूस कर रहा था। ऐसा लग रहा था, जैसे मैं आकाश में उड़ रहा हूँ। जिंदगी बहुत खूबसूरत है, बस जरूरत है तो उसे इस नजरिए से देखने की। ‘वाह जिंदगी!।’ मैंने मन ही मन उस जिंदगी को धन्यवाद दिया, जो कल ही मेरे पास कुछ समय के लिए आकर मुझे जीना सिखा गई थी। —इसी पुस्तक से साहित्य-सृजन के प्रति सचेत राजनीतिज्ञ एवं लेखक रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की कलम से निकला कहानी-संग्रह ‘वाह जिंदगी!’ जीवटता एवं जीवंतता का अद्भुत उदाहरण है। जीवन के विविध रंग उकेरता मनोरंजक और प्रेरणाप्रद कहानी-संग्रह|
About Author
साहित्य संस्कृति और राजनीति में समान रूप से पकड़ रखनेवाले रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की कविता, कहानी, उपन्यास, बाल साहित्य, पर्यटन, तीर्थाटन तथा व्यक्तित्व विकास जैसी अनेक विधाओं पर अब तक चार दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। साथ ही अनेक पुस्तकों का फ्रेंच, रूसी, जर्मन, अंग्रेजी, नेपाली आदि विदेशी भाषाओं सहित तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, बाँग्ला, मराठी एवं संस्कृत आदि भारतीय भाषाओं में अनुवाद हुआ है। इनकी रचनाएँ देश एवं विदेश के अनेक विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। अनेक विश्वविद्यालयों में इनके साहित्य पर शोध कार्य हुए हैं और हो रहे हैं। उत्कृष्ट साहित्य-सृजन के लिए उन्हें देश के तीन राष्ट्रपतियों द्वारा सम्मानित किया गया। देश-विदेश में भारत गौरव, राष्ट्र गौरव, साहित्य भारती, साहित्य गौरव और साहित्यचेत्ता सम्मान सहित मॉरीशस सरकार द्वारा मॉरीशस सम्मान तथा गोपियो अंतरराष्ट्रीय असाधारण उपलब्धि सम्मान से विभूषित किया जा चुका है। ‘हिमालय का महाकुंभ-नंदा राजजात’ कृति को ‘राहुल सांकृत्यायन राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है। निशंक उत्तराखंड प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में हरिद्वार लोकसभा से सांसद हैं।
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