Yaatnaghar

Publisher:
Rajpal and Sons
| Author:
Kishore, Giriraj
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Rajpal and Sons
Author:
Kishore, Giriraj
Language:
Hindi
Format:
Hardback

212

Save: 10%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9788170289494 Category
Category:
Page Extent:
128

उपन्यास हो, कहानी, नाटक या निबंध, हर विधा के लिए गिरिराज किशोर प्रायः सामयिक विषय को ही अपना कथानक बनाते हैं। वह कल्पना की ऊंची-ऊंची उड़ानें नहीं भरते वरन जिंदगी की विविधताओं और जटिलताओं को जीने में मदद करते हैं।
उपन्यास यातनाघर में विष्णु नारायण अपने आला अफसरों की तानाशाही और मनमानी झेलता-झेलता इतना बेबस हो जाता है कि उसे लगने लगता है कि वह इंसान नहीं ‘कोल्हू का बैल’ बन गया है। जिसे दिन रात पेरा जाता है। लेखक ने घर बाहर की जद्दोजहद में जूझते व्यक्ति के मनोभावों का ऐसा सजीव चित्रण किया है कि पाठक की सहानुभूति सहज उसके साथ हो जाती है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Yaatnaghar”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

उपन्यास हो, कहानी, नाटक या निबंध, हर विधा के लिए गिरिराज किशोर प्रायः सामयिक विषय को ही अपना कथानक बनाते हैं। वह कल्पना की ऊंची-ऊंची उड़ानें नहीं भरते वरन जिंदगी की विविधताओं और जटिलताओं को जीने में मदद करते हैं।
उपन्यास यातनाघर में विष्णु नारायण अपने आला अफसरों की तानाशाही और मनमानी झेलता-झेलता इतना बेबस हो जाता है कि उसे लगने लगता है कि वह इंसान नहीं ‘कोल्हू का बैल’ बन गया है। जिसे दिन रात पेरा जाता है। लेखक ने घर बाहर की जद्दोजहद में जूझते व्यक्ति के मनोभावों का ऐसा सजीव चित्रण किया है कि पाठक की सहानुभूति सहज उसके साथ हो जाती है।

About Author

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Yaatnaghar”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED