SaleHardback
TULSIDAS KA SWAPAN AUR LOK
Publisher:
SETU PRAKASHAN
| Author:
JYOTISH JOSHI
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
SETU PRAKASHAN
Author:
JYOTISH JOSHI
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹990 ₹743
Save: 25%
In stock
Ships within:
3-5 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789391277901
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
हिन्दी के प्रतिष्ठित लेखक, आलोचक, समीक्षक ज्योतिष जोशी की आलोचनात्मक पुस्तक ‘तुलसीदास का स्वप्न और लोक’ शीर्षक से प्रकाशित हुई है. सतही तौर पर लग सकता है कि यह पुस्तक भी अन्य सामान्य आलोचनात्मक पुस्तकों की तरह तुलसीदास को संतशिरोमणि एवं भक्त कवि के रूप में अथवा धार्मिक रूढ़िग्रस्त प्रतिक्रियावादी वर्ण व्यवस्था के घोर समर्थक के रूप में चित्रित करने वाली होगी
Be the first to review “TULSIDAS KA SWAPAN AUR LOK” Cancel reply
Description
हिन्दी के प्रतिष्ठित लेखक, आलोचक, समीक्षक ज्योतिष जोशी की आलोचनात्मक पुस्तक ‘तुलसीदास का स्वप्न और लोक’ शीर्षक से प्रकाशित हुई है. सतही तौर पर लग सकता है कि यह पुस्तक भी अन्य सामान्य आलोचनात्मक पुस्तकों की तरह तुलसीदास को संतशिरोमणि एवं भक्त कवि के रूप में अथवा धार्मिक रूढ़िग्रस्त प्रतिक्रियावादी वर्ण व्यवस्था के घोर समर्थक के रूप में चित्रित करने वाली होगी
About Author
डॉ. ज्योतिष जोषी ने पिछले डेढ़ दशक से मौलिक साहित्य, कला और संस्कृति आलोचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए अपनी प्रखर उपस्थिति से सबका ध्यान आकृष्ट किया है । मूलतः गोपालगंज, बिहार निवासी श्री जोशी की प्रमुख कृतियाँ हैं – आलोचना की छवियाँ, विमर्श और विवेचना, जैनेन्द्र और नैतिकता, साहित्यिक पत्रकारिता, पुरखों का पक्ष, उपन्यास की समकालीनता, नैमिचंद जैन, कृति आकृति, रूपंकर, भारतीय कला के हस्ताक्षर, सोनबरसा, संस्कृति विचार, सम्यक, जैनेन्द्र संचयिता, विधा की उपलब्धिः त्यागपत्र व भारतीय कला चिंतन (संपादन)
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “TULSIDAS KA SWAPAN AUR LOK” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Related products
RELATED PRODUCTS
Ganeshshankar Vidyarthi – Volume 1 & 2
Save: 30%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Purn Safalta ka Lupt Gyan Bhag-1 | Dr.Virindavan Chandra Das
Save: 20%
Sacred Books of the East (50 Vols.)
Save: 10%
Reviews
There are no reviews yet.