SaleHardback
Mughal Kaleen Bharat : Humayun : Vol. 2 (HB)
₹2,000 ₹1,400
Save: 30%
Tap Ke Taye Huye Din (HB)
₹295 ₹207
Save: 30%
Tughluq Kaleen Bharat : Vol. 2 (HB)
Publisher:
Rajkamal
| Author:
Trans. : Saiyad Athar Abbas Rizvi
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Rajkamal
Author:
Trans. : Saiyad Athar Abbas Rizvi
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹950 ₹665
Save: 30%
In stock
Ships within:
3-5 days
In stock
ISBN:
SKU
9788126714827
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
यह ग्रन्थ तुगलक़ बादशाहों के महत्त्वपूर्ण कालखंड सन् 1351 से 1398 ई. पर केन्द्रित है। इस दौर में शासन की बागडोर सुल्तान फ़ीरोज़ और उसके उत्तराधिकारियों के हाथों में थी। यह ग्रन्थ उस युग की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध कराता है।
फ़ारसी, अरबी, अंग्रेज़ी और हिन्दी के विद्वान और इतिहासकार डॉ. सैयद अतहर अब्बास रिज़वी ने इस ग्रन्थ का सम्पादन-अनुवाद किया है। उन्होंने इस ग्रन्थ में तत्सम्बन्धी अरबी और फ़ारसी में उपलब्ध तमाम ऐतिहासिक दस्तावेज़ों और सामग्रियों का उपयोग किया है जिनमें ज़ियाउद्दीन बरनी, शम्स सिराज अफ़ीफ़, यहया, मुहम्मद बिहामद ख़ानी, शरफ़ुद्दीन अली यज़दी, सुल्तान फ़ीरोज़ शाह, निज़ामुद्दीन अहमद, मीर मुहम्मद मासूम, हमीद क़लन्दर, ऐनुलमुल्क तथा मुतहर कड़ा जैसे विद्वान लेखकों, इतिहासकारों के ग्रन्थ शामिल हैं।
अनुवाद में फ़ारसी, अरबी के प्रचलित नियमों को, जिनका पालन इतिहासकार करते रहे हैं, ध्यान में रखा गया है। साथ ही आवश्यक टिप्पणियाँ भी जगह-जगह दर्ज कर दी गई हैं ताकि पाठकों को विषय को समझने में सुविधा हो।
इतिहास के छात्रों, शिक्षकों, शोधार्थियों और इतिहासकारों के साथ-साथ इतिहास में रुचि रखनेवाले आम पाठकों के लिए भी ग्रन्थ संग्रहणीय है।
Be the first to review “Tughluq Kaleen Bharat : Vol. 2 (HB)” Cancel reply
Description
यह ग्रन्थ तुगलक़ बादशाहों के महत्त्वपूर्ण कालखंड सन् 1351 से 1398 ई. पर केन्द्रित है। इस दौर में शासन की बागडोर सुल्तान फ़ीरोज़ और उसके उत्तराधिकारियों के हाथों में थी। यह ग्रन्थ उस युग की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध कराता है।
फ़ारसी, अरबी, अंग्रेज़ी और हिन्दी के विद्वान और इतिहासकार डॉ. सैयद अतहर अब्बास रिज़वी ने इस ग्रन्थ का सम्पादन-अनुवाद किया है। उन्होंने इस ग्रन्थ में तत्सम्बन्धी अरबी और फ़ारसी में उपलब्ध तमाम ऐतिहासिक दस्तावेज़ों और सामग्रियों का उपयोग किया है जिनमें ज़ियाउद्दीन बरनी, शम्स सिराज अफ़ीफ़, यहया, मुहम्मद बिहामद ख़ानी, शरफ़ुद्दीन अली यज़दी, सुल्तान फ़ीरोज़ शाह, निज़ामुद्दीन अहमद, मीर मुहम्मद मासूम, हमीद क़लन्दर, ऐनुलमुल्क तथा मुतहर कड़ा जैसे विद्वान लेखकों, इतिहासकारों के ग्रन्थ शामिल हैं।
अनुवाद में फ़ारसी, अरबी के प्रचलित नियमों को, जिनका पालन इतिहासकार करते रहे हैं, ध्यान में रखा गया है। साथ ही आवश्यक टिप्पणियाँ भी जगह-जगह दर्ज कर दी गई हैं ताकि पाठकों को विषय को समझने में सुविधा हो।
इतिहास के छात्रों, शिक्षकों, शोधार्थियों और इतिहासकारों के साथ-साथ इतिहास में रुचि रखनेवाले आम पाठकों के लिए भी ग्रन्थ संग्रहणीय है।
About Author
सैयद अतहर अब्बास रिज़वी
विख्यात इतिहासविद्, सम्पादक, अनुवादक।
जन्म : सन् 1921
कृतियाँ : ‘मुस्लिम रिवाइवलिस्ट मूवमेंट्स इन नार्दर्न इंडिया इन द सिक्सटींथ एंड सेवेंटींथ सेंचुरीज़’ (1965), ‘इंटेलेक्चुअल हिस्ट्री ऑफ़ अकबर्स रेन’ (1971), ‘ए हिस्ट्री ऑफ़ सूफ़ीज्म इन इंडिया’ (दो खंड, 1978 व 1988), ‘शाह वली अल्लाह एंड हिज टाइम्स’ (1980), ‘शाह अब्दुल अज़ीज़’ (1982), ‘सोशियो-इंटेलेक्चुअल हिस्ट्री ऑफ़ द इश्ना अश्री शियाज इन इंडिया’ (दो खंड, 1986)।
अनूदित कृतियाँ : ‘मुक़द्दिमा’ (1961), ‘फतेहपुर सीकरी’ (वी.जे.ए. फ्लीन के साथ, 1975), ‘ईरान : रॉयल्टी, रिलीजन एंड रिवोल्यूशन’ (1980), ‘द वंडर दैट वाज इंडिया’ (दो खंड, 1987)।
विभिन्न पत्रिकाओं व जर्नल्स में आलेख।
निधन : 3 सितम्बर, 1994
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Tughluq Kaleen Bharat : Vol. 2 (HB)” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Related products
RELATED PRODUCTS
Ganeshshankar Vidyarthi – Volume 1 & 2
Save: 30%
Horaratnam of Srimanmishra Balabhadra (Vol. 2): Hindi Vyakhya
Save: 20%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Purn Safalta ka Lupt Gyan Bhag-1 | Dr.Virindavan Chandra Das
Save: 20%
Reviews
There are no reviews yet.