Vedik Vichar

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Chitranjan Savant
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Chitranjan Savant
Language:
Hindi
Format:
Hardback

188

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जीवन तनावों से भरा हुआ है। काम और घर में पिसते हुए व्यक्ति के लिए शांति की तलाश बहुत ही अहम है। मोक्ष के लिए प्रार्थनाएँ और ईश्वर को प्राप्त करने का मार्ग अति आवश्यक है। इस पुस्तक में ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत (सेवानिवृत्त) ने अपनी 50 वर्षों की सार्वजनिक वार्त्ताओं के माध्यम से समाज के अंधविश्वासों एवं पारंपरिक धार्मिक समारोहों से हटकर जीवन के वैदिक मार्ग पर चलने का आह्वान किया है। जीवन का वैदिक मार्ग प्रार्थनाओं और हवन के द्वारा शांति व पर्यावरणीय शुद्धि के माध्यम से हमारा अंतिम लक्ष्य ‘मोक्ष’ यानी जन्म, मरण और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। इस पुस्तक में ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद के मंत्र अपनी पूर्ण मौलिकता के साथ प्रस्तुत हैं तथा लेखक ने अपनी सुबोध भाषा के साथ इनकी व्याख्या भी की है। क्या वरिष्ठ नागरिक और समाज अपने परिवारों पर बोझ हैं? वे स्वयं को बेकार समझते हुए भविष्य से भयग्रस्त रहते हैं। अकसर हममें से बहुत से लोग ऐसा ही महसूस करते हैं. ब्रिगेडियर सावंत ने वेदों के उद्धरण के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों के वानप्रस्थ और संन्यास आश्रम से होनेवाली सामाजिक भूमिका के महत्त्व को स्पष्ट किया है। उन्होंने मृत्यु और अनिश्चित भविष्य से भयभीत न रहने का परामर्श दिया है, क्योंकि यह तो आत्मा की मोक्ष की यात्रा के गुजरनेवाले पहलू हैं। यह पुस्तक अपने में चारों वेदों के ज्ञान का अमृत समेटे हुए है। यह उन लोगों को अवश्य पढ़नी चाहिए, जो अपने जीवन को एक अर्थ देना चाहते हैं।.

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Description

जीवन तनावों से भरा हुआ है। काम और घर में पिसते हुए व्यक्ति के लिए शांति की तलाश बहुत ही अहम है। मोक्ष के लिए प्रार्थनाएँ और ईश्वर को प्राप्त करने का मार्ग अति आवश्यक है। इस पुस्तक में ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत (सेवानिवृत्त) ने अपनी 50 वर्षों की सार्वजनिक वार्त्ताओं के माध्यम से समाज के अंधविश्वासों एवं पारंपरिक धार्मिक समारोहों से हटकर जीवन के वैदिक मार्ग पर चलने का आह्वान किया है। जीवन का वैदिक मार्ग प्रार्थनाओं और हवन के द्वारा शांति व पर्यावरणीय शुद्धि के माध्यम से हमारा अंतिम लक्ष्य ‘मोक्ष’ यानी जन्म, मरण और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। इस पुस्तक में ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद के मंत्र अपनी पूर्ण मौलिकता के साथ प्रस्तुत हैं तथा लेखक ने अपनी सुबोध भाषा के साथ इनकी व्याख्या भी की है। क्या वरिष्ठ नागरिक और समाज अपने परिवारों पर बोझ हैं? वे स्वयं को बेकार समझते हुए भविष्य से भयग्रस्त रहते हैं। अकसर हममें से बहुत से लोग ऐसा ही महसूस करते हैं. ब्रिगेडियर सावंत ने वेदों के उद्धरण के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों के वानप्रस्थ और संन्यास आश्रम से होनेवाली सामाजिक भूमिका के महत्त्व को स्पष्ट किया है। उन्होंने मृत्यु और अनिश्चित भविष्य से भयभीत न रहने का परामर्श दिया है, क्योंकि यह तो आत्मा की मोक्ष की यात्रा के गुजरनेवाले पहलू हैं। यह पुस्तक अपने में चारों वेदों के ज्ञान का अमृत समेटे हुए है। यह उन लोगों को अवश्य पढ़नी चाहिए, जो अपने जीवन को एक अर्थ देना चाहते हैं।.

About Author

तीन दशकों से अधिक समय तक भारतीय थल सेना में सेवा करते हुए ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत, वी.एस.एम. देशविदेश में अनेक स्थानों पर नियुक्त रहे। उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया। ब्रिगेडियर सावंत 42 वर्षों से इलेक्टॉनिक मीडिया पर गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और अन्य राष्ट्रीय समारोहों का आँखों देखा हाल सुनाते रहे हैं। चीनी भाषीहिंदी के द्विभाषीय होने के कारण भारतचीन सीमा पर नियुक्त रहे, चीन जाकर वहाँ का जनजीवन देखकर, टीवी के लिए वृत्तचित्र भी बनाया और वहाँ की जनता तथा प्रशासन की जानकारी का देशहित में उपयोग किया। आजकल आर्य समाज मंच से वेद प्रचार में संलग्न हैं। प्रस्तुत पुस्तक उन की अंग्रेजी पुस्तक ‘वैदिक थॉट्स’ का हिंदी अनुवाद है। आशा है, इस पुस्तक के माध्यम से वेद ज्ञान आम आदमी तक ले जाने में सरलता होगी और देशवासियों का जीवन सुखमय हो सकेगा।.

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