SaleHardback
Suvarnlata
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
आशापूर्णा देवी
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
आशापूर्णा देवी
Language:
Hindi
Format:
Hardback
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ISBN:
SKU
9788119014088
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
120
सुवर्णलता –
बांग्ला कथा-साहित्य की कालजयी रचनाकार श्रीमती आशापूर्णा देवी की लेखनी से सृजित उपन्यास ‘सुवर्णलता’ अपनी कथा-वस्तु और शैली शिल्प में इतना अद्भुत है कि पढ़ना प्रारम्भ करने के बाद इसे छोड़ पाना कठिन है। उपन्यास समाप्त करने के बाद भी इसके पात्र—सुवर्णलता और सुवर्णलता के जीवन तथा परिवेश से सम्बद्ध पात्र—मन पर छाये रहते हैं, क्योंकि ये सब इतने जीते-जागते चरित्र हैं, इनके कार्यकलाप, मनोभाव, रहन-सहन, बातचीत सब-कुछ इतना सहज, स्वाभाविक है और मानव मन के घात-प्रतिघात इतने मनोवैज्ञानिक हैं कि पाठक को वे अपने से ही प्रतीत होते हैं। निस्सन्देह इस उपन्यास में लेखिका का दृष्टिकोण एक बहुआयामी विद्रोहिणी की नज़र है।
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Description
सुवर्णलता –
बांग्ला कथा-साहित्य की कालजयी रचनाकार श्रीमती आशापूर्णा देवी की लेखनी से सृजित उपन्यास ‘सुवर्णलता’ अपनी कथा-वस्तु और शैली शिल्प में इतना अद्भुत है कि पढ़ना प्रारम्भ करने के बाद इसे छोड़ पाना कठिन है। उपन्यास समाप्त करने के बाद भी इसके पात्र—सुवर्णलता और सुवर्णलता के जीवन तथा परिवेश से सम्बद्ध पात्र—मन पर छाये रहते हैं, क्योंकि ये सब इतने जीते-जागते चरित्र हैं, इनके कार्यकलाप, मनोभाव, रहन-सहन, बातचीत सब-कुछ इतना सहज, स्वाभाविक है और मानव मन के घात-प्रतिघात इतने मनोवैज्ञानिक हैं कि पाठक को वे अपने से ही प्रतीत होते हैं। निस्सन्देह इस उपन्यास में लेखिका का दृष्टिकोण एक बहुआयामी विद्रोहिणी की नज़र है।
About Author
आशापूर्णा देवी -
(1909-1995) 'ज्ञानपीठ पुरस्कार', 'भुवन मोहिनी स्मृति पदक' और 'रवीन्द्र पुरस्कार' से सम्मानित तथा 'पद्मश्री' से विभूषित आशापूर्णा जी अपनी एक सौ सत्तर से भी अधिक कृतियों द्वारा सर्वभारतीय स्वरूप को गौरवान्वित करती हुई आजीवन साहित्य-साधना में संलग्न रहीं।
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