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SHABDON KA SAFAR-2 (HB)

Publisher:
Rajkamal Prakashan
| Author:
AJIT WADNEKAR
| Language:
English
| Format:
Hardback
Publisher:
Rajkamal Prakashan
Author:
AJIT WADNEKAR
Language:
English
Format:
Hardback

1,036

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3-5 days

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Weight 551 g
Book Type

ISBN:
SKU 9788126722549 Category Tag
Page Extent:
357

ब्लॉग-जगत में भाषा के प्रेमियों के बीच अजित न का एक बहुत रसीला ब्लॉग, शब्दों का सफ़र, अर्से से लोकप्रिय रहा है । अजित जी ने आम बोलचाल के शब्दों के रहस्य खोल कर भाषा की अंतरराष्ट्रीय और संस्करण की जटिल और लंबी प्रक्रिया से भी पाठकों का परिचय कराया है । इसका पुस्तकाकार प्रकाशन देखना सुखद है । –मृणाल पाण्डे, वरिष्ठ कथाकार-पत्रकार अजित न प्रमाण है कि हिंदी रुकेगी नहीं । कम से कम लेकिन रोचक शब्दों में अधिक से अधिक कह देना उनके शब्दों के सफ़र की पहचान है । उनकी छोटी-छोटी ललित लोल रचनाओं में री, प्रवाह, लय का आस्वाद है । सच तो ये है कि यह मानवता के विकास का महासफ़र है । –अरविन्द कुमार, ख्यात कोशकार बहुत शोधपरक, उपयोगी और महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ । हिंदी में इतनी संलग्नता के साथ ऐसा परिश्रम करने वाले विरले ही होंगे । तपस्या कहूँ कि लगन कि साधना or a passionate pursuit? Whatever, you are doing a very useful job Kudos ! big Big Kudos — उदय प्रकाश, वरिष्ठ साहित्यकारा|

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Description

ब्लॉग-जगत में भाषा के प्रेमियों के बीच अजित न का एक बहुत रसीला ब्लॉग, शब्दों का सफ़र, अर्से से लोकप्रिय रहा है । अजित जी ने आम बोलचाल के शब्दों के रहस्य खोल कर भाषा की अंतरराष्ट्रीय और संस्करण की जटिल और लंबी प्रक्रिया से भी पाठकों का परिचय कराया है । इसका पुस्तकाकार प्रकाशन देखना सुखद है । –मृणाल पाण्डे, वरिष्ठ कथाकार-पत्रकार अजित न प्रमाण है कि हिंदी रुकेगी नहीं । कम से कम लेकिन रोचक शब्दों में अधिक से अधिक कह देना उनके शब्दों के सफ़र की पहचान है । उनकी छोटी-छोटी ललित लोल रचनाओं में री, प्रवाह, लय का आस्वाद है । सच तो ये है कि यह मानवता के विकास का महासफ़र है । –अरविन्द कुमार, ख्यात कोशकार बहुत शोधपरक, उपयोगी और महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ । हिंदी में इतनी संलग्नता के साथ ऐसा परिश्रम करने वाले विरले ही होंगे । तपस्या कहूँ कि लगन कि साधना or a passionate pursuit? Whatever, you are doing a very useful job Kudos ! big Big Kudos — उदय प्रकाश, वरिष्ठ साहित्यकारा|

About Author

अजित वडनेरकर सीहोर मध्यप्रदेश में पैदाइश (1962)। राजगढ़ (ब्यावरा) के सरकारी कॉलेज से हिंदी में एम.ए.। शानी के साहित्य पर लघुशोध। इसके एक हिस्से का नेशनल पब्लिशिंग हाऊस से प्रकाशन। इकत्तीस वर्षों से पत्रकारिता। इक्कीस वर्ष प्रिंट मीडिया में, सात साल टीवी पत्रकारिता। नवभारत टाइम्स, दैनिक भास्कर, दिव्यमराठी, आजतक, जी न्यूज, स्टार न्यूज आदि से सम्बद्ध रहे। वर्तमान में अमर उजाला समूह में संपादक। 2013 से 2016 तक वाराणसी और 2016 से झाँसी संस्करण क ा प्रभार। विभिन्न भाषाओं से हिंदी में आ मिले शब्दों के जन्मसूत्रों की तलाश और उनकी विवेचना की परियोजना है—‘शब्दों का सफ़र’। बोलचाल की हिंदी को उसका बहुउपयोगी व्युत्पत्ति कोश मिल सके, यह प्रयास है। संस्कृतियों के निर्माण और वैश्विक विकास में हमारी विराट वाग्मिता का जो योगदान रहा है, उसे धर्म, समाज, राजनीति के वर्तमान वितंडात्मक संदर्भों से हटकर देखने की आवश्यकता के मद्देनज़र ही ‘शब्दों का सफ़र’ नाम से यह दस खंडों में समाप्त होनेवाला काम हाथ में लिया गया है।

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