Vichar Jo Kamyab Rahe

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Bhagwati Prasad Dobhal
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Bhagwati Prasad Dobhal
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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‘विचार जो कामयाब रहे’ भारत के बीस अग्रणी उद्योगपतियों, राजनेताओं, अधिकारियों और समाजसेवियों के रोचक और ज्ञानवर्द्धक लेखों का संकलन है। इन लेखों में इन प्रबुद्ध हस्तियों ने बताया है कि कैसे उन्होंने अपने सामने आई चुनौतियों का सामना किया और देशी व नवीन प्रौद्योगिकियों का विकास किया, जिनसे राष्‍ट्र की उन्नति का मार्ग प्रशस्त हुआ। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में आनेवाली चुनौतियों और उनमें मिली सफलताओं के बारे में बताया है, साथ ही पाँच ऐसे मेगा प्रोजेक्ट्स के बारे में भी बताया है, जो हमारे राष्‍ट्र को एक विकसित देश बना सकते हैं। एन.आर. नारायण मूर्ति याद करते हैं कि किस तरह उन्होंने अपनी टीम के साथ इंफोसिस टेक्नोलॉजीज को विश्‍वस्तरीय फॉर्चून 500 कंपनी की सूची में शामिल होने लायक बनाया। रतन टाटा भारत की पहली स्वदेशी जिसकावर्णन इंडिका के निर्माण और उसका डिजाइन तैयार करने से जुड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का ब्योरा देते हैं, तो मुकेश अंबानी 2005 तक नॉलेज इकोनॉमी में भारत द्वारा विश्‍व का नेतृत्व करने के अपने सपने को विस्तार से बताते हैं। आलोक शर्मा ने अपने उन दो सालों के अनुभव का जिक्र किया है, जब उन्होंने प्रतिदिन लगभग दो करोड़ लोगों के जमावड़े वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले कुंभ के आयोजन की तैयारियाँ की थीं, और विलासराव सालुंखे ने पानी पंचायत के विकास का ब्योरा दिया है, जो जल-सक के क्षेत्र में एक नायाब प्रयोग है और जिसने सूखे की मार झेल रहे महाराष्‍ट्र के गाँवों में किसानों की जिंदगी बदल दी है। ये अनुभव भारत के विकास की अंदरूनी कहानियाँ बताएँगे और आपको प्रेरित भी करेंगे। इसी पुस्तक से.

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‘विचार जो कामयाब रहे’ भारत के बीस अग्रणी उद्योगपतियों, राजनेताओं, अधिकारियों और समाजसेवियों के रोचक और ज्ञानवर्द्धक लेखों का संकलन है। इन लेखों में इन प्रबुद्ध हस्तियों ने बताया है कि कैसे उन्होंने अपने सामने आई चुनौतियों का सामना किया और देशी व नवीन प्रौद्योगिकियों का विकास किया, जिनसे राष्‍ट्र की उन्नति का मार्ग प्रशस्त हुआ। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में आनेवाली चुनौतियों और उनमें मिली सफलताओं के बारे में बताया है, साथ ही पाँच ऐसे मेगा प्रोजेक्ट्स के बारे में भी बताया है, जो हमारे राष्‍ट्र को एक विकसित देश बना सकते हैं। एन.आर. नारायण मूर्ति याद करते हैं कि किस तरह उन्होंने अपनी टीम के साथ इंफोसिस टेक्नोलॉजीज को विश्‍वस्तरीय फॉर्चून 500 कंपनी की सूची में शामिल होने लायक बनाया। रतन टाटा भारत की पहली स्वदेशी जिसकावर्णन इंडिका के निर्माण और उसका डिजाइन तैयार करने से जुड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का ब्योरा देते हैं, तो मुकेश अंबानी 2005 तक नॉलेज इकोनॉमी में भारत द्वारा विश्‍व का नेतृत्व करने के अपने सपने को विस्तार से बताते हैं। आलोक शर्मा ने अपने उन दो सालों के अनुभव का जिक्र किया है, जब उन्होंने प्रतिदिन लगभग दो करोड़ लोगों के जमावड़े वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले कुंभ के आयोजन की तैयारियाँ की थीं, और विलासराव सालुंखे ने पानी पंचायत के विकास का ब्योरा दिया है, जो जल-सक के क्षेत्र में एक नायाब प्रयोग है और जिसने सूखे की मार झेल रहे महाराष्‍ट्र के गाँवों में किसानों की जिंदगी बदल दी है। ये अनुभव भारत के विकास की अंदरूनी कहानियाँ बताएँगे और आपको प्रेरित भी करेंगे। इसी पुस्तक से.

About Author

प्रौद्योगिकी ही एक ऐसा साधन है जो हमें शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों बंधनों से मुक्‍त कर सकता है। सूचना प्रौद्योगिकी का अवतार ही अब हमारे जीवन और पूरे राष्‍ट्र की वास्तविकता है। यही एक रास्ता है, जिससे हम एक विकसित राष्‍ट्र बन सकते हैं। भाग्य से हमारे पास तकनीकी सफलता के सारे साधन हैं—लोग, वस्तु, कौशल और मूलभूत ढाँचा। समय आ गया है कि पीडि़त सभ्यता की विचारधारा से ऊपर उठा जाए और अपना भाग्य एक विकसित राष्‍ट्र की तरह बनाने की कोशिश की जाए। —डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तथ्य है कि हमने कई दुग्ध उत्पाद उस समय बनाए जब क्षमता से अधिक दुग्ध का उत्पादन हो रहा था। हमारे इस कार्य ने विकसित डेयरीवाले देशों को हमारा विरोधी बना दिया। वे नहीं चाहते थे कि हम अपने दुग्ध उत्पादों का निर्यात करें। भारत की सबसे बड़ी ताकत इसकी जनता की शक्‍त‌ि है। हमें उस शक्‍त‌ि का प्रयोग रचनात्मक कार्यों को गति देने के लिए करना चाहिए। जब इस शक्‍त‌ि को पेशेवर प्रबंधकों के साथ जोड़ा जाता है, तो यह बड़ी गति से साफ रास्ता बनता है और प्रत्येक बात संभव हो पाती है। —डॉ. वर्गीस कुरियन आर्थिक महाशक्‍त‌ि बनने के लिए भारत अपने रास्ते पर सही चल रहा है। यह वृद्धि करते हुए साथ ही नाटकीय ढंग से अपने लोगों के जीवन स्तर को सुधार सकता है। बेरोजगारी को समाप्‍त कर सकते हैं और अविश्‍वसनीय परिवर्तन हम अपने ग्रामीण भू-भाग को सुधार के कर सकते हैं। मेरा दृढ़ विश्‍वास है कि इस सपने को वास्तविकता में बदला जा सकता है। —मुकेश अंबानी.

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