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Vaigyanik Bharat
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Dr. A.P.J. Abdul Kalam
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Dr. A.P.J. Abdul Kalam
Language:
Hindi
Format:
Hardback
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Book Type |
---|
ISBN:
Page Extent:
28
वैज्ञानिक उपलब्धियों के बारे में प्रश्न करना या वैज्ञानिक खोजों की आवश्यकता के लिए भी प्रश्न करना आजकल फैशन हो गया है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में जब लाखों भारतीय कष्ट भोग रहे हैं, तब भारत को चंद्रयान मिशन पर इतना धन क्यों बरबाद करना चाहिए? चंद्रमा पर जाने में हमारे लिए अच्छा क्या है? भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें प्रत्येक वर्ष ग्रामीण विकास पर वाकई कितना खर्च करती हैं? चंद्रयान पर हुए खर्च से आप इस आँकड़े की तुलना किस प्रकार कर सकते हैं? क्या चंद्रयान परियोजना या नाभिकीय कार्य, जो कि काफी संसाधनों को बचाते हैं, ग्रामीण विकास के लिए उपलब्ध हैं? आपके पास सभी प्रश्नों के उत्तर नहीं हो सकते हैं, फिर भी प्रश्न पूछना महत्त्वपूर्ण है। —इसी पुस्तक से — परमाणु शक्ति-संपन्नता से लेकर ‘मिशन मून’ और ‘अग्नि-v’ तक भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियाँ शानदार रही हैं। भारत के पूर्व राष्ट्रपति और कुशल वैज्ञानिक डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम तथा उनके निकट सहयोगी वाइ. एस. राजन का मानना है कि यह तो केवल प्रारंभ है, आनेवाला समय भारत के उत्कर्ष का है। विज्ञान के प्रति हमारी सोच और दृष्टि को एक धार, एक दिशा देनेवाली पुस्तक, जो इक्कीसवीं शताब्दी में भारत के तकनीकी विकास का ब्लूप्रिंट प्रस्तुत करती है।.
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Description
वैज्ञानिक उपलब्धियों के बारे में प्रश्न करना या वैज्ञानिक खोजों की आवश्यकता के लिए भी प्रश्न करना आजकल फैशन हो गया है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में जब लाखों भारतीय कष्ट भोग रहे हैं, तब भारत को चंद्रयान मिशन पर इतना धन क्यों बरबाद करना चाहिए? चंद्रमा पर जाने में हमारे लिए अच्छा क्या है? भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें प्रत्येक वर्ष ग्रामीण विकास पर वाकई कितना खर्च करती हैं? चंद्रयान पर हुए खर्च से आप इस आँकड़े की तुलना किस प्रकार कर सकते हैं? क्या चंद्रयान परियोजना या नाभिकीय कार्य, जो कि काफी संसाधनों को बचाते हैं, ग्रामीण विकास के लिए उपलब्ध हैं? आपके पास सभी प्रश्नों के उत्तर नहीं हो सकते हैं, फिर भी प्रश्न पूछना महत्त्वपूर्ण है। —इसी पुस्तक से — परमाणु शक्ति-संपन्नता से लेकर ‘मिशन मून’ और ‘अग्नि-v’ तक भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियाँ शानदार रही हैं। भारत के पूर्व राष्ट्रपति और कुशल वैज्ञानिक डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम तथा उनके निकट सहयोगी वाइ. एस. राजन का मानना है कि यह तो केवल प्रारंभ है, आनेवाला समय भारत के उत्कर्ष का है। विज्ञान के प्रति हमारी सोच और दृष्टि को एक धार, एक दिशा देनेवाली पुस्तक, जो इक्कीसवीं शताब्दी में भारत के तकनीकी विकास का ब्लूप्रिंट प्रस्तुत करती है।.
About Author
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के सर्वाधिक जाने-माने वैज्ञानिकों में से हैं। उन्हें भारत का प्रथम उपग्रह प्रक्षेपास्त्र वाहन, एस.एल.वी.-3 और सामरिक प्रक्षेपास्त्रों के विकास का श्रेय प्राप्त है। उन्होंने भारत को आर्थिक रूप से विकसित राष्ट्र बनाने की रूपरेखा ‘भारत विजन 2020’ तैयार करवाई। उन्होंने भारत के राष्ट्रपति पद को भी सुशोभित किया। उन्हें विश्व के अड़तीस विश्वविद्यालयों ने डॉक्टरेट की मानद उपाधियों से सम्मानित किया है। उन्हें भारत के तीन सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पदभूषण’, ‘पद्मविभूषण’ और ‘भारत रत्न’ भी प्रदान किए गए। कलाम ने विभिन्न विषयों पर पंद्रह पुस्तकें लिखी हैं, जिनका विश्व भर की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अब वे कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में विभिन्न सामाजिक विषयों पर व्याख्यान देते हैं। --- वाइ. सुंदर राजन भारतीय उद्योग परिसंघ (C.I.I.) के प्रमुख सलाहकार और ‘टाइफैक’ (TIFAC) के कार्यकारी निदेशक हैं। वे सन् 1966-88 तक ‘इसरो’ (ISRO) एवं डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस से संबद्ध रहे और उपग्रह कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के साथ मिलकर ‘भारत 2020: नवनिर्माण की रूपरेखा’ एवं ‘महाशक्ति भारत’ जैसी प्रसिद्ध पुस्तकों के अतिरिक्त ‘ए टु जेड ऑफ सक्सेज’, ‘सफलता के 400 सूत्र’, ‘शक्तिपुंज भारतवासी’, ‘चूजिंग कॅरियर पाथ्स’ तथा ‘रिमोट सेंसिंग’ पर एक पुस्तक की रचना की है।.
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