Uttar Pradesh Ka Swatantrata Sangram : Maharajganj Hard Cover

Publisher:
Rajkamal
| Author:
DR. ARUN KUMAR TRIPATHI
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Rajkamal
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DR. ARUN KUMAR TRIPATHI
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Hindi
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19वीं सदी के कांग्रेसकालीन आंदोलनों में महराजगंज जनपद का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। उस समय यहाँ की अधिकांश भू​​मि वनाच्छादित थी तथा कृषि-भू​मि गोरखपुर के जमींदारों के हाथ में थी। आबादी भी बहुत अधिक नहीं थी फिर भी यहाँ के निवासियों ने अंग्रेजों को चैन की नींद नहीं सोने दिया। गोरखपुर षड्यंत्र कांड के मुख्य आरोपी प्रो. शिब्बन लाल सक्सेना यहाँ के अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्वतंत्रता सैनिक थे जिन्हें अंग्रेजी शासन ने दस वर्ष जेल की सजा दी। इसी क्षेत्र के अक्षैवर सिंह 1930 में सनहा आंदोलन का नेतृत्व करने के कारण अंग्रेजों के कोप का शिकार हुए। सुधाबिंदु ​त्रिपाठी उग्र क्रांतिकारी संगठन हिंदुस्तान सोशलिस्ट आर्मी से जुडे़ रहे जिन्होंने हथियारों की खरीद के लिए धन-संग्रह के आरोप में कई वर्ष जेल में बिताए।
महराजगंज जिले ने इसके अलावा भी आजादी की लड़ाई में लगातार सक्रियता दिखाई जिसका पूरा विवरण लेखक ने गहन अध्ययन एवं चिंतन के उपरांत इस पुस्तक में दिया है।

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19वीं सदी के कांग्रेसकालीन आंदोलनों में महराजगंज जनपद का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। उस समय यहाँ की अधिकांश भू​​मि वनाच्छादित थी तथा कृषि-भू​मि गोरखपुर के जमींदारों के हाथ में थी। आबादी भी बहुत अधिक नहीं थी फिर भी यहाँ के निवासियों ने अंग्रेजों को चैन की नींद नहीं सोने दिया। गोरखपुर षड्यंत्र कांड के मुख्य आरोपी प्रो. शिब्बन लाल सक्सेना यहाँ के अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्वतंत्रता सैनिक थे जिन्हें अंग्रेजी शासन ने दस वर्ष जेल की सजा दी। इसी क्षेत्र के अक्षैवर सिंह 1930 में सनहा आंदोलन का नेतृत्व करने के कारण अंग्रेजों के कोप का शिकार हुए। सुधाबिंदु ​त्रिपाठी उग्र क्रांतिकारी संगठन हिंदुस्तान सोशलिस्ट आर्मी से जुडे़ रहे जिन्होंने हथियारों की खरीद के लिए धन-संग्रह के आरोप में कई वर्ष जेल में बिताए।
महराजगंज जिले ने इसके अलावा भी आजादी की लड़ाई में लगातार सक्रियता दिखाई जिसका पूरा विवरण लेखक ने गहन अध्ययन एवं चिंतन के उपरांत इस पुस्तक में दिया है।

About Author

डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी

जन्म : 22 नवंबर,1977, ग्राम-तिघरा पंडित, पोस्ट–नगहरा, जिला–बस्ती (उ.प्र.) पिन–272 002

माता का नाम : श्रीमती केशमती त्रिपाठी

पिता का नाम  : स्व. श्री ओंकारनाथ त्रिपाठी; वंश : पुहिला, गोरखपुर।

शिक्षा : एम.ए. (संस्कृत), पीएच.डी.।

प्रकाशित ग्रंथ : ‘नल विलास परिशीलन’; ‘संस्कृत वाङ्मय में भौतिक विज्ञान’; ‘कुंभ महापर्व’ (ऐतिहासिक एवं ग्रंथीय विवेचन); ‘नाथ संप्रदाय के सिद्ध योगी’; ‘नवनाथ’; ‘कथा नाथ पंथ की’ (नाथ संप्रदाय : दर्शन); ‘युवा कल्याणार्थ नाथ पंथ’ (नाथ संप्रदाय : परंपरा); ‘योगी आदित्यनाथ : दृष्टि संवाद’; ‘गोरक्षसहस्रनाम स्तोत्रम्’ (मूल पांडुलिपि का संपादन एवं अनुवाद)।

60 से अधिक शोधपरक निबंधों, आलेखों, शोधपत्रों एवं कविताओं का प्रकाशन।

अप्रकाशित ग्रंथ : ‘तीर्थ राज प्रयाग’, ‘नैषधीयचरितम्’, ‘शंकराचार्य एवं अद्वैत दर्शन’, ‘गोरखपुर सरकार’।

सहभागिता : 44 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलनों में सहभागिता, शोधपत्र प्रस्तुति, रेडियो वार्ता, पांडुलिपि सर्वेक्षण, ​स्क्रिप्टराइटिंग, गीत-लेखन इत्यादि।

संप्रति : अध्यापक, प्रयागराज (उ.प्र.)।

संपर्क : 9918456889, 8840749769

ईमेल : arundeep9918@gmail.com

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