Uff

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
प्रमोद कुमार तिवारी
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Jnanpith Vani Prakashan LLP
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प्रमोद कुमार तिवारी
Language:
Hindi
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Hardback

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SKU 9788126330249 Category
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378

उफ़्फ़ –
जब जीवनानुभव और रचनाशीलता का मेल होता है तब ‘उफ़्फ़’ जैसा उपन्यास जन्म लेता है। प्रमोद कुमार तिवारी ने प्रामाणिक अनुभव के आधार पर असम के जीवन में मचे घमासान को ‘उफ़्फ़’ में पूरे विस्तार से विवेचित किया है। प्रशासन, परम्परा, जीवनशैली, राजनीति और राष्ट्रीय अखंडता आदि त्रिज्याओं के सहारे यह उपन्यास एक बड़ा रचनात्मक वृत्त बनाता है। इसकी परिधि पर हैं राष्ट्रीय चिन्ताएँ और केन्द्र में है ‘भारतीयता’। प्रमोद कुमार तिवारी ने ‘इनसाइडर’ की तरह ‘उफ़्फ़’ की रचना की है। यह उपन्यास प्रशासन में निहित विरूपताओं को सफलतापूर्वक उजागर करता है। व्यंग्य, विडम्बना और क्षोभ इसके रचनात्मक लक्षण बन गये हैं। प्रमोद की भाषा प्राय: निरलंकार है और यही सहजता उनकी शक्ति भी है। राजनैतिक विवेक के साथ लिखा एक महत्त्वपूर्ण उपन्यास । शक्ति, सत्ता और धन के समीकरणों से निर्मित व्यवस्था का चरित्र दिन-ब-दिन जन विरोधी होता जा रहा है। शिखर से धरातल तक एक विचित्र ‘विसंगत व्यवस्था’ की उपस्थिति ने सामान्य जन को स्तब्ध कर रखा है। प्रमोद कुमार तिवारी ‘उफ़्फ़’ में उपन्यास विधा को विमर्शमूलक तेवर प्रदान कर सके हैं, जो कि उल्लेखनीय है ।

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उफ़्फ़ –
जब जीवनानुभव और रचनाशीलता का मेल होता है तब ‘उफ़्फ़’ जैसा उपन्यास जन्म लेता है। प्रमोद कुमार तिवारी ने प्रामाणिक अनुभव के आधार पर असम के जीवन में मचे घमासान को ‘उफ़्फ़’ में पूरे विस्तार से विवेचित किया है। प्रशासन, परम्परा, जीवनशैली, राजनीति और राष्ट्रीय अखंडता आदि त्रिज्याओं के सहारे यह उपन्यास एक बड़ा रचनात्मक वृत्त बनाता है। इसकी परिधि पर हैं राष्ट्रीय चिन्ताएँ और केन्द्र में है ‘भारतीयता’। प्रमोद कुमार तिवारी ने ‘इनसाइडर’ की तरह ‘उफ़्फ़’ की रचना की है। यह उपन्यास प्रशासन में निहित विरूपताओं को सफलतापूर्वक उजागर करता है। व्यंग्य, विडम्बना और क्षोभ इसके रचनात्मक लक्षण बन गये हैं। प्रमोद की भाषा प्राय: निरलंकार है और यही सहजता उनकी शक्ति भी है। राजनैतिक विवेक के साथ लिखा एक महत्त्वपूर्ण उपन्यास । शक्ति, सत्ता और धन के समीकरणों से निर्मित व्यवस्था का चरित्र दिन-ब-दिन जन विरोधी होता जा रहा है। शिखर से धरातल तक एक विचित्र ‘विसंगत व्यवस्था’ की उपस्थिति ने सामान्य जन को स्तब्ध कर रखा है। प्रमोद कुमार तिवारी ‘उफ़्फ़’ में उपन्यास विधा को विमर्शमूलक तेवर प्रदान कर सके हैं, जो कि उल्लेखनीय है ।

About Author

प्रमोद कुमार तिवारी - जन्म : 30 अक्टूबर, 1965, हथडीहा, रोहतास (बिहार)। वर्ष 1991 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रवेश। प्रकाशित कृतियाँ : 'डर हमारी जेबों में', 'अरे चांडाल' (उपन्यास)। पुरस्कार-सम्मान : 'डर हमारी जेबों में' (उपन्यास) 'अन्तरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा सम्मान-वर्ष 2005' से सम्मानित।

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