SHRIMAD BHAGWAT NEW

Publisher:
MANJUL
| Author:
PT MURLIDHAR CHATURVEDI
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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MANJUL
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PT MURLIDHAR CHATURVEDI
Language:
Hindi
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Paperback

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मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है, परन्तु यह जानते हुये भी मनुष्य भोगमयी जीवन को छोड़ नहीं पाता। अत: इस भोगमयी जीवन से भावमयी जीवन के चिन्तन की ओर ले जाने के लिये भागवत शास्त्र की रचना की गई है। इस शास्त्र का सार है, जीव को भौतिक चेतना से उठाकर भागवत चेतना में स्थापित करना। परमात्मा की कथा अमृत तुल्य है और यह ताप दग्धित जीवन में अमृत का सिंचन करती है। इसके श्रवण मात्र से शुभमंगल एवं श्रीनिधि की प्राप्ति होती है क्योंकि भागवत शास्त्र परमात्मा नारायण की साक्षात मूर्ति है। श्रीमद् भागवत एक ज्ञानदीप है जिसके प्रकाश में मानव अपने जीवन का संचालन करता है। श्रीहरि का स्वभाव साधारण और असाधारण दोनों को आकर्षित करता है तथा श्रीहरि की अहेतु की भक्ति व निष्काम भक्ति से ही परमात्मा की प्राप्ति होती है। यह ग्रंथ उच्च कोटि की पवित्र प्रेरणा देता है। मीरा, तुकाराम, ध्रुव, प्रहलाद आदि कई संतपुरूषों ने भक्ति से ही परमात्मा की प्राप्ति की है । भागवत ब्रम्हविद्या का विज्ञान है और यह व्यक्ति को भावमय जीवन की ओर ले जाकर परमात्मा का चिंतन कराता हुआ, परमात्मा की प्राप्ति सहज रूप से करा देता है। यही इस शास्त्र की विशेषता है।

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Description

मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है, परन्तु यह जानते हुये भी मनुष्य भोगमयी जीवन को छोड़ नहीं पाता। अत: इस भोगमयी जीवन से भावमयी जीवन के चिन्तन की ओर ले जाने के लिये भागवत शास्त्र की रचना की गई है। इस शास्त्र का सार है, जीव को भौतिक चेतना से उठाकर भागवत चेतना में स्थापित करना। परमात्मा की कथा अमृत तुल्य है और यह ताप दग्धित जीवन में अमृत का सिंचन करती है। इसके श्रवण मात्र से शुभमंगल एवं श्रीनिधि की प्राप्ति होती है क्योंकि भागवत शास्त्र परमात्मा नारायण की साक्षात मूर्ति है। श्रीमद् भागवत एक ज्ञानदीप है जिसके प्रकाश में मानव अपने जीवन का संचालन करता है। श्रीहरि का स्वभाव साधारण और असाधारण दोनों को आकर्षित करता है तथा श्रीहरि की अहेतु की भक्ति व निष्काम भक्ति से ही परमात्मा की प्राप्ति होती है। यह ग्रंथ उच्च कोटि की पवित्र प्रेरणा देता है। मीरा, तुकाराम, ध्रुव, प्रहलाद आदि कई संतपुरूषों ने भक्ति से ही परमात्मा की प्राप्ति की है । भागवत ब्रम्हविद्या का विज्ञान है और यह व्यक्ति को भावमय जीवन की ओर ले जाकर परमात्मा का चिंतन कराता हुआ, परमात्मा की प्राप्ति सहज रूप से करा देता है। यही इस शास्त्र की विशेषता है।

About Author

पंडित मुरलीधर चतुर्वेदी 26 वर्षों तक केन्द्रीय सरकार के रक्षा लेखा विभाग में अधिकारी के पद पर कार्यरत रहे। ज्योतिष क्षेत्र में कार्य की अधिकता होने के कारण 10 वर्ष पहले ही रक्षा लेखा विभाग से सेवानिवृत्ति लेकर ज्योतिष कार्य को पूर्णकालीन समय देना शुरु कर दिया। तत्पश्चात् आपने सोना-चाँदी व जवाहरात के व्यवसाय में कदम रखा और चतुर्वेदी जेम्स एण्ड ज्वेर्ल्स की स्थापना की तथा इसकी प्रतिष्ठा को बढाने में अपने शहर एवं आस-पास के क्षेत्रों में सर्वप्रथम हॉलमार्क आभूषणों की बिक्री द्वारा ग्राहकों का विश्वास अर्जित किया। आज आप के दोनों पुत्र, अग्रज प्रभात व कनिष्ठ प्रशान्त चतुर्वेदी इस व्यवसाय को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं। आप सन् 1998 से श्रीमद् भागवत महापुराण का अध्ययन एक पाठक के रूप में निरन्तर करते रहे हैं। अत: स्वत: भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरणा हुई की भागवत को आसानी से समझ में आने वाली सरल हिन्दी भाषा में पाठकों के लिये लिखें, और इस प्रकार यह विगत तीन वर्षों के दौरान लिखी गई। आप प्रख्यात ज्योतिषाचार्य हैं और श्रीमद् भागवत का पाठ प्रतिदिन करते हैं व फलस्वरूप कृष्ण कृपा की अनुभूति सदा अनुव करते हैं ।

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