SWAYAM PRAKASH

Publisher:
SETU PRAKASHAN
| Author:
RENU VYAS
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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SETU PRAKASHAN
Author:
RENU VYAS
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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स्वयं प्रकाश के लेखन के पीछे यही प्रेरणा रही है-जो है, उससे बेहतर चाहिए – इंसान, समाज, देश, दुनिया। एक साक्षात्कार में वे कहते हैं-हम एक अधिक सुन्दर, कम क्रूर, अधिक न्यायपूर्ण और अधिक समतापूर्ण समाज बनाने का सपना देखते हैं! जो शक्तियाँ समाज को बाज़ार बना रही हैं, अपने स्वार्थ के लिए इस खूबसूरत नीले ग्रह को बर्बाद कर रही हैं, मनुष्य और मनुष्य के बीच भयानक असमानता पैदा करके हिंसा, लूट, अपराध पैदा कर रही हैं…. उनसे ही तो निपटना है। कलम हाथ में लेकर समतामूलक समाज के स्वप्न के साथ प्रतिबद्धता से अपना पक्ष तय कर हर वंचित के साथ खड़े स्वयं प्रकाश, उस कलम को शोषकों के ख़िलाफ़ लड़ने का हथियार और दुनिया को बदलने का औज़ार बनाते हैं। स्वयं प्रकाश के रचनात्मक जीवन का आरम्भ गीतों से हुआ- रूमानी और क्रान्तिकारी । पहचान मिली उन्हें एक कथाकार के रूप में।

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Description

स्वयं प्रकाश के लेखन के पीछे यही प्रेरणा रही है-जो है, उससे बेहतर चाहिए – इंसान, समाज, देश, दुनिया। एक साक्षात्कार में वे कहते हैं-हम एक अधिक सुन्दर, कम क्रूर, अधिक न्यायपूर्ण और अधिक समतापूर्ण समाज बनाने का सपना देखते हैं! जो शक्तियाँ समाज को बाज़ार बना रही हैं, अपने स्वार्थ के लिए इस खूबसूरत नीले ग्रह को बर्बाद कर रही हैं, मनुष्य और मनुष्य के बीच भयानक असमानता पैदा करके हिंसा, लूट, अपराध पैदा कर रही हैं…. उनसे ही तो निपटना है। कलम हाथ में लेकर समतामूलक समाज के स्वप्न के साथ प्रतिबद्धता से अपना पक्ष तय कर हर वंचित के साथ खड़े स्वयं प्रकाश, उस कलम को शोषकों के ख़िलाफ़ लड़ने का हथियार और दुनिया को बदलने का औज़ार बनाते हैं। स्वयं प्रकाश के रचनात्मक जीवन का आरम्भ गीतों से हुआ- रूमानी और क्रान्तिकारी । पहचान मिली उन्हें एक कथाकार के रूप में।

About Author

रेणु व्यास का जन्म 14 सितम्बर 1975 को हुआ । इन्होंने हिन्दी में‘दिनकर के कृतित्व का साहित्यिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन विषय पर पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। गांधी अध्ययन इनकी रुचि का क्षेत्र है। सम्प्रति ये राजस्थान विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में सहायक आचार्य हैं। इनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं- दिनकर : सृजन और चिंतन, मेरे साक्षात्कार : स्वयंप्रकाश (सम्पादित), कृति-मूल्यांकन : कुरुक्षेत्र (सम्पादित), जो कही गई ना मुझसे ।

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