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Urdu Shairi : Meri Pasand
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
श्रेयान्स प्रसाद जैन
| Language:
Urdu
| Format:
Paperback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
श्रेयान्स प्रसाद जैन
Language:
Urdu
Format:
Paperback
₹100 ₹99
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In stock
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ISBN:
SKU
9788126318366
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
112
उर्दू शायरी : मेरी पसन्द –
सुनते ही दिल में उतर जानेवाले शे’रों की उर्दू शायरी में कोई कमी नहीं। मीर, ग़ालिब, दाग़, इक़बाल, फ़िराक़, फ़ैज़, साहिर वग़ैरह के कितने ही शेर रोज़मर्रों की बातचीत में इतने घुल-मिल चुके हैं कि उनका इस्तेमाल किये बग़ैर बात का लुत्फ़ अधूरा रह जाता है। इस बात की ज़रूरत थी कि उर्दू शायरी के अलग-अलग चमन में खिले बेमिसाल फूलों का एक गुलदस्ता तैयार किया जाये, जिससे उनकी ख़ुशबू ज़्यादा से ज़्यादा काव्य-प्रेमियों तक पहुँच सके। निस्सन्देह, यह संग्रह इस ज़रूरत को पूरा करता है।
दरअसल ‘उर्दू शायरी : मेरी पसन्द’ उर्दू शायरी का बिल्कुल अलग तरह का संकलन है। इसमें दर्द की बेजोड़ शायरी तो है ही, उर्दू शायरी के मर्मज्ञ साहू श्रेयांस-प्रसाद जैन की पारखी दृष्टि और उनकी बेहतरीन पसन्द भी इसमें उजागर है। उनकी पसन्द के ख़ास-ख़ास शे’र इस संग्रह में पेश किये जा रहे हैं, इस उम्मीद के साथ कि उद्धरणीय शेरों की तलाश में रहनेवालों की मुराद इससे काफ़ी हद तक पूरी हो सकेगी।
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Description
उर्दू शायरी : मेरी पसन्द –
सुनते ही दिल में उतर जानेवाले शे’रों की उर्दू शायरी में कोई कमी नहीं। मीर, ग़ालिब, दाग़, इक़बाल, फ़िराक़, फ़ैज़, साहिर वग़ैरह के कितने ही शेर रोज़मर्रों की बातचीत में इतने घुल-मिल चुके हैं कि उनका इस्तेमाल किये बग़ैर बात का लुत्फ़ अधूरा रह जाता है। इस बात की ज़रूरत थी कि उर्दू शायरी के अलग-अलग चमन में खिले बेमिसाल फूलों का एक गुलदस्ता तैयार किया जाये, जिससे उनकी ख़ुशबू ज़्यादा से ज़्यादा काव्य-प्रेमियों तक पहुँच सके। निस्सन्देह, यह संग्रह इस ज़रूरत को पूरा करता है।
दरअसल ‘उर्दू शायरी : मेरी पसन्द’ उर्दू शायरी का बिल्कुल अलग तरह का संकलन है। इसमें दर्द की बेजोड़ शायरी तो है ही, उर्दू शायरी के मर्मज्ञ साहू श्रेयांस-प्रसाद जैन की पारखी दृष्टि और उनकी बेहतरीन पसन्द भी इसमें उजागर है। उनकी पसन्द के ख़ास-ख़ास शे’र इस संग्रह में पेश किये जा रहे हैं, इस उम्मीद के साथ कि उद्धरणीय शेरों की तलाश में रहनेवालों की मुराद इससे काफ़ी हद तक पूरी हो सकेगी।
About Author
साहू श्रेयांस प्रसाद जैन
(सन् 1908-1992) -
साहित्य, संस्कृति और कला के संवर्धन में अग्रणी। उद्योग-व्यवसाय के क्षेत्र में ख्यातिलब्ध। सामाजिक गतिविधियों का नेतृत्व। भारतीय ज्ञानपीठ के पूर्व अध्यक्ष एवं अनेक संस्थाओं की प्रगति में सहायक। शे'रो-शायरी के मर्मज्ञ। 'पद्मश्री' उपाधि से अलंकृत।
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