VYAVAHAR KUSHALTA (HINDI)

Publisher:
MANJUL
| Author:
LES GIBLIN
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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MANJUL
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LES GIBLIN
Language:
Hindi
Format:
Paperback

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इस पुस्तक में बताई गई व्यावहारिक तकनीकें आपको निजी, व्यावसायिक और सामाजिक जीवन में अधिक आत्मविश्‍वासी बनाती हैं। इसमें बताए गए सिद्धांत, सहज बोध पर आधारित हैं, जो आपकी स्वाभाविक शक्‍ति को जगाने का काम करेंगे। ‘व्यावहार कु्शलता आपको सिखाती है कि लोगों को प्रभावित कैसे करें, उन्हें अपनी ओर आकृर्षित कैसे करें, वे आपके नज़रिये से कैसे देखें, यह कौषल कैसे विकसित करें और प्रबंधन करते समय उनके साथ शत-प्रतिशत सहभागिता कैसे बनाएँ।

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Description

इस पुस्तक में बताई गई व्यावहारिक तकनीकें आपको निजी, व्यावसायिक और सामाजिक जीवन में अधिक आत्मविश्‍वासी बनाती हैं। इसमें बताए गए सिद्धांत, सहज बोध पर आधारित हैं, जो आपकी स्वाभाविक शक्‍ति को जगाने का काम करेंगे। ‘व्यावहार कु्शलता आपको सिखाती है कि लोगों को प्रभावित कैसे करें, उन्हें अपनी ओर आकृर्षित कैसे करें, वे आपके नज़रिये से कैसे देखें, यह कौषल कैसे विकसित करें और प्रबंधन करते समय उनके साथ शत-प्रतिशत सहभागिता कैसे बनाएँ।

About Author

व्यक्तिगत विकास उद्योग के अग्रदूतों में से एक, लेस गिबिलन का जन्म 1912 में सीडर रैपिड्स, आयोवा में हुआ था। सेना में सेवा करने के बाद, गिबलीन ने 1946 में शेफ़र पेन कंपनी के साथ बिक्री की शुरूआत की। उनके घर - घर जा कर सफ़ल बिक्री करने की वजह से वे मानव प्रकृति के प्रेरक पर्यवेक्षक बने और दो साल तक उन्हें 'राष्ट्रीय सेल्समैन' के ख़िताब से भी नवाज़ा गया. अपने विक्रय कैरियर से सबक लेकर गिब्लिन ने 1968 में अपनी पहली पुस्तक 'स्किल विथ पीपल' लिखी और कई मशहूर कंपनियों जैसे - मोबिल, जनरल इलेक्ट्रिक, जॉनसन एंड जॉनसन, कैटरपिलर आदि के लिए हजारों सेमिनार आयोजित करने लगे। बढ़ती पीढ़ियों के साथ लेस गिबिलिन के लोक व्यवहार के सिद्धांत कालातीत साबित हुए , उनके संदेश आपके जीवन की आवश्यक क्षमता जो जागृत करते हैं और आज की दुनिया में अवैयक्तिक संचार में नया अर्थ लाते हैं.

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