Srishti Utpatti

Publisher:
MEERA PRAKASHAN
| Author:
Ramnath Gupta
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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MEERA PRAKASHAN
Author:
Ramnath Gupta
Language:
Hindi
Format:
Paperback

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सृष्टि की उत्पत्ति सदा से ही रहस्मय रही है। प्राचीन ऋषि और आधुनिक वैज्ञानिक आज तक यह नहीं जान पाए हैं कि सृष्टि की उत्पत्ति केसे और किसके द्वारा हुई। ऋग्वेद के दसवें मंडल के 129वें सूक्त, जिसे नासदीय या सृष्टिसूक्त कहते हैं, लिखा है ‘यह सृष्टि किस विधि से किन पदार्थों से, किस आधार पर प्रकट हुई, यह कौन जानता है कौन बताए और किसकी दृष्टि यह सब देख सकती है? क्योंकि सभी इस सृष्टि के बाद ही उत्पन्न हुए हैं, इसलिए यह सृष्टि किससे उत्पन्न हुई कौन जानता है? इस सृष्टि का अतिशय विस्तार जिससे उत्पन्न हुआ, वह इसे धारण किए है, रखे है या यह बिना आधार के ही है? यह सब कुछ वही जानता है, जो परम आकाश में रहने वाला इस सृष्टि का नियन्ता है या शायद परमाकाश में स्थित वह भी नहीं जानता।’आमुख, 1– भूमिका, 2– सृष्टि की उत्पत्ति भागवतपुराणानुसार, 3– सृष्टि की उत्पत्ति देवीभागवत एवं देवीपुराणानुसार, 4– सृष्टि की उत्पत्ति विष्णुपुराणानुसार, 5– सृष्टि की उत्पत्ति ब्रह्मवैवर्तपुराणानुसार, 6– सृष्टि की उत्पत्ति मत्स्यपुराणानुसार, 7– विष्णु की उत्पत्ति, 8– ब्रह्मा की उत्पत्ति, ब्रह्माजी की आयु, 9– शिव की उत्पत्ति, 10– त्रिमूर्ति की एकता, 11– ब्रह्माजी द्वारा मानस–पुत्रों की रचना, 12– ब्रह्माजी द्वारा विविध प्रकार की सृष्टियों की रचना, 13– मनु–शतरूपा, 14– दक्ष और प्रसूति, 15– दक्ष प्रजापति का पुनर्जन्म, 16– कश्यप ऋषि ।

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सृष्टि की उत्पत्ति सदा से ही रहस्मय रही है। प्राचीन ऋषि और आधुनिक वैज्ञानिक आज तक यह नहीं जान पाए हैं कि सृष्टि की उत्पत्ति केसे और किसके द्वारा हुई। ऋग्वेद के दसवें मंडल के 129वें सूक्त, जिसे नासदीय या सृष्टिसूक्त कहते हैं, लिखा है ‘यह सृष्टि किस विधि से किन पदार्थों से, किस आधार पर प्रकट हुई, यह कौन जानता है कौन बताए और किसकी दृष्टि यह सब देख सकती है? क्योंकि सभी इस सृष्टि के बाद ही उत्पन्न हुए हैं, इसलिए यह सृष्टि किससे उत्पन्न हुई कौन जानता है? इस सृष्टि का अतिशय विस्तार जिससे उत्पन्न हुआ, वह इसे धारण किए है, रखे है या यह बिना आधार के ही है? यह सब कुछ वही जानता है, जो परम आकाश में रहने वाला इस सृष्टि का नियन्ता है या शायद परमाकाश में स्थित वह भी नहीं जानता।’आमुख, 1– भूमिका, 2– सृष्टि की उत्पत्ति भागवतपुराणानुसार, 3– सृष्टि की उत्पत्ति देवीभागवत एवं देवीपुराणानुसार, 4– सृष्टि की उत्पत्ति विष्णुपुराणानुसार, 5– सृष्टि की उत्पत्ति ब्रह्मवैवर्तपुराणानुसार, 6– सृष्टि की उत्पत्ति मत्स्यपुराणानुसार, 7– विष्णु की उत्पत्ति, 8– ब्रह्मा की उत्पत्ति, ब्रह्माजी की आयु, 9– शिव की उत्पत्ति, 10– त्रिमूर्ति की एकता, 11– ब्रह्माजी द्वारा मानस–पुत्रों की रचना, 12– ब्रह्माजी द्वारा विविध प्रकार की सृष्टियों की रचना, 13– मनु–शतरूपा, 14– दक्ष और प्रसूति, 15– दक्ष प्रजापति का पुनर्जन्म, 16– कश्यप ऋषि ।

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