Yah Kahani Nahin

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
राजी सेठ
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
राजी सेठ
Language:
Hindi
Format:
Paperback

79

Save: 1%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789326354882 Category Tag
Category:
Page Extent:
120

यह कहानी नहीं –
प्रस्तुत संग्रह की कहानियाँ सूक्ष्म, सघन और नितान्त स्पष्ट उद्देश्य लिए हुए पाठकों के सामने एक ऐसी दुनिया का चित्र निर्मित करती है जो पाठकों को रोमांचित तो करता ही है साथ ही उन्हें एक ऐसे स्थान पर ले आता है जहाँ विचार की एक अनुभवी श्रृंखला से भी उनका सामना होता है। अनुभव एक दुर्गम आभास है जिसे ग्रहण करने की क्षमता लेखक और पाठक की बहुत बार भिन्न होती है लेकिन कई बार समान भी होती है।
राजी सेठ की कहानियों का नवीनतम संग्रह है :यह कहानी नहीं’ जीवन के तंतुओं से भीगे मनोभावों को व्यक्त करता है। इन कहानियों में कथ्य कुछ ऐसे निर्मित किया गया है कि चेहरों के पीछे के चेहरों को पूरे रचनात्मक धीरज के साथ परत-दर-परत उकेरता एक विश्वसनीय संसार कथा के बीच में आ खड़ा होता है। यहाँ मनुष्य का विवेक और उसके यथार्थ का सच जितना ज़रूरी है उतना ही उस सच को अनुभवी दृष्टि से देखना भी आवश्यक है। इस अर्थ में ये कहानियाँ मनुष्य के बेहतर हिस्से की पक्षधर हैं। दरअसल अपने गन्तव्य तक पहुँचने के लिए राजी सेठ किसी चमत्कार का सहारा नहीं लेतीं। अपने आसपास की स्थितियों और पात्रों के मानसिक द्वन्द्वों की पड़ताल के माध्यम से वे उन तत्त्वों को खोजती हैं जो मनुष्य की नियतिगत सीमाओं को भी एक समृद्धतर आयाम दे सकें।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Yah Kahani Nahin”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

यह कहानी नहीं –
प्रस्तुत संग्रह की कहानियाँ सूक्ष्म, सघन और नितान्त स्पष्ट उद्देश्य लिए हुए पाठकों के सामने एक ऐसी दुनिया का चित्र निर्मित करती है जो पाठकों को रोमांचित तो करता ही है साथ ही उन्हें एक ऐसे स्थान पर ले आता है जहाँ विचार की एक अनुभवी श्रृंखला से भी उनका सामना होता है। अनुभव एक दुर्गम आभास है जिसे ग्रहण करने की क्षमता लेखक और पाठक की बहुत बार भिन्न होती है लेकिन कई बार समान भी होती है।
राजी सेठ की कहानियों का नवीनतम संग्रह है :यह कहानी नहीं’ जीवन के तंतुओं से भीगे मनोभावों को व्यक्त करता है। इन कहानियों में कथ्य कुछ ऐसे निर्मित किया गया है कि चेहरों के पीछे के चेहरों को पूरे रचनात्मक धीरज के साथ परत-दर-परत उकेरता एक विश्वसनीय संसार कथा के बीच में आ खड़ा होता है। यहाँ मनुष्य का विवेक और उसके यथार्थ का सच जितना ज़रूरी है उतना ही उस सच को अनुभवी दृष्टि से देखना भी आवश्यक है। इस अर्थ में ये कहानियाँ मनुष्य के बेहतर हिस्से की पक्षधर हैं। दरअसल अपने गन्तव्य तक पहुँचने के लिए राजी सेठ किसी चमत्कार का सहारा नहीं लेतीं। अपने आसपास की स्थितियों और पात्रों के मानसिक द्वन्द्वों की पड़ताल के माध्यम से वे उन तत्त्वों को खोजती हैं जो मनुष्य की नियतिगत सीमाओं को भी एक समृद्धतर आयाम दे सकें।

About Author

राजी सेठ - राजी सेठ, हिन्दी साहित्य में एक जाना-पहचाना और प्रसिद्ध नाम है। उनका कथा-मानस आन्तरिक भाव-यन्त्र या सम्वेदन-तन्त्र के ताने-बाने को पूरी जटिलता के साथ रेखांकित करता है। उनका दर्शन यथार्थ के साथ कला पक्ष और विचार का मनोविज्ञान प्रस्तुत करता है। उनकी रचनाओं के शिल्प में भाषा, शैली, शब्द-संगीत आदि के कोलाज एक साथ उभरते हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Yah Kahani Nahin”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED