Yeh Jo Hai Pakistan

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
शिवेंद्र कुमार सिंह
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
शिवेंद्र कुमार सिंह
Language:
Hindi
Format:
Hardback

139

Save: 1%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789326351935 Category Tag
Category:
Page Extent:
136

यह जो है पाकिस्तान –
2004 के पाकिस्तान दौरे की तो बात ही कुछ और थी इतनी गर्मजोशी से लोग मिलते थे कि पूछिए, मत सिर्फ़ क्रिकेटर्स ही नहीं बल्कि आम लोग जो हिन्दुस्तान से क्रिकेट देखने गये थे, उनका इस क़दर स्वागत हुआ कि कोई ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगा। कई ऐसे लोग मिले जो गुजरात से जाकर पाकिस्तान में बस गये थे और वहाँ उनके रेस्टोरेंट थे। मुझे याद है कि तमाम हिन्दुस्तानियों को उन्होंने बग़ैर पैसे लिये खाना खिलाया। मुझे पता है कि पैसे बड़ी चीज़ नहीं हैं, यहाँ बात रिश्तों की थी। कई बार तो ऐसा लगा जैसे दो बिछड़े भाई आपस में मिल रहे हों।
तब मैं यंगस्टर था, टीम में नया-नया आया था। हर कोई चाहता था लेकिन मुझे याद है कि जो भी मिलता था यही कहता था कि आप दोबारा पाकिस्तान आइयेगा। मुझे याद है कि कराची में एक लड़की आयी थी मुझसे मिलने, उसके साथ उसके वालिद भी थे। वो लड़की पेशावर से आयी थी और होटल के रिसेप्शन पर मुझसे मिलने के लिए बैठी रही। 8-10 घण्टे इन्तज़ार किया।
जहाँ तक लाहौर में श्रीलंका की टीम पर हुए हमले की बात है, तो वो एक बुरी घटना थी, हर किसी के लिए। कोई इन्सान किसी भी देश, किसी भी धर्म का हो… दुनिया का कोई भी धर्म आतंकवाद नहीं सिखाता। —इरफान पठान

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Yeh Jo Hai Pakistan”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

यह जो है पाकिस्तान –
2004 के पाकिस्तान दौरे की तो बात ही कुछ और थी इतनी गर्मजोशी से लोग मिलते थे कि पूछिए, मत सिर्फ़ क्रिकेटर्स ही नहीं बल्कि आम लोग जो हिन्दुस्तान से क्रिकेट देखने गये थे, उनका इस क़दर स्वागत हुआ कि कोई ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगा। कई ऐसे लोग मिले जो गुजरात से जाकर पाकिस्तान में बस गये थे और वहाँ उनके रेस्टोरेंट थे। मुझे याद है कि तमाम हिन्दुस्तानियों को उन्होंने बग़ैर पैसे लिये खाना खिलाया। मुझे पता है कि पैसे बड़ी चीज़ नहीं हैं, यहाँ बात रिश्तों की थी। कई बार तो ऐसा लगा जैसे दो बिछड़े भाई आपस में मिल रहे हों।
तब मैं यंगस्टर था, टीम में नया-नया आया था। हर कोई चाहता था लेकिन मुझे याद है कि जो भी मिलता था यही कहता था कि आप दोबारा पाकिस्तान आइयेगा। मुझे याद है कि कराची में एक लड़की आयी थी मुझसे मिलने, उसके साथ उसके वालिद भी थे। वो लड़की पेशावर से आयी थी और होटल के रिसेप्शन पर मुझसे मिलने के लिए बैठी रही। 8-10 घण्टे इन्तज़ार किया।
जहाँ तक लाहौर में श्रीलंका की टीम पर हुए हमले की बात है, तो वो एक बुरी घटना थी, हर किसी के लिए। कोई इन्सान किसी भी देश, किसी भी धर्म का हो… दुनिया का कोई भी धर्म आतंकवाद नहीं सिखाता। —इरफान पठान

About Author

शिवेन्द्र कुमार सिंह - जन्म: 28 जून, 1978, इलाहाबाद में। शिक्षा: 1998 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी.कॉम.। फिर दिल्ली से पत्रकारिता में डिप्लोमा। 1995 से अख़बारों में लेखन। 1999 में हिन्दी दैनिक अमर उजाला से पत्रकारिता करियर की शुरुआत। फिर लम्बे समय तक टीवी चैनल जी न्यूज़ से जुड़े रहे। बतौर खेल पत्रकार दो दर्जन से ज़्यादा विदेश यात्राएँ। क्रिकेट विश्व कप से लेकर ओलंपिक और एशियाई खेलों की कवरेज। लेखन: बतौर लेखक पहली किताब। देश के सभी हिन्दी दैनिकों में लेख एवं पुस्तक समीक्षाएँ प्रकाशित। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के लिए नाटकों का अनुवाद।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Yeh Jo Hai Pakistan”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED